Indore. मध्य प्रदेश के इंदौर में मानवता को शर्मशार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक मां ने अपनी बेटी के साथ छोटी सी बात पर दरिंदगी की है। महिला ने अपनी नौ साल की बेटी के प्राइवेट पार्ट को कथित तौर पर जला दिया। महिला ने बच्ची को गोद लिया था। पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि मासूम के प्राईवेट पार्ट को जलने के साथ—साथ चोटों के निशान भी मिले हैं।
एमआईजी थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि गोद ली हुई बेटी के प्राइवेट पार्ट को बिस्तर गीला करने पर सौतेली मां ने जला दिया है। उन्होंने बताया कि 40 वर्षीय महिला के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 294, 323, 324 और 506 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपी महिला और गोद ली हुई बच्ची के परिजनों से करीबी रिश्तेदारी है। बच्ची ने पुलिस को कहा है कि वह मामा-मामी के साथ नहीं रहना चाहती। इसके बाद बच्ची को वन स्टाप सेंटर में रखने की कवायद की जा रही है। बच्ची मूलत: लखनऊ की रहने वाली है। पुलिस के अनुसार मां की मौत हो चुकी है और पिता लखनऊ में रहता है।फिलहाल पिता से संपर्क नहीं हुआ है। मां की मौत के बाद नेहरू नगर निवासी मामी लक्ष्मी जायसवाल ने बच्ची को गोद ले लिया था। लक्ष्मी का पति रामप्रकाश शराब पीने का आदी है। कभी-कभी बच्ची बिस्तर पर पेशाब कर देती थी।इस बात पर लक्ष्मी उसके साथ बेरहमी से मारपीट करती थी। कई बार तो उसने बच्ची को चिमटे से जला तक दिया। शनिवार शाम बच्ची से कहा कि तुझे तो नदी में बहा दूंगी। बच्ची घबरा गई थी और वह घर से भाग गई। लोगों ने बच्ची को देखा तो चाइल्ड हेल्प लाइन को सूचना दी जिसके बाद बच्ची को थाने ले जाया गया। शिकायत पर एमआइजी थाने में रविवार को मामी लक्ष्मी के खिलाफ धारा 324, 323, 294, 506 में प्रकरण दर्ज किया। मामले में पुलिस ने धारा 326ए भी लगा दी है। आरोपितों पर पाक्सो एक्ट भी लग सकता है। इस संबंध में जांच की जा रही है।
क्रूरता की हदें की पार
इस बीच, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की अध्यक्ष पल्लवी पोरवाल ने कहा कि मासूम के निजी अंगों पर गंभीर चोटें आई हैं। उसके सिर पर कुछ बाल उखड़ गए हैं। साथ ही उसके शरीर पर चोटों के निशान हैं। उन्होंने कहा कि बच्ची की हालत देखकर ऐसा लगता है कि जिस महिला ने उसे गोद लिया है वह विकृत मानसिकता की है, क्योंकि उसने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी हैं।
गंभीर धाराओं में दर्ज होनी चाहिए घटना
उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी महिला के खिलाफ हल्की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की है और उन्हें मामले में यौन अपराध अधिनियम (पॉक्सो) के तहत बाल संरक्षण के प्रासंगिक प्रावधानों को भी शामिल करना चाहिए। मामले में जांच अधिकारी ने कहा कि डॉक्टर पीड़िता का इलाज कर रहे हैं। उसके बयान दर्ज कर अन्य संबंधित धाराएं जोड़ी जाएंगी।