BHOPAL. द सूत्र की एक और खबर का बड़ा असर हुआ है। 24 मई को सिर्फ द सूत्र ने खुलासा किया था कि सरकार ने जीरो परसेंट ब्याज पर कर्ज चुकाने की तारीख तो बढ़ाकर 20 मई कर दी, लेकिन इसका फायदा किसानों को नहीं मिलेगा। वजह है गेहूं उपार्जन का पैसा किसानों को समय पर नहीं मिलना। जाहिर सी बात है जब किसान को अपनी उपज का पैसा ही नहीं मिलेगा तो वह बैंक में जाकर कर्ज कैसे चुकाएगा। द सूत्र कि इस खबर के बाद सहकारिता विभाग ने 0% स्कीम के अंतर्गत कर्ज चुकाने की तारीख को बढ़ाकर 31 मई कर दिया है। 26 मई, शुक्रवार को इस संबंध में सहकारिता विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
सरकारी खरीदी केंद्रों पर उपज बेचने वाले किसानों को मिलेगा लाभ
आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि 0% स्कीम के अंतर्गत कर्ज चुकाने की तारीख में जो वृद्धि की गई है, उसका लाभ सिर्फ उन किसानों को मिलेगा जिन्होंने 20 मई तक सरकारी खरीदी केंद्र पर अपनी उपज बेचीं है।
60 हजार किसानों को मिलेगा फायदा
प्रदेश में 20 मई तक 3400 से अधिक सरकारी केंद्रों पर गेहूं की खरीदी की गई। 7 लाख 96 हजार 190 किसानों ने कुल 70 लाख 97 हजार 65 मैट्रिक टन गेहूं सरकार को बेंचा। करीब 7 लाख 36 हजार किसानों को 13939 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान किसान गया, लेकिन अब भी करीब 60 हजार किसानों का 1142 करोड़ का भुगतान नहीं हुआ है। गेहूं का भुगतान नहीं मिलने पर ये किसान समय पर कर्ज चुका नहीं पाए थे, जिसके कारण डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए थे। अब कर्ज को जमा करने की तारीख बढ़ने से किसान समय पर अपना पैसा चुका देंगे, जिससे ना तो वह है अब डिफाल्टर होंगे और ना ही उन्हें बैंक को ब्याज के रूप में कोई अतिरिक्त राशि देना पड़ेगी।
28 लाख किसानों ने सहकारी बैंकों से लिया है कर्ज
सहकारी बैंक के माध्यम से सरकार किसानों को जीरो परशेंट ब्याज पर लोन देती है। प्रदेश में 28 लाख किसानों ने इस योजना के तहत लोन ले रखा है। इस लोन को निर्धारित समय पर जमा करना होता है। यदि किसान समय से कर्ज की राशि को जमा कर दे तो उस पर कोई ब्याज नहीं लगता है। लेकिन यदि किसान निर्धारित समय सीमा से 1 दिन बाद भी कर्ज की राशि को जमा करता है तो उसे अतिरिक्त ब्याज की रकम चुकानी होती है।