BHOPAL. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 22 दिसंबर को विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर जवाब दिया। मुख्यमंत्री शिवराज करीब ढाई घंटे बोले। उन्होंने मुद्दों पर बात रखी। कहा कि कि ये लचर अविश्वास प्रस्ताव है। 2020 में हमने कांग्रेस सरकार नहीं गिराई। हमारी 109 सीटें आई थीं। कई लोगों ने कहा था कि इस्तीफा मत दो, पर मैंने ऐसा नहीं किया। हमने सरकार गिराई होती तो हम पहले बनने ही नहीं देते। कमलनाथ सरकार में पैसे लेकर अफसर बदले गए। कमलनाथ सरकार में 165 दिन में 450 आईएएस और आईपीएस के ट्रांसफर किए। 15 हजार से ज्यादा तबादले किए गए। वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। वहीं, विपक्ष ने कहा कि आप मुख्यमंत्री हैं, आपके मुंह से सफेद झूठ अच्छा नहीं लगता। अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग की नौबत नहीं आई। सदन में ये प्रस्ताव गिर गया। मुख्यमंत्री के वक्तव्य देने के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई।
मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि कमलनाथ सरकार में विधायकों को मिलने के लिए समय नहीं दिया जाता था। कोई बड़ा ठेकेदार आ जाए, तो उसे बैठाते थे। सीएम के भाषण पर विपक्ष ने सदन में विपक्ष ने हंगामा कर दिया। हंगामे पर स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा, आप अविश्वास प्रस्ताव लाए, आरोप लगाए, अब मुख्यमंत्री को सुन तो लीजिए।
जमीर ने गवारा नहीं किया, इसलिए इस्तीफा दे दिया- शिवराज
शिवराज ने कहा- हर बार ये कहा जाता है कि हमने कांग्रेस सरकार गिराई। 11 दिसंबर को (2018 में काउंटिंग के दिन) रात में कांग्रेस 110-112 सीटों पर आगे थी। रात में ये निश्चय करके सोया था कि सुबह इस्तीफा दे दूंगा। कई मित्रों का कहना था कि बहुमत तो उनका नहीं है। मैं सीएम हाउस में था। भूपेंद्र जी आए। मुझे जोर देकर कहा गया कि इस्तीफा नहीं देना है, लेकिन मैंने कहा कि मेरा जमीर अनुमति नहीं देता। कांग्रेस की संख्या ज्यादा है। मैं सीधे घर से निकला और मीडिया से कहा कि मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं।
एक बार गोविंद सिंह ने सर्किट हाउस में खराब कमरा मिलने की बात कही थी। मैं बताना चाहता हूं कि मंदसौर में एक बार गया था, तो हमारे कमरे पर ताला लगा था। हमारे साथी यशपाल सिंह नाराज होने लगे कि पूर्व मुख्यमंत्री के साथ ये कैसा व्यवहार है, लेकिन हमने कहा कोई बात नहीं, हम दूसरे कमरे में रुक गए। सरकार क्यों गई? ये सोचो।
कमलनाथ सरकार ने पैसा आदिवासियों का पैसा बंद कर दिया
मुख्यमंत्री शिवराज ने विधानसभा में कहा- कमलनाथ सरकार ने कई योजनाओं को बंद किया। ओमकार (डिंडौरी विधायक) आपके क्षेत्र में बैगा, सहरिया, भारिया तीन अति पिछड़ी जातियों को हमने तय किया था कि पोषण भत्ते के नाम पर एक हजार रुपया महीना दिया जाए। हीरालाल (मनावर विधायक) सुन लेना... जनजाति के बडे़ पैरोकार हैं आप....। कभी आपने आवाज उठाई ये पैसा क्यों बंद कर दिया? जीतू पटवारी ने कहा- आदिवासियों की योजना बंद करने को लेकर सीएम ने जो बात कही, उसका आदेश हो तो सदन के पटल पर रखें। सीएम ने कहा- जब तक इनकी सरकार थी, तब तक बैगा, भारिया, सहरिया बहनों के खातों में पैसा नहीं पहुंचा। कल ओमकार सिंह मरकाम ने सोहंती बाई का मामला उठाया था। मैं यहीं से मनीष रस्तोगी को निर्देश दे रहा हूं कि सोहंती बाई को ढूंढें और उसे भर्ती कराकर इलाज कराएं।
सीएम राइज स्कूल को लेकर सज्जन का मुख्यमंत्री पर आरोप
शिवराज ने कहा, कांग्रेस सरकार में पूरी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने का काम हुआ। गुरुजी, शिक्षाकर्मी रखने का काम करके छात्रों का भविष्य बर्बाद कर दिया। हमने उन शिक्षाकर्मी, गुरुजी की सैलरी बढ़ाने का काम किया। हम सीएम राइज स्कूल खोल रहे हैं। इस पर विपक्षी विधायकों ने कहा कि स्कूल गेस्ट शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं। सज्जन वर्मा ने कहा- मैं सोनकच्छ से विधायक हूं, इसलिए आपने उस स्कूल का नाम मेरी विधानसभा से हटा दिया। मुझे भोपाल में घर मत दो, लेकिन मेरे क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा से मत रोको।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा की तारीफ की
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि जयस के पढ़े-लिखे लोग मिले। कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा गलत जगह चले गए। आदिवासी बच्चे अलावा जैसे डॉक्टर बनें, फीस हम भरवाएंगे। भाषण के दौरान शिवराज ने हीरालाल अलावा की कई बार तारीफ की, जिसका अलावा ने विरोध किया। इस बीच अलावा, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से भी मिलते दिखे।