JABALPUR. मध्य प्रदेश में इस साल आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, लेकिन इससे पहले ही राजनीतिक गलियारों की हवा गर्म है। मध्य प्रदेश के कई बीजेपी नेता पार्टी को कटघरे में खड़ा कर चुके हैं। अब इस फेहरिस्त में नया नाम जुड़ा है। ये नाम है जबलपुर के कद्दावर नेताओं में शुमार रहे और पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू। बब्बू ने 18 मई को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए। बोले- मुझे पार्टी ने हराया। अमित शाह ने ये माना था। पार्टी में नया ट्रेंड चल रहा- जिसे टिकट मिली, यदि वो पसंद का नहीं तो पार्टी मिलकर हरा देती है। मेरे इस बयान के बाद मुझे मरवाया जा सकता है। लेकिन में सच से पीछे नही हटूंगा। पार्टी में मेरे जैसे कई परेशान हैं, जिन्हें अब और परेशान किया जा रहा है।
एक महीने पहले भी बब्बू ने अपना दर्द बयां किया था
अप्रैल 2023 में जबलपुर-गोंदिया ट्रेन शुरू हो गई। जबलपुर रेलवे स्टेशन में ट्रेन को लेकर भव्य कार्यक्रम भी किया गया था। राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि,सांसद राकेश सिंह, विधायक अशोक रोहाणी, नेता प्रतिपक्ष कमलेश अग्रवाल समेत बीजेपी के कई नेता मौजूद थे। पर जिस व्यक्ति (बब्बू) ने, जबलपुर-गोंदिया रेल लाइन के लिए आंदोलन किया था, उसे उसकी ही पार्टी के नेता भूल गए। बब्बू को कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया था। इस पर उन्होंने कहा था- हारा हुआ मंत्री हूं , हारा हुआ विधायक हूं, और हारने के बाद परिस्थिति बदलती है ये मेरे ध्यान में है। बब्बू ने लाल कृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का नाम लेते हुए कहा कि चुनाव हारने के बाद एक समय होता है और फिर मैं सरदार हूं, सिख हूं तो मेरे साथ ये होना संभव है, कोई बड़ी बात नही है। मेरे साथ जो हुआ उसके लिए मुझे किसी तरह की पीड़ा नही है।
पूर्व विधायक ने बताया था कि 1999 में जब मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह थे और अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। सरकार से अनुमति लेकर पद यात्रा की, जिसमें गोंदिया तक पैदल जाने का प्रण किया था। जैसे ही मैं नैनपुर तक पहुंचा, मेरे पास तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष विक्रम वर्मा और नेता प्रतिपक्ष गौरी शंकर शेजवार ने बताया कि आपकी मांगे मान ली गई हैं, यात्रा खत्म कीजिए। जब मैंने यह पद यात्रा की थी उस समय गिनती के लोग ही विधायक थे, तत्कालीन रेल मंत्री नीतीश कुमार ने जबलपुर-गोंदिया रेल लाइन के लिए 300 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। नैरोगेज से ब्रॉडगेज करने के लिए मेरी पदयात्रा में जबलपुर से नैनपुर, गोंदिया, मंडला से भी सैकड़ों लोग शामिल हुए थे।
मध्य प्रदेश में बीजेपी को झटका
शिवराज सरकार में मंत्री रहे और पूर्व सीएम के बेटे दीपक जोशी 6 मई को कांग्रेस में शामिल हो गए। दीपक जोशी ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ये भी खबर आ रही है कि दीपक जोशी को शिवराज के खिलाफ कांग्रेस बुधनी से उतार सकती है। कमलनाथ इस पर विचार कर रहे हैं। दीपक ने खुद कहा था कि कांग्रेस चाहे तो वे शिवराज के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। दीपक जोशी देवास से आते हैं और चुनावी साल में उनका पार्टी छोड़ना बड़ा झटका माना जा रहा है।
ये नेता भी पार्टी को कटघरे में खड़ा कर चुके
- सत्यनारायण सत्तन- इंदौर से बीजेपी पूर्व विधायक सत्यनारायण सत्तन ने कर्नाटक चुनाव नतीजों से पहले एक वीडियो में कहा था- आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में, बीजेपी घुस गई फाटक में। पत्रकारों ने जब इस मायने पूछे तो सत्तन ने कह दिया कि आप लोग तो खुद समझदार हो। कर्नाटक में जब कांग्रेस को बहुमत मिला तो इंदौर के कांग्रेस नेता सत्तन को मिठाई खिलाने पहुंचे थे। कांग्रेस नेताओं ने सत्तन से ये भी कहा था कि मध्य प्रदेश को लेकर भी कुछ भविष्यवाणी कर दीजिए। सत्तन ने नाराजगी जताते हुए ये भी कहा था कि कुछ गलत नहीं कहा है। जो सच था, वही कहा। क्या सचाई को झुठलाया जा सकता है। जो दूसरी पार्टियों से बीजेपी में आ रहे हैं उन्हें पद और सम्मान दिया जा रहा है। इसका अर्थ है कि जो आ रहे वे अपनी शर्तों पर बीजेपी में आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता की अनदेखी हो रही है। जो कार्यकर्ता वर्षों से पार्टी के लिए दरियां उठा रहा है, वो आहत है। क्या बीजेपी को इंदौर में एक भी ऐसा कार्यकर्ता नहीं मिला जो इंदौर विकास प्राधिकरण (IDA) को संभाल सके।
सत्तन ने सिंधिया को लेकर कहा था- वो कटोरा लेकर आए थे
5 मई को सत्तन ने मीडिया से कहा कि सिंधिया केवल पद के लिए आए बीजेपी में आए थे और पार्टी ने उन्हें वह दे दिया। पार्टी में आकर सिंधिया ने कोई उपकार नहीं किया है, वे पार्टी में कटोरा लेकर आए थे, अपनी थाली को भर लेने का उपक्रम मात्र है। वहां से दल बदलकर अपनी रीति-नीति का निर्वाह किया है सिंधिया के पिता ने भी पार्टी बदली थी। उन्हें पता है कि वे वजनदार परिवार से हैं तो उन्हें दल-बदलने से नुकसान नहीं होगा।
वहीं शेखावत ने कहा कि उनके साथ आए मंत्रियों ने पूरे प्रदेश में लूट मचा रखी है, पार्टी के सारे सिद्धांत इन्होंने तोड़ दिए हैं। समर्थक मंत्रियों पर इतने भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं जो पहले किसी बीजेपी मंत्री को लेकर नही सुने गए। सिंधिया के साथ आए लोगों ने खुलेआम लूट मचा रखी है। दत्तीगांव ने जमीनों पर कब्जे करना, खदान पर कब्जा करना, खनन कराना सभी चालू कर दिया, जुआ और सट्टा तक खुलेआम करा रहे हैं वह। पार्टी को पीड़ा हो रही है यही बात तो हम संगंठन को कह रहे हैं। समय रहते नहीं चेते तो इन्हीं कारणों से सरकार चली गई थी। हम इन्हें पुरस्कृत कर रहे हैं और जिन्होंने पार्टी में जीवन खपा दिया, उन बुजुर्गों का तो सम्मान करना सीखे।