संजय गुप्ता, INDORE. इंदौर में नेताओं के रसूख के लगातार किस्से सामने आ रहे हैं। अब मामला सांसद शंकर लालवानी के संरक्षण वाली संस्था नमो नमो शंकरा सोशल वेलफेयर आर्गेनाइजेशन का है। संस्था ने 12 अप्रैल से पांच दिन के लिए दशहरा मैदान पर क्रिकेट टूर्नामेंट कराया है। यहां आयोजन के लिए जमीन जिला प्रशासन से किराए पर लेना होती है, इसलिए संस्था ने भी किराए पर ली। लेकिन टूर्नामेंट करीब एक लाख वर्गफीट जमीन पर हुआ, लेकिन प्रशासन से केवल दस हजार वर्गफीट जमीन ही किराए पर ली गई। राउ एसडीएम और नजूल अधिकारी विजय मंडलोई, राजस्व निरीक्षक पठान ब्राह्मणे ने भी मौके पर जाकर यह नहीं देखा कि कितनी जमीन पर यह टूर्नामेंट कराया जा रहा है और राजस्व की चोरी हो रही है। उन्होंने भी दस हजार वर्गफीट के हिसाब से किराया भरा लिया।
केवल भरा 38,415 रुपए किराया
नमो नमो शंकरा संस्था की ओर से अध्यक्ष पंकज फतेहचंदानी ने आवेदन कर यहां दस हजार वर्गफीट जमीन पांच दिन के लिए किराए पर ली। यहां जमीन का एक दिन का किराया 0.76 रुपए प्रति वर्गफीट है। इस हिसाब से एक दिन का दस हजार वर्गफीट का किराया 7683 रुपए प्रति दिन का हुआ और पांच दिन का उन्होंने किराया 38 हजार 415 रुपए भर दिया।
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जबकि बनता है 3.84 लाख किराया
टूर्नामेंट के लिए दोनों ओर 40-50 मीटर की बाउंड्री बनाई गई है, पूरा घेरा करीब 60 हजार वर्गफीट का था, वहीं मंच व अन्य जगह को मिलाकर करीब एक लाख वर्गफीट जमीन का उपयोग किया गया। एक लाख वर्गफीट जमीन का किराया 0.76 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से एक दिन का 76 हजार रुपए होता है और पांच दिन का तीन लाख 80 हजार रुपए होता है। यानि संस्था ने प्रशासन को करीब तीन लाख 41 हजार रुपए का कम राजस्व भरा है। इस मामले में पंकज फतेहचंदानी का कहना है कि मेरी ओर से आवेदन गया है लेकिन यह काम कोई और देखता है, मैं दिखवाता हूं।
पहले एकलव्य गौड़ भी ऐसा कर चुके हैं
दशहरा मैदान पर राजस्व चोरी का यह पहला मामला नहीं है। यहां आयोजन के लिए राजनीतिक दल से लेकर कई नेताओं द्वारा व्यक्तिगत कार्यक्रमों के लिए जमीन किराए पर ली जाती है लेकिन जितनी जमीन लगती है उससे कई गुना कम किराए पर बताकर किराया भरते हैं, और तो और कई दिन पहले से ही यह जमीन ले ली जाती है और बताई कम दिनों की जाती है। कुछ साल पहले विधायक मालिनी गौड़ के पुत्र एकलव्य गौड़ ने भी एक बाइक आयोजन के लिए यहां कम जमीन लेना बताई थी बाद में विवाद के बाद अतिरिक्त राशि भरी गई थी।