Jabalpur. हाईकोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए एक दर्जन से ज्यादा नाम भेजे गए हैं, जिनमें से आधे उच्च न्यायिक सेवा और आधे वकीलों के बीच में से हैं। ये सभी नाम सुप्रीम कोर्ट भेज दिए गए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट कालेजियम की स्वीकृति मिलना बाकी है। जिसके बाद राष्ट्रपति द्वारा न्यायाधीशों की नियुक्ति की जाएगी।
लिस्ट में इनके नाम शामिल
जिन उच्च न्यायिक सेवा के अधिकारियों के नाम भेजे गए हैं उनमें रीवा के प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश रूपेश चंद्र वार्षणेय, जिला न्यायाधीश सतर्कता अनुराधा शुक्ला, प्रतिनियुक्ति पर सचिव संजीव सुधाकर, प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश ग्वालियर प्रेम नारायण सिंह, प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विदिशा अंचल कुमार पालीवाल व प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश छतरपुर हृदेश के नाम शामिल हैं। इसी तरह जिन वकीलों के नाम लिस्ट में शामिल हैं उनमें अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत सिंह, हरप्रीत सिंह रूपराह, अमित सेठ, एपी श्रोती, आशीष श्रोती, अतुल नेमा व अर्पण जे पवार के नाम हैं।
20 पद हैं रिक्त
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में जजों की कुल स्वीकृत पदों की संख्या 53 है। इसके मुकाबले वर्तमान में महज 33 जज पदस्थ हैं। इस तरह 22 पद रिक्त हैं। यदि एक दर्जन से अधिक नए नामों को मंजूरी मिल गई तो जजों की कमी की समस्या काफी हद तक दूर हो जाएगी। इससे 4 लाख से ज्यादा लंबित मुकदमों के बोझ से दबे हाईकोर्ट को राहत मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा।
एक नाम पर हाईकोर्ट बार ने जताया विरोध
हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने लिस्ट में शामिल एक नाम पर आपत्ति जताई है। हाईकोर्ट बार ने इस बाबत कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाकर एकमत से प्रस्ताव पारित किया। हाईकोर्ट बार के सचिव अधिवक्ता परितोष त्रिवेदी ने बताया कि हाईकोर्ट बार की आपात बैठक बुलाई गई जिसमें सभी पदाधिकारी मौजूद रहे। सभी ने गंभीर मंत्रणा करने के बाद अतिरिक्त महाधिवक्ता भरत सिंह को जज बनाए जाने की प्रक्रिया का हरसंभव विरोध करने का निर्णय लिया है। बार सिंह के उत्तर प्रदेश के मूल निवासी होने को मुद्दा बना रहा है। बता दें कि भरत सिंह महज 1 साल पहले ही मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में पैरवी करने आने लगे हैं। बार का मानना का है कि उनका नाम भेजे जाने से प्रदेश के एक योग्य अधिवक्ता का हक मारा गया है।