बैतूल. मंगलवार यानी 7 सितंबर को एंबुलेस की लापरवाही का मामला सामने आया। दामजीपुरा में हॉस्पिटल से छोड़ने जा रही एंबुलेंस ने महिला को घर से 20 किलोमीटर पहले सुनसान इलाके में ही छोड़ दिया। इसका वीडियो भी सामने आया है। महिला की दो दिन पहले ही डिलीवरी हुई थी। महिला को पैदल चलता देखकर समाजसेवियों ने उसे गाड़ी से घर तक पहुंचाया।
दो दिन के बच्चे को लेकर चली 3 किमी
भीमपुरखंड के भुरभुर गांव की रहने वाली बुललो सलामे को डिलीवरी के लिए उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया। 5 सितंबर जहां उसने एक बच्चों को जन्म दिया। 7 सितंबर को उसकी अस्पताल से छुट्टी कर दी गई। जननी एक्सप्रेस को उसे उसके गांव छोड़ने की जिम्मेदारी दी गई थी। जननी एक्सप्रेस ने महिला और उसकी सास को बैठाया। 60 किमी का सफर तय करने के बाद खराब सड़क बताकर रास्ते में छोड़ दिया।
लोगों ने बढ़ाया मदद का हाथ
देर शाम के वक्त दोनों सास, बहू दो दिन के बच्चे को गोद में उठाए किसी तरह पैदल दामजीपुरा पहुंचीं। यहां शांति समिति की बैठक में मौजूद तहसीलदार को उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाया। यहां मौजूद समाजसेवी इदरीश वीरानी के वाहन से उन्हें 20 किमी दूर उनके घर भेजा गया। इस दौरान तहसीलदार ने बीएमओ से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन फोन बंद होने से संपर्क नहीं हो सका।