अरुण तिवारी, BHOPAL. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने एक नया फरमान जारी कर दिया है। ये फरमान कई नेताओं को मुश्किल में डाल रहा है। कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि किसी पदाधिकारी को टिकट नहीं मिलेगी। इस क्राइटेरिया में कांग्रेस के 17-18 नेता आ रहे हैं जिन के सिर पर टिकट न मिलने की तलवार लटक गई है। कांग्रेस के जिला प्रभारी खुलकर तो सामने नहीं आ रहे लेकिन अंदरूनी तौर पर उन्होंने टिकट पर दावेदारी जताना शुरु कर दी है। कमलनाथ ने इसका एक रास्ता सुझाया है कि टिकट चाहिए तो पद छोड़ो। आइए आपको बताते हैं कि कमलनाथ के इस नए नुस्खे ने किनकी तबीयत खुश्क कर दी है।
मप्र कांग्रेस ने टिकट के लिए नई गाइडलाइन भी जारी होगी
कांग्रेस को 2023 में विधानसभा चुनाव जिताने के लिए कमलनाथ की नई-नई कोशिशें सामने आ रही हैं। टिकट के लिए नई रणनीति के साथ नई गाइडलाइन भी जारी हो रही हैं। सबसे पहले हम आपको बताते हैं कि टिकट देने का फॉर्मूला क्या होगा। अब तक सर्वे के आधार पर टिकट देने की बात करने वाले कमलनाथ ने फॉर्मूले में थोड़ा बदलाव कर दिया है। अब टिकट का आधार सिर्फ सर्वे नहीं होगा, बल्कि नेताओं का आपसी समन्वय भी देखा जाएगा। कमलनाथ कहते हैं कि सर्वे पर सब राजी नहीं होते इसलिए सर्वे के साथ समन्वय का ध्यान रखा जाएगा।
जिला प्रभारी और विधानसभा प्रभारी समेत कई पदाधिकारियों को टिकट नहीं
अब आपको बताते हैं कि आखिर टिकट मिलेगा किसको। कमलनाथ के नए फरमान ने उन नेताओं को मुश्किल में डाल दिया जो विधानसभा चुनाव लड़ने की ख्वाहिश रखते हैं। कमलनाथ ने कह दिया कि कांग्रेस में जो पद पर है उसको टिकट नहीं मिलेगा। जिला प्रभारी और विधानसभा प्रभारी से लेकर जिला अध्यक्ष तक टिकट के क्राइटेरिया में नहीं आते। कमलनाथ के इस क्राइटेरिया पर टिकट मिली तो डेढ़ दर्जन से ज्यादा जिला प्रभारी टिकट की दौड़ से बाहर आ जाएंगे। कमलनाथ ने साफ कह दिया है कि टिकट चाहिए तो पद छोड़ना पड़ेगा। यदि पद पर रहोगे तो टिकट से हाथ धोना पड़ेगा। कमलनाथ ने जो जंबो कार्यकारिणी घोषित की है उसमें इस बात का ख्याल रखा गया है। जो नए जिला अध्यक्ष बनाए गए हैं उनको भी टिकट से बाहर रखा गया है।
ये हैं जिलों के प्रभारी और टिकट के दावेदार
जिला |