BHOPAL. कमलनाथ सरकार की किसान कर्जमाफी योजना एक बार फिर चर्चा में है। शिवराज सरकार इस कर्जमाफी योजना को बोगस और छलावा बताकर इनकार करती रही है। कांग्रेस ने फिर एक नया दांव खेला है। कांग्रेस ने कर्जमाफी से जुड़े कुछ ऐसे दस्तावेज पेश किए हैं जिससे कृषि मंत्री कमल पटेल कन्फ्यूज हो गए, वे नहीं समझ पाए कि कर्जमाफी हुई है या नहीं हुई, इस पर आखिर जवाब क्या देना है।
विधानसभा में कृषि मंत्री कमल पटेल के बदलते बयान
विधानसभा के शीतकालीन सत्र की सुई किसान, कर्जमाफी, कन्फ्यूजन और कमल पटेल पर अटक गईं। विषय नया नहीं है लेकिन जब भी विधानसभा का सत्र आता है तब ये मुद्दा हॉट हो जाता है। कमल पटेल के जब-तब बदलते बयान इस मुद्दे की आग में घी का काम करते हैं। कांग्रेस सरकार में कृषि मंत्री रहे सचिन यादव ने द सूत्र के सामने कुछ दस्तावेज पेश किए। इन दस्तावेज में उन लोगों के नाम, बैंक डिटेल के साथ हैं जो सीधे तौर पर बीजेपी से जुड़े हैं।
जिनका कर्ज माफ हुआ उनमें कृषि मंत्री की पत्नी भी शामिल
चौंकाने वाली बात तो ये है कि कर् माफी के इन दस्तावेजों में कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी रेखा पटेल का नाम है। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के परिजन रोहित सिंह, चाचा के बेटे निरंजन सिंह का नाम भी है। रेखा बाई के खिरकिया की जमीन पर 45 हजार 428 का कर्ज माफ किया गया। जैत के रोहित सिंह का 14 हजार कर्ज माफ किया गया। जैत के ही निरंजन सिंह का 13 हजार 823 रुपए का कर्ज माफ किया गया।
पत्नी की कर्जमाफी पर क्या बोले कृषि मंत्री
इन दस्तावेजों पर चौंकने की बारी अब कमल पटेल की थी। द सूत्र ने कमल पटेल से सीधे पूछा कि क्या उनकी पत्नी का कर्ज माफ हुआ है। कमल पटेल कर्ज माफी योजना को छलावा बताने की कोशिश करने लगे। जब उनसे फिर ये सवाल पूछा तो उन्होंने जल्दी-जल्दी में इनकार कर दिया। हमने फिर उनके सामने ये सवाल दोहराया कि क्या आपकी पत्नी रेखा बाई और सीएम के परिजन रोहित सिंह,निरंजन सिंह का कर्ज माफ हुआ है। तो कमल पटेल कन्फ्यूज हो गए। उन्होंने अपना जवाब बदल दिया। बोले कि बात 2 लाख की हुई थी जबकि 50 हजार माफ किए गए।
असमंजस में कृषि मंत्री कमल पटेल
इस असमंजस की स्थिति को कमल पटेल के साथ खड़े सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने भांपकर अपनी तरफ से बयानों का सिलसिला शुरू कर दिया। भदौरिया कोऑपरोटिव बैंक, पैक्स और सहकारिता का पूरा गणित समझाने लगे।
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मंत्रियों को चुभा कर्जमाफी का कांटा
किसको क्या समझ में आया इसकी कोशिश भदौरिया ने नहीं की। लोग उनका बयान सुनते रहे और कमल पटेल का मुंह ताकते रहे। भदौरिया अपनी बात कह आगे बढ़ गए। बहरहाल रातों-रात शिवराज सरकार बनाने वाले अरविंद भदौरिया और कमल पटेल को कर्जमाफी का कांटा जरूर चुभ गया है।