बीजेपी नेता को थप्पड़ मारने वाली डिप्टी कलेक्टर के आगे झुकी सरकार, सीएस और सीएम के प्रमुख सचिव का विरोध भी दरकिनार

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The Sootr CG
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बीजेपी नेता को थप्पड़ मारने वाली डिप्टी कलेक्टर के आगे झुकी सरकार, सीएस और सीएम के प्रमुख सचिव का विरोध भी दरकिनार

हरीश दिवेकर, BHOPAL. कमलनाथ सरकार में बीजेपी नेता को थप्पड़ मारने और तिरंगे के अपमान को लेकर चर्चा में आई डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा का बीजेपी सरकार में भी जलवा बरकरार है। हालात ये है कि मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी के विरोध के बावजूद प्रिया वर्मा ने इंदौर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर अपनी पदस्थापना करवा ली। प्रिया इंदौर के मांगलिया की रहने वाली है, उनकी पोस्टिंग में गृह जिला आड़े आया तो आनन-फानन में उनका गृह जिला तक बदला गया।



इंदौर में डिप्टी कलेक्टर बनने के लिए बदलवाया अपना गृह जिला



सूत्र बताते हैं कि संघ के एक पदाधिकारी की सिफारिश पर प्रिया वर्मा को इंदौर डिप्टी कलेक्टर बनाया गया है। पहली बार में प्रिया को इंदौर में डिप्टी कलेक्टर बनाने से यह कहते हुए इनकार कर दिया गया था कि उनका गृह जिला इंदौर है, ऐसे में उन्हें कार्यपालिक अधिकार वाली पोस्टिंग नहीं दी जा सकती। संघ पदाधिकारी की सिफारिश का मान रखने के लिए प्रिया को इंदौर में उपायुक्त राजस्व बनाया गया था। सूत्र बताते हैं कि प्रिया के मामले में संघ के पदाधिकारी इस बात की जिद पकड़कर बैठ गए कि प्रिया को इंदौर डिप्टी कलेक्टर ही बनाया जाए। उच्च स्तर से दवाब आते ही जीएडी कार्मिक डिपार्टमेंट ने पहले प्रिया वर्मा का गृह जिला इंदौर से हटाकर देवास किया। जिसके चलते उनकी पोस्टिंग में आड़े आ रही गृह जिले की बाधा खत्म हो। गृ​ह जिला बदलते ही प्रिया को इंदौर डिप्टी कलेक्टर बनाया गया। 



थप्पड़ कांड पर शिवराज ने जताई थी नाराजगी



कमलनाथ सरकार में जनवरी 2020 में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में बीजेपी ने राजगढ़ में तिरंगा यात्रा निकाली थी। यात्रा में मैदानी अफसरों के साथ विवाद होने पर तत्कालीन कलेक्टर निधि निवेदिता और डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा पर बीजेपी नेताओं को थप्पड़ मारने और तिरंगे का अपमान का मामला सामने आने के बाद ​शिवराज सिंह चौहान ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि मैडम, आपने कानून की कौन-सी किताब पढ़ी है, जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार मिला है?  बीजेपी ने उस समय बड़ा विरोध किया था। सोशल मीडिया पर भी तिरंगे के अपमान को लेकर ये मामला ट्रेंड में रहा था और बर्खास्तगी की मांग भी उठी थी। ऐसे में उसी बीजेपी सरकार में प्रिया वर्मा को मनमानी पोस्टिंग मिलना अब मंत्रालय में चर्चा का विषय बना हुआ है।



कौन है प्रिया वर्मा



प्रिया इंदौर के मांगलिया की रहने वाली हैं। 21 साल की उम्र में डीएसपी बन गई थी। तीन कोशिशों के बाद वह डिप्टी कलेक्टर बनी थी। सबसे पहले प्रिया वर्मा ने साल 2014 में एमपी लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की थी। पहली पोस्टिंग जेलर के रूप में हुई थई। 2015 में प्रिया डीएसपी बन गईं। साल 2017 में प्रिया वर्मा ने फिर परीक्षा दी थी। प्रदेश में इस बार उन्होंने चौथा स्थान हासिल किया और डिप्टी कलेक्टर बनीं। प्रिया वर्मा ने डीएसपी आशीष पटेल के साथ शादी की है।



सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं प्रिया वर्मा



2020 से पहले भी प्रिया वर्मा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थीं। वह सिविल सेवा की तैयारी कर रहे छात्रों को फेसबुक पर सलाह भी देती हैं। 2020 के बाद प्रिया वर्मा के फेसबुक पर खूब फॉलोअर्स बढ़े हैं। अभी उनके पेज पर करीब चार लाख लाइक्स हैं। वहीं, 27 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। प्रिया वर्मा के एक पोस्ट पर हजारों लाइक्स और कमेंट मिलते हैं।



निधि निवेदिता को नहीं मिली अच्छी पोस्टिंग



जनवरी 2020 में तिरंगा यात्रा में थप्पड़ कांड में राजगढ़ की तत्कालीन कलेक्टर निधि​ निवेदिता का नाम भी था। इन आरोप था कि तिरंगा यात्रा की डयूटी में लगे एएसआई को थप्पड़ मारा था। ​भीड़ का नियंत्रित न कर पाने के कारण निधि ने अपना गुस्सा एएसआई पर उतारा था। कमलनाथ सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने दोनों महिला अधिकारी निधि निवेदिता और प्रिया वर्मा को लूप लाइन में डाल दिया था। समय के साथ प्रिया ने तो बीजेपी में अपनी धाक जमाकर मनमानी पोस्टिंग पा ली, लेकिन निवेदिता को राजगढ़ से हटने के बाद दूसरे जिले में कलेक्टरी करने का मौका नहीं मिला न ही कोई प्राईम पोस्टिंग।



वीडियो देखें- 




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