BHOPAL. मध्य प्रदेश चुनाव के मुहाने पर खड़ा है और सत्ताधारी बीजेपी में कुछ ठीक नहीं चल रहा। 23 मई को एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया। बीजेपी के कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल भार्गव और गोविंद सिंह राजपूत सीएम शिवराज सिंह चौहान समेत बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा से मिले। पूरे मामले को लेकर मुहिम एक विधायक ने द सूत्र से बातचीत की। अपना नाम ना छापने की शर्त पर उन्होंने कहा, सरकार में भूपेंद्र सिंह की जरूरत से ज्यादा दखलअंदाजी हो रही है। वे सागर के सीएम बने हुए हैं। हमने संगठन को इस बारे में बताया है। अगर जरूरत पड़ी तो दिल्ली तक जाएंगे। इससे पार्टी में दो-फाड़ सामने आई है।
ऐसा रहा घटनाक्रम
गोपाल भार्गव के एक करीबी के मुताबिक, 23 मई को कैबिनेट की बैठक के पहले सुबह करीब 11.30-11.45 बजे का भैया (गोपाल भार्गव) का फोन आया, बोले कि वल्लभ भवन चलो। वल्लभ भवन आकर पूछा कि कहां चलना है। उन्होंने कहा कि जहां सीएम बैठते हैं, वहां चलो। फिर पूछा कि कहां चलना है, तो उन्होंने कहा कि गोविंद सिंह के चैंबर में चलना है। गोविंद सिंह का चैंबर थर्ड फ्लोर पर है। वहां पहले से तीन लोग शैलेंद्र जैन, प्रदीप लारिया और जिलाध्यक्ष गौरव सिरोठिया भी थे। इन सबका सीएम से मिलने का समय फिक्स था। कैबिनेट के बाद इन लोगों की मुलाकात होनी थी। कैबिनेट की बैठक लेट हुई तो ये लोग लोक अभियोजन की बैठक के बाद सीएम शिवराज सिंह चौहान से उनके चैंबर में मिले। ये लोग सीएम से मिलने के बाद में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और हितानंद शर्मा के पास भी गए। इन लोगों ने भूपेंद्र सिंह के तानाशाही रवैये की शिकायत की। साथ ही बताया कि अफसरों को निर्देश हैं कि इनकी (भूपेंद्र सिंह) की ही सुनना है। बता दें कि भूपेंद्र सिंह, सीएम शिवराज सिंह के पुराने दोस्त हैं।
आग काफी दिनों से सुलग रही है...
सूत्रों की जानकारी के मुताबिक, सागर में एक अटल पार्क है, जिसमें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्ति लगी है। 20-25 दिन पहले ही इसका उद्घाटन हुआ था। इस कार्यक्रम में चीफ गेस्ट गोपाल भार्गव थे। कार्यक्रम में पहुंचे तो 50-100 लोग थे। जब भार्गव पहुंचे थे तो कहीं ये नहीं लग रहा था कि वो (गोपाल भार्गव) मुख्य अतिथि हैं। अफसरों गोपाल भार्गव से टोका-टोकी कर रहे थे। कटआउट-पोस्टर्स भूपेंद्र सिंह, मेयर और मेयर के पति सुशील तिवारी के लगे हुए थे। इतना ही नहीं, सुशील तिवारी ने भाषण में भूपेंद्र सिंह को सागर का विकास पुरुष तक बता दिया। ये भी कहा कि अटल जी सिर्फ दो लोगों को जानते थे- भूपेंद्र सिंह और सुशील तिवारी। भूपेंद्र सिंह ने अपने भाषण में कहा कि जब अटल जी सागर आते थे तो वे एक ही नाम लेते थे- सुशील तिवारी।
यह सब सुनकर गोपाल भार्गव काफी नाराज हुए। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि हम उस पार्टी के नेता हैं, जिसमें कभी दो सांसद हुआ करते थे। हम उस वक्त (1984) के विधायक हैं। अटल जी से मेरी पहली मुलाकात 1974 में हुई थी। गोपाल भार्गव ने भाषण में शरद यादव का भी जिक्र किया। गोपाल भार्गव 1984-85 में सागर जिलाध्यक्ष भी थे। जानकारों का कहना है कि अटल जी को क्षेत्र में वे (भार्गव) ही लेकर आते थे।
भार्गव बोले- पूरी पार्टी एक, किसी को इसमें शंका नहीं होना चाहिए
घटनाक्रम के बाद गोपाल भार्गव ने कहा- कल (23 मई) मैंने मुख्यमंत्री और संगठन के नेताओं से पार्टी संगठन के विषय और आकांक्षी विधानसभा सीटों के बारे में बात की थी। यानी उन विधानसभा सीटों को कैसे जीतें। आज (24 मई) को मुझे जानकारी मिली कि इसका भ्रामक रूप से प्रचार किया गया। मैं सभी को स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं बीजेपी का संस्थापक सदस्य हूं। 1980 से यानी 43 साल से मैं पार्टी में हूं। जब पार्टी विपक्ष में थी, तब भी मैं विधायक था, आज जब पार्टी की सरकार है तो भी मैं मंत्री हूं। 43 साल में भारतीय जनता पार्टी को अपनी मां की तरह पुष्पित, पल्लवित और सेवित किया है। इस बारे में किसी को कोई शंका नहीं होना चाहिए। बीजेपी के सभी सदस्य, विधायक, मंत्री, पदाधिकारी सब एक हैं। ये हम सबकी सौगंध है कि नवंबर में होने वाले विधानसभा और अगले साल लोकसभा चुनाव में बीजेपी को बहुमत से जिताएंगे। किसी को भी इसमें कोई शंका नहीं होना चाहिए। ईश्वर की कृपा से मैं मध्य प्रदेश बीजेपी में सबसे वरिष्ठ हूं, मैंने बुंदेलखंड और महाकौशल में पार्टी को मजबूत करने में जो योगदान दिया है, वो भविष्य में सार्थक सिद्ध होगा।
भूपेंद्र सिंह की चुप्पी
पूरे मामले पर जब नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना कहा- मैं इस विवाद पर कुछ नहीं कहूंगा।
मध्य प्रदेश में बीजेपी को झटके
शिवराज सिंह सरकार में मंत्री रहे और पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक जोशी ने 6 मई को कांग्रेस का दामन थाम लिया। दीपक बीजेपी और मुख्यमंत्री से नाराज चल रहे थे। दीपक ने कांग्रेस जॉइन करने के बाद सीएम शिवराज सिंह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। उन्होंने ये भी कहा था कि अगर पार्टी चाहेगी तो वे शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ चुनाव लड़ सकते हैं। इससे पहले इंदौर के वरिष्ठ नेता सत्यनारायण सत्तन, पूर्व विधायक भंवर सिंह शेखावत भी बीजेपी को आड़े हाथ ले चुके हैं। हाल ही में हुई बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि कार्यकर्ताओं की बात नहीं सुनी जा रही। सामने कोई आ जाए, बीजेपी जिलाध्यक्ष कुर्सी से खड़े नहीं होते।
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