BHOPAL. मध्य प्रदेश के पूर्व आईएएस अफसर डॉ. वरदमूर्ति मिश्रा ने अपनी राजनीतिक पार्टी बना ली है। उन्होंने इसका नाम वास्तविक भारत पार्टी रखा है। वरदमूर्ति ने 1 जून 2022 को इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से ही वे मध्य प्रदेश के जिलों में घूम-घूमकर अपनी बात रख रहे थे। मध्य प्रदेश में 2023 में विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में वरदमूर्ति की क्या रणनीति रहेगी, ये आने वाले समय ही बताएगा।
बीजेपी-कांग्रेस दोनों को आड़े हाथ लिया था
बीते दिनों वरद मूर्ति मिश्र ने शिवराज सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी सरकार आम आदमी को बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं करा पा रही। प्रदेश में सरकारी आंकड़ा ही बताता है कि 30 लाख बेरोजगार हैं, जबकि इनकी संख्या 55 लाख के करीब है। प्रदेश में शिक्षा की व्यवस्था ऐसी है कि 58 हजार स्कूलों में बिजली तक नहीं है। बीते 18 साल में 16 हजार 738 किसानों ने आत्महत्या की है। ये आंकड़ा बताता है कि सरकार ने किसानों की आय दोगुनी की हैं या उन्हें बर्बाद किया है। कृषि विभाग ने 45 फीसदी पद खाली हैं, जो बताते हैं कि सरकार ने सब कुछ भगवान भरोसे छोड़ रखा है।
मिश्रा ने 15 महीने की कमलनाथ सरकार को लेकर भी तंज कसा। कहा कि 15 साल बाद बनी कांग्रेस सरकार भी बीजेपी की ही राहों पर थी। ट्रांसफर पोस्टिंग में दलाली करने लगी। कमलनाथ सरकार ने एक भी ऐसा काम नहीं किया कि उसकी वाहवाही की जा सके। (पढ़ें- क्यों बीजेपी-कांग्रेस में नहीं गए वरदमूर्ति)
वरदमूर्ति ने इसी साल जून में इस्तीफा दे दिया था
वरदमूर्ति को 17 जनवरी 2022 को आईएएस बनाया गया था। 1 जून को उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग (कार्मिक) को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का आवेदन दे दिया और 2 जून को दोपहर बाद दफ्तर छोड़कर रवाना हो गए। मिश्रा खनिज निगम (Mineral Corporation) में पदस्थ थे। आवेदन में उन्होंने नौकरी छोड़ने की वजह निजी बताई थी। मिश्रा पिछली कमलनाथ सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव पदस्थ थे। बाद में छिंदवाड़ा भेजे गए। वहां से लौटने के बाद उन्हें खनिज निगम में ईडी बनाया गया था। वे 7 साल बाद अगस्त 2029 में रिटायर होने वाले थे।