/sootr/media/post_banners/3ab504a6e524731aa3102ac8b72e39e11be9c0cdc122a803fad3568fa9a2924e.jpeg)
BHOPAL. मध्य प्रदेश के साहित्यकार और दुष्यंत कुमार संग्रहालय (भोपाल) के निदेशक राजुरकर राज का 15 फरवरी को निधन हो गया। राजुरकर आकाशवाणी भोपाल के सीनियर अनाउंसर पद से रिटायर्ड थे और लंबे समय से बीमार चल रहे थे। राजुरकर राज ने ही दुष्यंत कुमार संग्रहालय की स्थापना की थी।
कुछ समय पहले ही उनके लीवर का ऑपरेशन हुआ था। तबीयत खराब होने के बावजूद भी वे हिंदी के अप्रतिम कवि औक कथाकार दुष्यंत कुमार की स्मृतियों को संजोए रखने का काम करते रहे। राजुरकर के संग्रहालय में दुष्यंत कुमार की हस्तलिपि में उनकी कई गजलें तो हैं ही, कमलेश्वर का बहुचर्चित उपन्यास 'काली आंधी' भी उनकी हस्तलिपि में सुरक्षित रखा है।
बस संग्रहालय बना रहे- राजुरकर
राजुरकर ने 25 साल पहले अपने घर के दो कमरों में संग्रहालय शुरू किया था। वे कहते थे कि इस जगह से मेरे जज्बात जुड़े हैं। मैं सिर्फ अपने चाहने वालों और दुष्यंत कुमार स्मृति संग्रहालय के दानदाताओं की हिम्मत से ही जिंदा हूं। जिंदगी की आखिरी ख्वाहिश है कि यह संग्रहालय किसी तरह अपने पैरों पे खड़ा हो जाए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जताया शोक
दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय के संस्थापक श्री राजुरकर राज जी के निधन का दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है।स्निग्धयुक्त मुस्कुराहट लिए वह जीवन भर साहित्य के संवर्द्धन,संरक्षण व सम्प्रेषण के लिए समर्पित रहे।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें।
।।ॐ शांति।।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) February 15, 2023
/sootr/media/agency_attachments/dJb27ZM6lvzNPboAXq48.png)
Follow Us