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BHOPAL. मध्य प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में लगा पोस्टर इन दिनों चर्चा में है। इस पोस्टर में मिशन 2023 यानी विधानसभा चुनाव की रणनीति एक वाक्य में ही लिख दी गई है। कांग्रेस ने नया सूत्र वाक्य बनाया है मैं नहीं हम। कांग्रेस में हमेशा मैं की संस्कृति ही रही है लेकिन राहुल गांधी की पदयात्रा के बाद ये संस्कृति बदलने जा रही है। पोस्टर पर गौर करें तो इस सूत्र वाक्य के पास सिर्फ एक बड़ा चेहरा नजर आता है वो चेहरा है प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का। हालांकि राष्ट्रीय नेतृत्व में गांधी परिवार और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की फोटो भी छोटे रूप में है, लेकिन इसमें प्रदेश कांग्रेस का कोई नेता नजर नहीं आता। तस्वीर में सिर्फ बड़ा सा चेहरा कमलनाथ का और चुनाव चिह्न हाथ का पंजा नजर आ रहा है।
कई आयोजनों में बनने वाले पोस्टर पर अन्य नेताओं की फोटो भी लगाते हैं- चंद्रिका द्विवेदी
तस्वीर के सामने बैठने वाले पीसीसी के महामंत्री चंद्रिका प्रसाद द्विवेदी के मुताबिक, अभी जो भारत जोड़ो यात्रा निकाली जा रही है, उसमें सबको साथ लेकर चलने की बात कही जा रही है। कांग्रेस हमेशा से हमेशा से इसी पर भरोसा करती है। कांग्रेस जमीनी स्तर पर कई कार्यक्रम चला रही है। हमें सबका ख्याल रखना है। सामूहिक प्रयास की सफलता की ओर जाते हैं। पोस्टर पर सिर्फ कमलनाथ की फोटो पर बोले कि ये एक पार्टी का बोर्ड है, कमलनाथ मध्य प्रदेश में पार्टी के अध्यक्ष हैं। शीर्ष नेतृत्व की फोटो भी ऊपर लगी है। जो भी कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, प्रदेश के नेताओं के फोटो लगाए जाते हैं। भारत जोड़ो यात्रा में जो लोग दिखे वो लाई हुई जनता नहीं थी, बल्कि आई हुई जनता थी। कांग्रेस पार्टी सबको साथ में लेकर चलेगी।
गुटबाजी पर चंद्रिका द्विवेदी ने कहा कि आलाकमान के मन में ना तो भेदभाव है और ना दुराव है। लक्ष्य एक ही है- 2023 में प्रदेश में सरकार बनाना। कांग्रेस पार्टी के सभी नेता एक हैं। जिस तरह से हमारे नेताओं को दूसरी पार्टी में खरीद-फरीख्त करके ले जाया गया। जब समय आता है तो उन्हें पद भी दिया जाता है। अगर कोई चला जाता है तो दुख होता है।
कांग्रेस इसलिए लाई सूत्रवाक्य, मध्य प्रदेश में हर बड़े कांग्रेसी का गुट
सूत्र वाक्य (मैं नहीं हम) में कांग्रेस के पुराने मर्ज गुटबाजी का जिक्र भी नजर आता है। कांग्रेस में हमेशा से खलीफा संस्कृति रही है। प्रदेश दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, सुरेश पचौरी, अरुण यादव,अजय सिंह और कांतिलाल भूरिया के गुट चलते रहे हैं। यहां पर कार्यकर्ता अपने-अपने नेता के लिए पहचाने जाते हैं। इस सूत्र वाक्य में इसी गुटबाजी को खत्म करने का संदेश भी नजर आ रहा है।
दरअसल कांग्रेस को विधानसभा चुनाव जीतने के लिए गुटबाजी की बीमारी को दूर करना होगा। इसकी शुरुआत दिग्विजय सिंह और कमलनाथ के भारत जोड़ो यात्रा के समय गलबहियां करते हुए नजर आने से हो चुकी हैं। वहीं राहुल गांधी ने भी अपनी यात्रा में सबको साथ लेकर ये साफ कर दिया है कि सबके साथ से ही राजनीतिक जमीन वापस पाई जा सकती है। यही कारण है कि प्रदेश कांग्रेस भी अब नए सूत्रवाक्य के साथ सामने आई है हालांकि इसमें हम, कम और मैं ज्यादा नजर आ रहा है।
(इनपुट- अरुण तिवारी)
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