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NEW DELHI/BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार में मौजूदा गृहमंत्री और दतिया से विधायक नरोत्तम मिश्रा के लिए आने वाला समय का काफी अहम है। नरोत्तम के खिलाफ पेड न्यूज वाले मामले में 19 अप्रैल को अंतिम सुनावई होगी। आपको बता दें कि पहले ये अंतिम सुनवाई 12 अप्रैल को होना थी। सुनवाई का नंबर नहीं आ पाने से अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी।
3 साल तक चुनाव लड़ने के लिए ठहराया था अयोग्य
इस मामले में चुनाव आयोग ने 23 जून 2017 को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 10A के तहत 3 साल के लिए नरोत्तम मिश्रा को अयोग्य घोषित किया था। इस फैसले को लेकर नरोत्तम ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में अपील की थी। इसके बाद शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती ने मप्र में राजनीतिक दबाव को आधार बनाते हुए सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को उठाया था। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केस को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट से दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रांसफर करा लिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट से मिला था नरोत्तम को झटका
इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने 14 जुलाई 2017 को नरोत्तम मिश्रा की अपील को खारिज करते हुए निर्वाचन आयोग के आदेश को यथावत रखा था। बाद में नरोत्तम मिश्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील की थी। इसमें सिंगल बेंच और निर्वाचन आयोग के खिलाफ आदेश पारित किया गया। हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश के बाद शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती और भारत निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग अपील दायर की थी। शिकायतकर्ता राजेंद्र भारती ने तुरंत सुनवाई की अपील दायर की थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 16 फरवरी 2023 को सभी पक्षों की सहमति से 2 मार्च को पेड न्यूज केस में सुनवाई की तारीख दी। लेकिन 2 मार्च को सुनवाई टलने के बाद 12 अप्रैल की तारीख तय की गई।
फैसले पर टिका नरोत्तम का राजनीतिक भविष्य
मध्य प्रदेश के इस चर्चित केस में राजेंद्र भारती की ओर से पैरवी करने के लिए कांग्रेस के तत्कालीन वरिष्ठ नेता और नामी वकील कपिल सिब्बल, पूर्व मंत्री पी.चिदंबरम और सांसद विवेक तन्खा कोर्ट में पेश हुए थे। अब कपिल सिब्बल के कांग्रेस छोड़ने के बाद उनकी जगह कांग्रेस पार्टी अपने किसी अन्य सीनियर वकील को पैरवी के लिए सुप्रीम कोर्ट में खड़ा कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई पर नरोत्तम का राजनीतिक भविष्य टिका हुआ है। यदि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के फैसले को यथावत रखा तो मंत्रीपद के साथ नरोत्तम की विधायकी और अगला चुनाव लड़ना खटाई में पड़ सकता है।
पेड न्यूज केस में अब तक ये हुआ
- 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड न्यूज छपवाने को लेकर राजेंद्र भारती ने 2009 में चुनाव आयोग में शिकायत की।