GWALIOR/SHEOPUR. मध्य प्रदेश में आज (18 फरवरी को) साउथ अफ्रीका से 12 चीते लाए गए। विशेष विमान चीतों को लेकर पहले ग्वालियर पहुंचा। यहां से चीतों को एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर से पालपुर कूनो ले जाया गया। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने चीतों को बाड़े में छोड़ा।
#WATCH | Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan releases the second batch of 12 Cheetah brought from South Africa, to their new home Kuno National Park in Madhya Pradesh. pic.twitter.com/uQuWQRcqdh
— ANI (@ANI) February 18, 2023
चीता प्रोजेक्ट मोदी जी की सोच को आगे बढ़ा रहा- शिवराज
फिर मध्य प्रदेश को बहुत बड़ी सौगात मिली है। मैं मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूं। आज साउथ अफ्रीका से 12 चीते और आए। अब 20 चीते हो गए हैं। पहले जो चीते आए थे, वो यहां के माहौल में ढल चुके हैं। वे पूरी तरह से स्वस्थ हैं। प्रधानमंत्री की जो सोच है कि पर्यावरण के साथ वन्य प्राणियों को बचाना है। ये चीता प्रोजेक्ट इसी भाव को आगे बढ़ाने का प्रयास है। चीते सुरक्षित रहें, इसके लिए कुल्हाड़ी छोड़ो अभियान चला रहे हैं। चीते भी सुरक्षित रहें, पेड़ भी ना कटें। मैं पूरी टीम को बधाई देता हूं, साउथ अफ्रीका के ऑफिशियल्स, फॉरेस्ट डिपार्टमेंट के अधिकारी-कर्मचारियों को धन्यवाद देता हूं।
An IAF C-17 aircraft carrying the second batch of 12 Cheetahs landed at Air Force Station Gwalior earlier today, after a 10-hour flight from Johannesburg, South Africa.
These Cheetahs were later airlifted in IAF helicopters and have reached the Kuno National Park.
(Pics: IAF) pic.twitter.com/9ayglmaZ8O
— ANI (@ANI) February 18, 2023
इससे पहले 17 सितंबर 2022 को 8 चीते नामीबिया से लाए गए थे। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था, उन्होंने ही चीतों को कूनो के बाड़े में छोड़ा था।
#WATCH | Indian Air Force’s (IAF) C-17 Globemaster aircraft carrying 12 cheetahs from South Africa lands in Madhya Pradesh’s Gwalior. pic.twitter.com/Ln19vyyLP5
— ANI (@ANI) February 18, 2023
भारत के माहौल में ढल रहे चीते, हर साल 10-12 चीते भारत लाने की तैयारी
चीता प्रोजेक्ट के प्रमुख एसपी यादव ने बताया कि पिछली बार लाए गए आठों चीते तेजी से स्थानीय वातावरण में ढल रहे हैं, एक को छोड़कर बचे हुए सभी चीते पूरी तरह स्वस्थ है। मादा चीता शाशा की तबीयत थोड़ी ख़राब हुई थी, लेकिन इलाज के बाद अब वो ठीक हो रही है। सभी चीते 3-4 दिनों में एक बार प्राकृतिक तौर पर अपने खाने के लिए शिकार कर रहे हैं, जो उनके वातावरण में ढलने का एक बड़ा संकेत है।
यादव ने ये भी बताया कि दक्षिण अफ्रीका से हुए अनुबंध के मुताबिक अगले 10 साल तक हर साल 10 से 12 चीते भारत लाए जाएंगे। सरकार की पहली कोशिश कूनो नेशनल पार्क में 40 से ज्यादा प्राणियों को प्राकृतिक तौर पर बसाना है।