मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह बोले- अफसरों के निलंबन की स्क्रिप्ट पहले से तैयार रहती है, सीएम सिर्फ एक्टिंग करते हैं

author-image
Atul Tiwari
एडिट
New Update
मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह बोले- अफसरों के निलंबन की स्क्रिप्ट पहले से तैयार रहती है, सीएम सिर्फ एक्टिंग करते हैं

देव श्रीमाली, GWALIOR. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते कुछ दिनों से मंच पर से अधिकारियों और कर्मचारियों के सस्पेंड करने के आदेश दे रहे हैं। अब इस पर नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह ने तंज कसा कि अब कोई सीएम की घोषणा को गंभीरता से नहीं लेता। सभी को पता चल चुका है कि सब कुछ स्क्रिप्टेड होता है।



मुख्यमंत्री की बातें मजाक, उनकी कथनी-करनी में अंतर- डॉ. सिंह



नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के मुताबिक, मुख्यमंत्री जी भ्रष्टाचार खत्म करने, जीरो टॉलरेंस और रिश्वत लेने वालों को उल्टा लटकाने की बात बंद करें। उनकी ये बातें अब सिर्फ मजाक बन कर रह गई है, ना भ्रष्टाचार बंद हुआ और ना ही आज तक कोई उल्टा लटका। हकीकत तो यह है कि भ्रष्टाचारियों को बचाने का काम सरकार कर रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की कथनी और करनी में उतना ही अंतर है, जितना जमीन और आसमान में। जनता को खुश करने के लिये मंच से भाषण तो खूब दिए जाते हैं, लेकिन अमल में कितने लाए जा रहे हैं? यह सिर्फ सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए किया जा रहा है।



लताड़ के लिए पहले ही हो जाता है होमवर्क



डॉ. सिंह ने कहा कि वीडियों कॉन्फ्रेसिंग के दौरान पहले से ही चंद मुंह लगे अधिकारी बता देते है कि फलां को लताड़ लगा दो और फलां को निलंबित कर दो। इससे जनता में संदेश जायेगा कि मुख्यमंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। हकीकत यह है कि जो उनके सिपहसालार चाहते हैं, वह करवा देते हैं, उसके बाद निलंबित अधिकारी भी बहाल हो जाता है। छोटे अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित करने की कार्रवाई तो लगातार चल रही है, लेकिन बड़े अधिकारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं हो पाई है।






गोविंद सिंह बोले- किसी घोटाले में क्यों नही हो पाती कार्रवाई?



नेता प्रतिपक्ष डॉ. सिंह के मुताबिक, आयुष्मान योजना में हुए भ्रष्टाचार का वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल हो रहा है। रिश्वत लेने-देने का ऑडियो भी वायरल हो रहा है, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई अभी तक नहीं हुई। इस मामले में सिर्फ संचालक का तबादला कर दिया गया। जो अधिकारी भ्रष्ट लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करना चाहते हैं या कुछ आगे बढ़ते हैं, उनकी नाक में नकेल डाल दी जाती है और तबादला कर दिया जाता है। क्या भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरों टॉलरेंस की घोषणा इसी तरह फलीभूत होगी। मुख्यमंत्री कहते हैं कि भ्रष्टाचारियों को चिह्नित करें, उन्हें नष्ट कर दूंगा, ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा। आदिवासियों की जमीन दूसरे के नाम की तो मामा लटका देगा, नौकरी खा जाएगा। मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार को कोढ़ बता कर पूरी तरह खत्म करने की बात करते है। डिंडौरी में मंच पर बुलाकर डीएसओ को निलंबित कर दिया और जनता से तालियां बजवा लीं। मुख्यमंत्री जी, जिले में कलेक्टर और एसपी मुख्य रूप से जिम्मेदार होते है, उनके खिलाफ कार्यवाही क्यों नहीं करते? 



लालफीताशाही मुख्यमंत्री को अंधेरे में रखे हुए है- नेता प्रतिपक्ष



डॉ. सिंह ने ये भी कहा कि स्वेच्छानुदान से इलाज कराने के लिए 10% कमीशन की खबर अखबार में छपी है। आज हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री सचिवालय से ही इलाज का पैसा दो-दो माह तक नहीं पहुंच रहा। अधिकारी फाइलें दबाकर बैठे हैं और कह देते है कि सीएम साहब के दस्तखत ही नहीं हो पा रहे। लोग अस्पताल में मुख्यमंत्री सहायता कोष की तरफ देखते-देखते परेशान हैं, इलाज ना मिलने पर मौत हो जा रही है और यहां दस्तखत ही नहीं हो पा रहे। क्या इसे भ्रष्टाचार मानें या शिष्टाचार? यह कैसी लालफीताशाही है, जो मुख्यमंत्री जी को ही अंधेरे में रखे हुए है।


सीएम शिवराज सिंह का अफसरों को सस्पेंड करना अफसरों के सस्पेंड पर कांग्रेस के गोविंद सिंह एमपी नेता प्रतिपक्ष का सीएम शिवराज पर तंज CM Shivraj in Action CM Shivraj Suspends officers MP News MP Leader of Opposition Taunts CM Shivraj Cong Govind singh on Officers Suspension एमपी न्यूज सीएम शिवराज एक्शन में
Advertisment