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संजय गुप्ता, INDORE. विधानसभा चुनाव के 11 महीने पहले प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान के 2 कैबिनेट मंत्री संकट में फंसते नजर आ रहे हैं। एक मंत्री जो सिंधिया खेमे के हैं। ऊर्जा मंत्री प्र्युम्मन सिंह तोमर के खिलाफ आई शिकायत तो खुद मुख्यमंत्री कार्यालय से ऊर्जा विभाग में अग्रिम कार्रवाई के लिए गई है। वहीं वनमंत्री कुंवर विजय शाह को लेकर लोकायुक्त इंदौर ने जांच तेज कर दी है और संपत्तियों की जानकारी जुटाई जा रही है। इन दोनों मामलों को राजनीतिक चश्मे से भी देखा जा रहा है, आखिर क्यों सीएम हाउस से शिकायत ऊर्जा विभाग भेजी गई, यह मामला ईओडब्ल्यू में भी दर्ज है। वहीं शाह के मामले में क्यों लोकायुक्त एजेंसी एकदम से इतनी सक्रिय हो गई, यह केस भी कांग्रेस सरकार के समय ही दर्ज हुआ था, जिसमें अब तेजी आ रही है।
यह है ऊर्जा मंत्री को लेकर घोटाले की शिकायत
केंद्र ने बिजली के कामों के आधारभूत ढांचा को मजबूत करने के लिए आईपीडीएस (इंटीग्रेटेड पावर डेवलपमेंट स्कीम) के तहत मप्र पश्चिम क्षेत्र कंपनी को राशि जारी की थी। इसे लेकर करोड़ों के घोटाले के आरोप लग रहे हैं, जिसमें शिकायतों के बाद करीब एक साल पहले ईओडब्ल्यू ने भी केस दर्ज किया था। वहीं हाल ही में प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घोटाले के लिए उर्जा मंत्री प्रद्युम्मन तोमर और एमडी अमित तोमर को इसके लिए जिम्मेदार बताने के आरोप लगाते हुए पीएम और सीएम के पास शिकायत भेजी। इसी में 2 दिन पहले सीएम हाउस से यादव को मेल आया कि हमने आपकी शिकायत कार्रवाई के लिए उर्जा विभाग भेज दी है।
शिकायत में प्रदेश कांग्रेस सचिव के लगाए आरोप
प्रदेश कांग्रेस सचिव राकेश यादव ने आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि विद्युत वितरण कंपनी ने केंद्र सरकार की आईपीडीएस योजना में कार्यों के सत्यापन के लिए फिडबेक कंपनी को अनुबंधित टेंडर के माध्यम से किया था। इस फीडबेक कंपनी का काम 523 करोड़ के विद्युत कार्यों का वास्तविक सत्यापन मौके पर देखकर के कार्य पूर्ण और क्वालिटी जांच करने के बाद सत्यापन सर्टिफिकेट जारी करने के बाद ही फील्ड में काम करने वाली ठेकेदार कंपनियों को भुगतान करना था। लेकिन फिडबेक कंपनी ने फील्ड में काम करने वाली कंपनियों से सांठ-गांठ करके सरकार के 250 करोड़ रुपए लूट लिए। फर्ज़ी रिपोर्ट बनाकर बिना काम करें कंपनियों को भुगतान करा दिया।
ठंडे बस्ते में डाल दी गई थी जांच
फील्ड कंपनियों को ट्रांसफॉर्मर बदलना, नई लाइन और पोल लगाना, ग्रिड बनाना, केबल बदलना तारों को लगाने का काम था। देवास में सोनकच्छ के गांवों में ही साढ़े नौ करोड़ का घोटाला पकड़ा गया। बिना काम करें ही यह भुगतान हो गया। इसके बाद सारी जांच ठंडे बस्ते में पहुंचा दी गई। कई जिलों के घोटाले की जांच को ऊर्जा मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने रोक दिया। जांच रिपोर्ट में फीडबेक कंपनी से भुगतान वापस वसूली करने और कंपनी को ब्लेक लिस्टेड करने की अनुशंसा की गई थी। लेकिन एमडी अमित तोमर और ऊर्जा मंत्री ने मिलकर यह रिपोर्ट गायब कर दी। घोटाले के समय प्रोजेक्ट डायरेक्टर संजय मुंहास के साथ पवन जैन और राजेन्द्र नेगी के साथ वर्तमान प्रोजेक्ट डायरेक्टर एस कलवाडिया, धर्मेन्द्र पाटीदार और नोडल अधिकारी तरूण उपाध्याय घोटाले में भागीदार और जिम्मेदार हैं।
विजय शाह के मामले में यह हुआ है
लोकायुक्त इंदौर ने हाल ही में विविध विभागों को एक पत्र लिखा है, इसमें कहा गया कि लोकायुक्त में जांच प्रकरण 406/2019 दर्ज है। इसमें हमें दस्तावेजों की जरूरत है। संगठन के पास कुंवर विजय शाह पिता देवीसिंह, भावना शाह पति विजय शाह और दिव्य दित्य शाह पिता विजय शाह के नाम से 13 अचल संपत्तियों की जानकारी है। हमें इनके स्वामित्व संबंधी दस्तावेज जैसे रजिस्ट्री, नोटरी, लीजडीड आदि की सत्यापित कॉपी चाहिए।
संपत्तियों में यह है
विजय शाह की संपत्ति
- कनाडिया सर्वे नंबर 416/1 की कुल 51433 वर्गफीट जमीन (होटल प्रयोजन हेतु परिवर्तित), 31 मार्च 2011 को खरीदी।
पत्नी भावना शाह की संपत्ति
- छिटकाना सर्वे नंबर 59 की 1.15 हेक्टेयर जमीन, 11 जून 2012 को खरीदी।
दिव्यदित्य शाह की संपत्ति
- छिटकाना सर्वे नंबर 43/1/2 व 43/2 की 17.04 हेक्टेयर जमीन, 14 जुलाई 2015 को खरीदी।
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