SHIVPURI. मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से ठीक एक साल पहले द सूत्र एक मुहिम चला रहा है। मूड ऑफ एमपी-सीजी (mood of mp cg) के तहत हमने जाना कि विधानसभा में मौजूदा हालात क्या हैं, जनता क्या सोचती है। अगले विधानसभा चुनाव में क्षेत्र का गणित क्या रहेगा। इसी कड़ी में हमारी टीम शिवपुरी विधानसभा सीट पर पहुंची....
शिवपुरी को जानें
शिवपुरी विधानसभा सीट पर महल का जादू चलता है। शिवपुरी पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाता है। शिवपुरी कई ऐतिहासिक विरासत समेटे हुए है। यशोधरा राजे सिंधिया स्थानीय विधायक और शिवराज सरकार में खेल मंत्री हैं। 1998 से यशोधरा लगातार जीत रही हैं। कांग्रेस ने सिर्फ एक बार 2007 में उपचुनाव जीता। 2007 में ग्वालियर से लोकसभा चुनाव में यशोधरा के उतरने से सीट खाली हुई थी।
शिवपुरी के जातिगत समीकरण को समझें
शिवपुरी विधानसभा में सीट पर जातिगत समीकरण नहीं रखते मायने। यहां महल का असर है। शिवपुरी विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा वैश्य वोटर्स हैं। दूसरे नंबर पर आदिवासी वोटर्स हैं। यहां वैश्य 50 हजार, आदिवासी 40 हजार, ब्राह्मण वोटर्स 20 हजार हैं। शिवपुरी विधानसभा सीट में कुल वोटर्स 2 लाख 22 हजार 539 हैं, जिसमें 1 लाख 24, हजार 771 पुरुष, वहीं 1 लाख 10 हजार 075 महिला वोटर्स हैं। माना जाता है कि शहरी वोटर्स जिसके पक्ष में जाता है, जीत उसी की होती है।
सियासी समीकरण
शिवपुरी विधानसभा वह सीट है, जहां पर न कोई मुद्दे मायने रखते हैं और न ही जाति समीकरण, यहां पर सिर्फ और सिर्फ महल का सिक्का चलता है। यही वजह है कि 2008 के विधानसभा चुनाव को छोड़ दिया जाए तो यशोधरा यहां से 1998 से लगातार जीत दर्ज कर रहीं हैं। 1998 में हुए विधानसभा चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया ने हरिवल्लभ शुक्ला को 7300 वोटों से हराया था। 2003 में दूसरी बार राजे ने 25 हजार से ज्यादा मतों से कांग्रेस के गणेशराम गौतम को मात दी। ग्वालियर से लोकसभा उपचुनाव लड़ने की वजह से 2007 में यशोधरा राजे को शिवपुरी सीट छोड़नी पड़ी। इसके बाद हुए उपचुनाव में कांग्रेस के वीरेंद्र रघुवंशी ने बीजेपी के गणेश गौतम को हराया था। 2008 में बीजेपी ने माखनलाल राठौर को मैदान में उतारा। इस चुनाव में राठौर ने कांग्रेस के वीरेंद्र रघुवंशी को 1751 वोटों से हराया। 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में राजे को एक बार फिर बीजेपी ने अपना उम्मीदवार बनाया। इस चुनाव में राजे ने कांग्रेस के वीरेंद्र रघुवंशी को 11 हजार से ज्यादा मतों से हराया। 2018 में यशोधरा ने कांग्रेस के युवा नेता सिद्धार्थ लाडा को 28,748 वोटों से हराया।
शिवपुरी के अहम मुद्दे
अगर शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र की समस्या के बारे में बात की जाए तो पानी की कमी यहां की सबसे बड़ी समस्या है। शहर की प्यास बुझाने के लिए सिंध जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी, लेकिन 140 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करने की बाद लोगों को अब तक राहत नहीं मिल पाई है। पानी के बाद रोजगार यहां का अहम मुद्दा है। 2016 में उद्योग मंत्री रहते हुए यशोधरा राजे सिंधिया ने फूड पार्क की नींव रखी थी। इसके लिए बड़ौदी के पास 13 हेक्टेयर जमीन को रिजर्व किया गया था, लेकिन 6 साल निकलने के बाद भी एक भी इकाई यहां पर नहीं लग पाई। सीवेज सिस्टम ना होने से लोग परेशान हैं। इसको लेकर लोगों ने कई बार प्रदर्शन भी किया, लेकिन कोई हल नहीं निकला। ड्रेनेज सिस्टम ठीक ना होने से बारिश में शहर में बाढ़ जैसे हालात बन जाते हैं।
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