बैतूल में 400 फीट के बोरवैल में गिरे 6 साल के बच्चे की मौत, 4 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया शव

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Atul Tiwari
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बैतूल में 400 फीट के बोरवैल में गिरे 6 साल के बच्चे की मौत, 4 दिन चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद निकाला गया शव

BETUL. मध्य प्रदेश के बैतूल में बोरवेल में फंसे 6 साल के बच्चे की मौत हो गई। 6 दिसंबर की शाम 6 साल का तन्मय साहू खेलते-खेलते बोरवैल में गिर गया था। रेस्क्यू टीम 10 दिसंबर तड़के 3 बजे बच्चे के पास पहुंच गई थी, लेकिन शव बहुत खराब हालत में था। सुबह करीब 5.30 बजे बचाव दल ने शव बाहर निकाला, जिसे बैतूल के जिला अस्पताल लाया गया। कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस के मुताबिक, बोर 400 फीट गहरा है। बच्चा करीब 39 फीट की गहराई में फंसा था। रेस्क्यू टीम ने बोर के पैरलल (समानांतर) 44 फीट गहरा गड्‌ढा खोदा। इसके बाद 9 फीट की होरिजेंटल सुरंग भी खोदी गई थी।



दो साल से बंद था बोरवेल



400 फीट गहरा बोरवैल किसान नानक चौहान के खेत पर था। दो साल से बोरवैल बंद था। जब तन्मय उसमें गिरा था, तब वह 55 फीट की गहराई पर फंस गया था। रेस्क्यू के दौरान रस्सी में फंदा (वर्टिकल लिफ्टिंग) बनाकर तन्मय को निकालने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ ऊपर आने के बाद कोशिश नाकाम हो गई और तन्मय 39 फीट की गहराई पर अटक गया।



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तन्मय बच्चों के साथ खेल रहा था, तभी हो गया हादसा



घटना 6 दिसंबर की शाम करीब 5 बजे की है। 6 साल का तन्मय दूसरे बच्चों के साथ खेल रहा था। इसी दौरान वह पड़ोसी के बोरवैल में गिर गया। आवाज लगाने पर बोरवैल के भीतर से बच्चे की आवाज आई। इस पर परिवारवालों ने तुरंत बैतूल और आठनेर पुलिस को खबर दी। तन्मय की 11 साल की बहन निधि साहू के मुताबिक, हम छुपन-छिपाई खेल रहे थे। भाई को कहा कि चलो अब घर चलते हैं। वो कूदकर आया। बोर के ऊपर बोरी रखी थी। उसने बोरी को पकड़कर रखा था, मैं जब तक पहुंची तो भाई नीचे चला गया। 




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दूसरी क्लास में पढ़ता था तन्मय। 




चार गांव के लोग मदद में जुटे थे



घटनास्थल मांडवी गांव के साथ-साथ आसपास के 4 गांव के लोग भी मदद में जुटे थे। रेस्क्यू में जुटे 200 से ज्यादा लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था ग्रामीण ही कर रहे थे। सभी की एक ही ख्वाहिश थी कि तन्मय को हंसता-खेलता देखें, लेकिन ऐसा हो नहीं पाया।




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4 दिन रेस्क्यू ऑपरेशन चला, पर बच्चे को बचाया नहीं जा सका।




कैसे बचेगी बच्चों की जान, सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा




  • 1. सरपंच, कृषि विभाग के अफसर मॉनिटरिंग करें और खुले बोर बंद कराएं। 


  • 2. कलेक्टर और ग्राम पंचायत को लिखित सूचना के बाद बोरवैल खोदे जाएं। 

  • 3. बोरवैल खुदाई वाले स्थानों पर साइन बोर्ड लगाए जाएं। 4. बोरवैल, कुएं की तार फेंसिंग की जाए। 

  • 5. बोरवेल के पाइप के चारों ओर 0.30 मीटर ऊंचा प्लेटफार्म बनाया जाए। 

  • 6. बोर के मुहाने पर स्टील की प्लेट वेल्ड की जाए या नट-बोल्ट से कसा जाए। 

  • 7. सूखा बोर खुला न छोड़ा जाए, उसे स्थायी रूप से बंद किया जाए।


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