BHOPAL. इस साल के आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इसके पहले प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों को इधर से उधर करने का प्लान बन गया है। शिवराज सरकार 25 अप्रैल से सरकारी कर्मियों के ट्रांसफर पर लगा बैन हटाने की तैयारी कर चुकी है। तबादले का मौसम एक महीने यानी 25 मई तक चलेगा। ट्रांसफर पॉलिसी करीब-करीब बनकर तैयार है। इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही लागू कर दिया जाएगा। कैबिनेट बैठक इसी महीने होनी है। जानकारी के मुताबिक, तबादला नीति जल्द लागू करने के लिए मंत्रियों और विधायकों का सरकार पर दबाव है। इस बार माना जा रहा है कि 35 से 40 हजार अधिकारी-कर्मचारी इधर से उधर होंगे। पिछले साल 17 सितंबर से 5 अक्टूबर ट्रांसफर हुए थे। 2021 में 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच ट्रांसफर पर से बैन हटाया गया था।
प्रस्तावित नीति में विभागीय और प्रभारी मंत्रियों का दबदबा
- ट्रांसफर के प्रस्तावित ड्राफ्ट के मुताबिक, राज्य संवर्ग के अंतर्गत डिपार्टमेंट हेड और फर्स्ट क्लास अफसरों का ट्रांसफर मुख्यमंत्री के अनुमोदन के बाद होगा। विभागों में पदस्थ फर्स्ट, सेकंड और थर्ड कैटेगरी के अधिकारियों के ट्रांसफर विभागीय मंत्री के अनुमोदन के बाद अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिव जारी करेंगे। जिला संवर्ग में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों का ट्रांसफर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद होगा। इनके आदेश विभागीय जिला अधिकारी जारी करेंगे।
3 विभागों में हो सकते हैं 12 से 15 हजार ट्रांसफर
- खाद्य एवं नापतौल विभाग में नापतौल निरीक्षक, खाद्य विभाग में खाद्य निरीक्षक, डिप्टी रजिस्ट्रार संवर्ग में 40 से ज्यादा ट्रांसफर नहीं होंगे।