BHOPAL. मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले सरगर्मी बढ़ी हुई है। आज यानी 6 मई को पूर्व मंत्री और पूर्व सीएम के बेटे दीपक जोशी कांग्रेस जॉइन कर ली। भोपाल में प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कमलनाथ की मौजूदगी में दीपक ने औपचारिक रूप से 'हाथ' थाम लिया। वे घर से पूजा कर फरसा लेकर रवाना हुए थे। कुछ दिन पहले ही दीपक ने ऐलान कर दिया था कि वे कांग्रेस में जा रहे हैं। बीजेपी की तरफ से उन्हें मनाने की कोशिशें हुईं, पर सब नाकाम रहे। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में तो दीपक ने ये भी कह दिया था कि कांग्रेस कहेगी तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ बुधनी से भी लड़ लेंगे। इस बीच, शनिवार 6 मई को दीपक के कांग्रेस में शामिल होने से पहले पूर्व बीजेपी विधायक राधेलाल बघेल भी कांग्रेस में शामिल हो गए।
कांग्रेस जॉइन करने के बाद दीपक के बड़े आरोप
दीपक जोशी ने कहा कि शिवराज जिस कालेज में पढ़े थे, मैं वहां का प्रेसिडेंट था। मैं शिवराज की पिच पर खेलना चाहता हूं। मैं जानता हूं कि किस गेंद पर उनकी गिल्लियां बिखरेंगी। कांग्रेस कहे तो मैं वहां से तैयारी शुरू कर दूं। किसी समय हम शिवराज जी को कपड़े भी देते थे, दोनों टाइम खाना देते थे, जूते देते थे। कोरोना में मेरी पत्नी की मृत्यु हुई, शिवराज जी ने प्रशासन को निर्देश दिए कि जो दीपक कहे, वो नहीं करना। इंदौर शिफ्ट करने के लिए मुझे एक एंबुलेंस नहीं मिली।
शामिल होने के पहले ये बोले दीपक
कांग्रेस से शामिल होने से पहले फिर दीपक ने कहा कि मैं किसी खास आदमी के खिलाफ लड़ना चाहता हूं। मैं कोई पद नहीं चाहता। अगर पार्टी मुझे कहीं से लड़ाए तो किसी असुरक्षित सीट से लड़ाए, जिसमें कोई मंतव्य ना रहे। ये सवाल कि आपके बीजेपी छोड़ने के बाद देवास की सीटों पर प्रभाव पड़ेगा, दीपक ने कहा कि मैं पूरी ताकत लगाऊंगा। मेरे उन साथियों के विचार उस पार्टी के साथ हैं, जिसे मैं छोड़ रहा हूं, आज यदि मैं दूसरी पार्टी में जा रहा हूं तो वे मेरे साथ होंगे। मेरे पिता के साथ असंख्य लोग जुड़े हैं। मुझे विश्वास है कि वे सभी लोग मेरे साथ जुड़ेंगे। शिवराज सिंह चौहान भले ही मुझे अपना छोटा भाई माने,लेकिन मैं उन्हें अपना बड़ा भाई नही मानता।
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बीजेपी में उपेक्षा का शिकार हो रहे थे दीपक जोशी
2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कमलनाथ सरकार गिर गई थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस से इस्तीफा देने वालों में हाटपिपल्या से दीपक जोशी को हराकर विधायक बने मनोज चौधरी भी शामिल हो थे। उपचुनाव में बीजेपी ने मनोज चौधरी को टिकट दिया और वे जीतकर विधायक बन गए। इसके बाद से दीपक जोशी उपेक्षित महसूस कर रहे थे।
उपचुनाव में वोट डालने के बाद छलका था दर्द
हाटपिपलिया में उपचुनाव के दौरान दीपक जोशी ने जब वोटिंग की थी, उसके बाद उनका दर्द छलका था। दीपक जोशी ने कहा था कि हमेशा मैंने अपने लिए मतदान किया, लेकिन अबकी बार किसी और के लिए वोटिंग की। जोशी ने कहा था कि पहले कमल के फूल के आगे दीपक जोशी नाम लिखा हुआ रहता था, अब कमल का बटन कॉमन है। उसके आगे किसी भी व्यक्ति का नाम लिखा हो, दीपक जोशी की उंगली कमल के बटन पर ही जाएगी, लेकिन थोड़ा-सा जरूर लगता है कि पहले मेरा नाम था, अब मनोज चौधरी का नाम है।