BHOPAL. बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान श्रवण कुमार की उपाधि पा चुके हैं। अब सरकार नए साल में नया फंडा अपना रही है। ये फंडा है बुजुर्गों को हवाई सफर से तीर्थ दर्शन कराने का। ये पहला प्रयोग है जो मध्यप्रदेश में शुरू होने जा रहा है। दरअसल ये नुस्खा चुनावी साल के लिए आजमाया जा रहा है। इस नुस्खे के जरिए बीजेपी बुजुर्गों का वोटों के रूप में आशीर्वाद पाना चाहती है। इसकी शुरुआत फरवरी से होगी। पहली तीर्थ यात्रा भगवान रामेश्वरम की कराई जाएगी। श्रद्धालुओं के पहले जत्थे में करीब 400 लोग हवाई जहाज से इंदौर से रामेश्वरम के लिए रवाना होंगे।
पहली बार हवाई यात्रा
तीर्थ दर्शन यात्रियों को इंदौर से रामेश्वरम ले जाया जाएगा। यात्रियों का चयन जिला स्तर पर लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। तीर्थ यात्रा के लिए वरिष्ठ नागरिकों को हवाई मार्ग से ले जाने का विचार पहली बार इस साल की शुरुआत में चर्चा में आया। जिसके बाद इसको अमल में लाने की प्रक्रिया शुरू की गई। अधिकारियों ने कहा कि भारत सरकार द्वारा प्रमाणित एजेंट के इस सफर को अंतिम रूप देने के बाद खर्च की राशि तय की जाएगी। सरकार का मानना है कि हवाई यात्रा से लोगों को ट्रेन से ले जाने में होने वाले बोर्डिंग और लॉजिंग का खर्च बच जाएगा। रामेश्वरम के बाद लोगों को वैष्णो देवी और अयोध्या भी ले जाया जाएगा। अधिकारियों का मानना है कि बुजुर्ग लंबी यात्रा होने के कारण तीर्थ दर्शन को नहीं जा पाते। हवाई सफर से वे बिना परेशानी के और जल्दी तीर्थ दर्शन कर वापस अपने घर लौट पाएंगे।
ये जा सकेंगे हवाई सफर पर
इस योजना के तहत वरिष्ठ नागरिक, जो आयकर दाता नहीं हैं, उन्हें तीर्थ यात्रा पर ले जाया जाता है। राज्य सरकार खर्च वहन करती है। अब तक लोगों को ट्रेन से ले जाया गया है। ये योजना कोरोना के कारण 2 साल के लिए बंद की गई थी लेकिन इस साल फिर से शुरू हो गई है। सरकार की योजना अभी सिर्फ एक बार लोगों को फ्लाइट से ले जाने की है। अनुभव और फंड के आधार पर सरकार प्रायोजित हवाई यात्रा पर आगे विचार करेगी। जिला कलेक्टर लॉटरी निकालेंगे और लोगों की अंतिम सूची राज्य स्तर पर तय की जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि लाभार्थियों को इंदौर से मदुरै ले जाया जाएगा जोकि रामेश्वरम के सबसे पास का हवाई अड्डा है।
1 साल में 150 नई ट्रेन
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार अगले 1 साल में 150 नई ट्रेन चलाकर बुजुर्गों को तीर्थ दर्शन कराएगी। इस योजना का शिवराज सरकार को बड़ा लाभ मिला है। इस योजना को अन्य राज्यों ने भी अपनाया है। बुजुर्गों के आशीर्वाद के रूप को सरकार वोट में भी बदलना चाहती है। यानी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले शिवराज सरकार अपनी सबसे बड़ी तीर्थ दर्शन योजना के तहत बुजुर्गों को तीर्थ स्थल पर ले जाकर एक बड़े वोट बैंक को साधने की तैयारी में है।
धर्म के रास्ते राजनीति की सत्ता
तीर्थ दर्शन योजना शिवराज सरकार की उन योजनाओं में शुमार है जिसने मुख्यमंत्री को लोकप्रिय जननेता बनाया है। शिवराज सिंह चौहान ने 2012 में ये योजना शुरू की और 2013 में अच्छे बहुमत से फिर सरकार बनाई और उसके बाद तीर्थ दर्शन का सिलसिला चलता रहा और काफिला बढ़ता गया। दरअसल सीएम ने इस योजना के जरिए बुजुर्गों की दुखती रग पर हाथ रखा और तीर्थ दर्शन कराकर उनका हाथ अपने सिर पर रखवाने में भी कामयाब हुए।
मध्यप्रदेश में कई ऐसे नेता हैं जो लोगों को अपने खर्च पर लोगों को धार्मिक स्थानों पर ले जाते हैं। उनकी राजनीतिक कामयाबी में इस तरह के प्रयोगों का बड़ा हाथ माना जा रहा है।
नरोत्तम मिश्रा
मध्यप्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा हर साल अपने विधानसभा क्षेत्र से अपने समर्थकों को वैष्णो देवी के दर्शन कराने के लिए ले जाते हैं। उन्होंने इसकी शरुआत 1987 से की थी तब वे विधायक नहीं बने थे। 1990 में बीजेपी ने उन्हें ग्वालियर जिले की डबरा सीट से टिकट दिया और पहली बार एमएलए बने। तब से ये सिलसिला जारी है और इसका स्वरूप बड़ा होता जा रहा है।
संजय शुक्ला
इंदौर विधानसभा एक से कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला अपनी विधानसभा के 600 लोगों को हर माह अयोध्या और काशी यात्रा पर ले जाते हैं। इस 4 दिन की यात्रा का पूरा खर्च वही उठाते हैं। वे पिछले दस महीनों से ऐसा कर रहे हैं। इस यात्रा पर करीब 20 लाख से ज्यादा खर्चा आता है। ये यात्राएं उन्होंने निगम चुनाव के पहले शुरू की थीं, मकसद है कि वे अगले विधानसभा चुनाव तक उनके कुल 17 वार्ड को कवर कर सकें और हर वार्ड के लोगों की एक-एक बार यात्रा हो जाए।
जगत बहादुर अन्नू
जबलपुर के नवनिर्वाचित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू जनवरी 2011 से लोगों को वैष्णो देवी के दर्शन कराने ट्रेन से ले जाते हैं। वे हर साल 2 हजार लोगों को ले जाते हैं जिसमें जबलपुर के अलावा कटनी, नरसिंहपुर और आसपास के लोग भी रहते हैं। अन्नू को हाल ही में महापौर चुनाव में बड़ी सफलता मिली। उन्होंने जबलपुर की परंपरागत सीट पर बीजेपी को हराकर महापौर की कुर्सी हासिल की। उनकी जीत की बड़ी वजह धार्मिक यात्रा के जरिए लोगों में पैठ को माना जा रहा है।
मनोज शुक्ला
भोपाल के युवा कांग्रेस नेता मनोज शुक्ला पिछले 11 साल से मध्य विधानसभा क्षेत्र के लोगों को मथुरा-वृंदावन में गिरिराज परिक्रमा के लिए ले जाते हैं। करीब 5 हजार परिवारों की महिलाओं को वे गिरिराज परिक्रमा करा चुके हैं। हालांकि अब तक उन्हें विधानसभा चुनाव में टिकट का इंतजार है।