BHOPAL. वित्तीय साल 2023-24 के लिए केंद्र सरकार का बजट 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। इस बजट से राज्य सरकार के अलावा मध्य प्रदेश की जनता को भी कई आशाएं हैं। वहीं प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। इस वजह से प्रदेश सरकार का पूरा ध्यान लोगों की मूलभूत सुविधाओं सड़क, बिजली, पानी, आवास, ट्रांसपोर्ट पर है। केंद्र सरकार ने आम बजट 2023-24 में मध्यप्रदेश को केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के तहत 3500 करोड़ रुपए का प्रविधान रखा है।
वित्तीय वर्ष में 10,435 करोड़ रुपए ज्यादा मिले
मध्य प्रदेश को केंद्रीय करों के हिस्से से वर्तमान वित्तीय वर्ष में 10,435 करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। वहीं, आगामी वित्तीय वर्ष 2023-24 में 80 हजार 183 करोड़ रुपए केंद्रीय करों के माध्यम से मिलेंगे। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अर्थव्यवस्था में आई गति का फायदा मध्य प्रदेश सहित सभी राज्यों को मिला है। केंद्र सरकार ने केंद्रीय करों में हिस्सा वर्ष 2022-23 में 23 प्रतिशत बढ़ाकर 64 हजार 107 करोड़ रुपए प्रस्तावित किया था। पुनरीक्षित बजट में इसे बढ़ाकर 74 हजार 542 करोड़ रुपए कर दिया है। इसका लाभ यह होगा कि प्रदेश में अभी जो योजनाएं चल रही हैं, उनके लिए तृतीय अनुपूरक बजट में ज्यादा राशि दी जा सकेगी।
परियोजना पर खर्च होंगे 46 हजार करोड़
जानकारी के मुताबिक केन-बेतवा लिंक परियोजना पर कुल 46 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्र सरकार 46 हजार करोड़ रुपए में से 1100 करोड़ रुपए मौजूदा वित्तीय साल में दे चुकी है। केन-बेतवा नदी जोड़ने से सबसे ज्यादा लाभ बुंदेलखंड को मिलेगा। इसमें मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के 13 जिले आते हैं।
इनको फायदा
- मध्यप्रदेश में इन जिलों को फायदा- पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह,रायसेन, विदिशा, शिवपुरी और दतिया आते हैं।
करीब 62 लाख लोगों को मिलेगा पीने का पानी
वहीं केन-बेतवा नदी जोड़ने के लिए 221 किलोमीटर लंबी केन-बेतवा लिंक नहर बनाई जाएगी। दोनों नदियों के मिलने से करीब 62 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। दोनों राज्यों ( मप्र और उप्र) के बीच पानी के बंटवारे का भी प्लान तैयार किया गया है। इसमें हर साल नवंबर से अप्रैल महीने के बीच (नॉन मानसून सीजन) में उत्तरप्रदेश को 750 एमसीएम तो वहीं मप्र को 1834 एमसीएम पानी मिलेगा। इन सभी बिंदुओं पर दोनों राज्य सरकारों का केंद्र सरकार के साथ समझौता किया गया है। इसी समझौते को एमओए (मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट) कहा जा रहा है।
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प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में शुरू होंगे नर्सिंग कॉलेज
केंद्रीय बजट में 2014 के बाद बने सभी मेडिकल कालेजों में नर्सिंग कालेज शुरू करने की घोषणा का मध्य प्रदेश को बड़ा फायदा मिला है। इस दौरान प्रदेश में 7 मेडिकल कालेज खुले हैं। इनमें शहडोल, रतलाम, खंडवा, दतिया, विदिशा,छिंदवाड़ा और शिवपुरी आते हैं। यहां पर नर्सिंग कालेज खुलने से यहां बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग कोर्स शुरू हो सकेंगे।