BHOPAL. मध्य प्रदेश के पूर्व मंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ 27 अप्रैल को बीजेपी में शामिल हो गए। उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते निष्कासित कर दिया गया था। इस साल आखिर में मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। मलैया परिवार का दमोह में खासा प्रभाव है। लिहाजा बीजेपी कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। सिद्धार्थ ने कहा- पार्टी का आभार कि मुझे दोबारा मौका दिया। दमोह उपचुनाव में सिद्धार्थ को बगावत करने पर BJP ने निष्कासित कर दिया था। बीजेपी प्रत्याशी की हार का ठीकरा उनके सिर फूटा था। पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते बीजेपी ने उन्हें 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया था।
दमोह विधानसभा उपचुनाव के बाद निलंबित हुए थे सिद्धार्थ
दमोह 2021 में दमोह के विधानसभा उपचुनाव में प्रत्याशी राहुल सिंह को 17000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था और कांग्रेस प्रत्याशी अजय टंडन चुनाव जीते थे। राहुल सिंह इस हार के लिए मलैया परिवार को जिम्मेदार ठहराया था और पार्टी विरोधी गतिविधियों का आरोप लगाया था। जिसके बाद संगठन ने कार्रवाई करते हुए पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को नोटिस जारी किया था और उनके बेटे सिद्धार्थ मलैया सहित पांच मंडल अध्यक्ष को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया गया था। पूर्व वित्तमंत्री और उनके बेटे के साथ सभी ने अपना जवाब प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा को दिया था, लेकिन सिद्धार्थ की वापसी नहीं हुई। इसके बाद लगातार कयास लगाए जा रहे थे कि सिद्धार्थ की घर वापसी होगी, लेकिन ऐसा संभव नहीं हुआ।
सिद्धार्थ की पार्टी के 5 पार्षद जीते भी
नगर पालिका चुनाव के दौरान सिद्धार्थ ने बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। जिसके बाद शहर के 31 वार्ड में उनके समर्थकों ने टीएसएम के बैनर तले चुनाव लड़ा था जिसमें से 5 प्रत्याशी पार्षद पद का चुनाव भी जीते थे और इसी के चलते दमोह में बीजेपी की नगरपालिका नहीं बन पाई थी और कांग्रेस यहां काबिज हो गई थी। लगातार बीजेपी को दमोह में हार का सामना करना पड़ रहा था जिला पंचायत में भी बीजेपी हार गई थी। इसके अलावा हटा नगर पालिका जहां पर बीजेपी का कब्जा था, वहां भी कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाया था।
मप्र बीजेपी प्रभारी राव के दमोह दौरे के बाद बनी बात
2 दिन पूर्व ही मध्यप्रदेश बीजेपी प्रभारी मुरलीधर राव जब दमोह आए थे। तब उन्होंने कहा था कि पुराने साथियों को वापस लाकर दमोह सीट 100 प्रतिशत जीतेंगे और 51 प्रतिशत वोट शेयर भी लेंगे। जिससे लगने लगा था कि पार्टी अपने पुराने कार्यकर्ताओं की हर हाल में वापसी करेगी और 2023 विधानसभा चुनाव के पहले समीकरण बदलेंगे और आज वही हुआ जब सिद्धार्थ सहित पांचों मंडल अध्यक्ष की वापसी हो गई इसके अलावा उन लोगों की वापसी की जाएगी, जिन्होंने नगर पालिका चुनाव के दौरान पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था। सिद्धार्थ माल्या की बीजेपी में वापसी के बाद सोशल मीडिया पर उनके समर्थक काफी खुशी मना रहे हैं और लिख रहे हैं कि एक ना एक दिन तो यह होना ही था।