द सूत्र, भोपाल। अब तक आपने देखा कि कलियासोत का कत्ल (Murder Of Kaliyasot River) करने के गुनहगार सिर्फ बिल्डर ही नहीं हैं, जो ग्रीन बेल्ट को डकार गए। सरकारी एजेंसियों (Govt Agencies) ने भी अतिक्रमण (Encroachment) करने से गुरेज नहीं किया है। कोलार रोड पर स्थित सर्वधर्म पुल के एक ओर सर्वधर्म ए सेक्टर है तो दूसरी ओर सर्वधर्म का बी सेक्टर है। नगर निगम 7 करोड़ से ज्यादा की लागत से यहां रिटेनिंग वॉल बनाने वाला है। यह Wall यानी दीवार मंदाकिनी कॉलोनी की ओर करीब 600 मीटर लंबी होगी। निगम नदी के दूसरी ओर इस तरह की एक छोटी वॉल पहले ही बना चुका है। जानकार बताते हैं कि इस तरह से तो यह नदी नाला ही बन जाएगी।
दीवार बनी तो बढ़ जाएगा बाढ़ का खतरा
पर्यावरणविद सुभाष सी पांडे बताते हैं कि लगातार नदी को संकुचित (shrink) करना नियमों के खिलाफ है और नदी पर इस तरह के निर्माण पूरी तरह से गैरकानूनी है। नदी जब स्वतंत्र होकर नहीं बह पाएगी तो बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा और हमें किसी भी भयावहता परिस्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
सागर प्रीमियम टॉवर की तरह कभी भी टूट जाएगी दीवार
द सूत्र कलियासोत के कत्ल की सीरीज में आपको पहले ही बता चुका है कि किस तरह सेज ग्रुप के सागर प्रीमियम टॉवर में बिल्डर ने नदी के पानी को रोकने इसी तरह की एक छोटी रिटेनिंग वॉल बनाई जो एक अच्छी बारिश भी नहीं झेल पाई। यह रिटेनिंग वॉल 2020 में नदी के तेज बहाव के साथ बह गई। कुछ इसी तरह का हाल नगर निगम द्वारा बनाई जाने वाली रिटेनिंग वॉल का भी हो सकता है।
चीफ इंजीनियर को ही नहीं प्रोजेक्ट की जानकारी
कलियासोत नदी को लेकर अधिकारी कितने जिम्मेदार और जवाबदार है ? इसे अब बताने की जरूरत नहीं, लेकिन ऐसा ही एक और वाकया सामने आया है। सर्वधर्म सेक्टर बी में रिटेनिंग वॉल के निर्माण का विज्ञापन (Advt) अखबारों में 5 अक्टूबर को चीफ इंजीनियर के नाम से ही प्रकाशित हुआ, लेकिन नगर निगम के चीफ इंजीनियर पीके जैन को ही इसकी जानकारी नहीं है। जब द सूत्र ने उन्हें ऐड के बारे में बताया, तब उन्होंने सिर्फ इतनी जानकारी दी कि ये रिटेनिंग वॉल 600 मीटर लंबी रहेगी।
NGT में लगाएंगे याचिका
पर्यावरणविद (Environment) सुभाष सी पांडे ने कहा कि नदी पर इस तरह का निर्माण कोई भी एजेंसी करें, वह अनाधिकृत है और वह इसे लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में याचिका लगाएंगे।