इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टर बदलेंगे, 9 नवंबर के बाद ट्रांसफर के लिए निर्वाचन आयोग की परमिशन जरूरी होगी

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Atul Tiwari
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इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टर बदलेंगे, 9 नवंबर के बाद ट्रांसफर के लिए निर्वाचन आयोग की परमिशन जरूरी होगी

हरीश दिवेकर, BHOPAL. मध्य प्रदेश में बहुप्रतीक्षित कलेक्टरों के तबादलों की लिस्ट जल्द जारी होने की संभावना है। इसमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर के कलेक्टरों को बदला जा सकता है। यदि सरकार दो दिन में तबादले नहीं कर पाई तो कलेक्टरों के तबादले दो महीने के लिए लटक जाएंगे। दरअसल, 9 नवंबर निर्वाचन आयोग मतदाता सूची का पुनरीक्षण (रिवीजन) करने जा रहा है। इसके लिए सभी बूथों पर अभियान चलाया जाएगा। 5 जनवरी को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन होगा। यानी 9 नवंबर से 5 जनवरी के बीच राज्य सरकार किसी भी कलेक्टर का तबादला अपनी मर्जी से नहीं कर पाएगी, इसके लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति लेना होगी। इसी के चलते संभावना जताई जा रही है कि आज-कल में 10 से ज्यादा कलेक्टरों के तबादले होने की संभावना है। 



मुख्य सचिव ने सीएम के प्रमुख सचिव के साथ मीटिंग की थी



लंबे समय से अटकी प्रशासनिक सर्जरी को देखते हुए 5 नवंबर को मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सीएम के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी और कार्मिक प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी के साथ बैठक की थी। इसमें मंत्रालय के आला अफसरों के साथ कमिश्नर, कलेक्टर, सीईओ और राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के नाम पर मंथन हुआ था। सरकार ने मंत्रालय के आला अफसरों, दो कमिश्नर और राप्रसे (SAS) अधिकारियों की सूची तो छुट्टी वाले दिन 6 नवंबर (रविवार) देर रात को जारी कर दी, लेकिन कुछ कलेक्टरों के लिए स्थानीय नेताओं की खींचतान से सूची जारी नहीं हो सकी। संभावना है कि मुख्यमंत्री से एक दौर की चर्चा के बाद आज-कल में कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ की सूची जारी हो सकती है। 



लोकल बॉडी इलेक्शन में जहां नतीजे अच्छे नहीं रहे, वो कलेक्टर हटेंगे



सूत्रों के मुताबिक इस तबादला सूची में दो साल से ज्यादा समय तक जमे कलेक्टर को हटाया जाएगा। वहीं स्थानीय चुनाव में जहां परिणाम अच्छे नहीं आए हैं उन जिलों के कलेक्टरों पर भी गाज गिरना तय माना जा रहा है। इसके साथ ही चुनावी साल देखते हुए उन जिलों के कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ भी हटाए जा सकते हैं, जिनकी स्थानीय नेताओं से पटरी नहीं बैठ रही है। इनमें से कुछ को दूसरे जिलों में भी पदस्थ किया जा सकता है। इस प्रशासनिक सर्जरी में 2014 बैच के आईएएस अफसरों को कलेक्टर बनने का मौका मिल सकता है। इसी तरह प्रमोटी आईएएस में 2012 और 2013 बैच के अफसरों की लॉटरी खुल सकती है। तबादले का एक आधार हर माह कलेक्टर, कमिश्नर, की तैयार कराई जाने वाली रिपोर्ट को भी बनाया जाएगा। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन में जिन जिलों की शिकायतें अधिक आ रही हैं, उसे भी तबादलों में आधार बनाया जाएगा। 



इन जिलों के बदलेंगे कलेक्टर



सूत्रों का कहना है कि पहले दौर की बैठक में जिन जिलों के कलेक्टर बदले जाने की चर्चा हुई है, उनमें इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, मुरैना, छिंदवाड़ा, उमरिया, देवास, शाजापुर, बुरहानपुर, सिवनी, सिंगरौली, मंडला, आगर-मालवा, टीकमगढ़ और सीहोर शामिल हैं। इसी के साथ सिंगरौली और छतरपुर के जिला पंचायत भी बदले जा सकते हैं। हालांकि इस पर अभी एक दौर की बैठक ओर होना है उसके बाद ही सूची फाइनल होगी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जबलपुर कमिश्नर चन्द्रशेखर बोरकर और सागर कमिश्नर मुकेश शुक्ला को भी बदला जा सकता है।


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