सलाहकारों के फेर में फंसे मंत्री, राजा भी मरेगा और घोड़ा भी, डी कंपनी को किसकी लगी नजर

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Harish Divekar
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सलाहकारों के फेर में फंसे मंत्री, राजा भी मरेगा और घोड़ा भी, डी कंपनी को किसकी लगी नजर

ह​रीश दिवेकर, BHOPAL. आप घर से बाहर निकलने वाले हैं तो छाता लेकर जरुर निकलिएगा, इंद्र देवता कभी भी मेहरबान हो सकते हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि रीवा, सतना, कटनी, जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल में बारिश हो सकती है। इधर केन्द्र सरकार ने बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री ‘द मोदी क्वेश्चन’ को यूट्यूब पर ब्लॉक करवा दिया है। सरकार का मानना है कि इसमें पीएम की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है। उधर, ट्रैफिक रूल्स तोड़ने के आरोप में ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक पर 100 पाउंड (लगभग ₹10 हजार) का जुर्माना लगा है। वे बिना सीट बेल्ट लगाए पीछे की पैसेंजर सीट पर एक वीडियो बना रहे थे। हमारे यहां तो सत्ताधारी के कार्यकर्ता के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस चालान नहीं बना सकती। खैर छोड़िए देश-विदेश में खबरें तो बहुत हैं, हम अब आपको सीधे ले चलते हैं प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में। बताते हैं क्या चल रहा है अंदरखाने में। 





सलाहकारों के फेर में फंसे मंत्री





प्रदेश के कद्दावर मंत्री सलाहकारों के फेर में फंस गए। दिन रात मंत्री को सीएम का सपना दिखाकर उल्टे सीधे बयान दिलवाते रहते हैं। ऐसा ही एक बयान मंत्री के गले की फांस बन गया। मामले में सीधे पीएम ने आपत्ति जताई। मंत्री प्रदेश के तीसरे नेता है जिन पर पीएम ने सार्वजनिक तौर पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। मंत्री को बिन मांगे सलाह है कि ऐसे सलाहकारों से जितनी जल्दी दूरी बना लें उतना अच्छा, नहीं तो सीएम बनने का सपना तो दूर कहीं मंत्री पद ही खतरे में ना डलवा दें।





राजा भी मरेगा और घोड़ा भी





बीजेपी के दिग्गज नेता गौरीशंकर शेजवार का एक बयान सियासत के गलियारों में भारी चर्चा में है। शेजवार ने अपने जन्मदिन पर एक कहानी सुनाते हुए कहा कि अभी एक साल बाकी है, राजा भी मरेगा और घोड़ा भी। उनकी कहानी के सार पर हजारों समर्थकों ने ताली बजा कर एहसास कराया कि वे समझ गए, कौन जादूगर! कौन राजा ! और कौन घोड़ा है ! और कब मरेगा ! कहानी में राजा और घोड़े दोनों को चुनौती है और समर्थकों को संदेश है। विधानसभा चुनाव में एक साल बाकी है। एक साल का समय बहुत होता है। 





सियासत में उतरने के लिए उतावले





मोदीजी भले ही कहें कि वंशवाद नहीं चलेगा। नेता पुत्रों को टिकट नहीं मिलेगी। लेकिन कहते हैं कि दिल है कि मानता नहीं। ऐसा ही नजारा ग्वालियर चंबल में देखने को मिल रहा है नेता पुत्र सियासत में उतरने के लिए उतावले हैं। दो दिग्गज नेता नरेन्द्र सिंह तोमर और प्रभात झा के बेटों के जन्मदिन पर पोस्टर वार छिड़ा। यह नेता पुत्र है देवेन्द्र सिंह तोमर (रामू) और तुष्मुल झा। नेता पुत्रों के समर्थकों ने अपने नेता को बड़ा बताने के फेर में पूरे शहर को होर्डिंग्स पोस्टर्स से पाट दिया। नेता पुत्रों का ये प्रमोशन चर्चा का विषय बना हुआ है। बहरहाल अब देखना होगा कि क्या 2023 का यह साल राजनीतिक मायनो में इनके लिए खास हो सकता है।





डी कंपनी को किसकी लगी नजर





सत्ता-संगठन में दबदबा रखने वाली डी कंपनी की इन दिनों हालात खराब है। चंद समय में आसमान छूने वाली इस कंपनी को नजर लग गई है। शेयर मार्केट में औंधे मुंह शेयर तो गिरे ही हैं, साथ में केन्द्र सरकार की नाराजगी ने भी कंपनी का खासा नुकसान पहुंचाया है। डी कंपनी के कर्ताधर्ता जो कल तक अपने फिंगर टीप पर देश प्रदेश के बड़े से बड़े लोगों को रखते थे, आज उन्हीं लोगों ने मुंह फेर लिया है। इस हालात को देखते हुए वे बड़े अफसर भारी परेशान हैं जिन्होंने दोस्ती यारी में भारी भरकम काला-पीला ​माल सफेद करने के फेर में लगाया हुआ है। हालात ये हैं कि सफेद होना तो छोड़ों जो काला-पीला दिया है वो ही बच जाए। 





आईएएस मीट से बनाई दूरी





आईएएस सर्विस मीट से बड़े साहब की दूरी चर्चा में है। मीट शुरु होने से पहले साहब छुटटी पर चले गए। साहब को जरुरी काम था या फिर सर्विस मीट से दूरी बनाने के लिए छूटटी ली। ये तो सिर्फ बड़े साहब बता सकते हैं, लेकिन मीट में जरुर सिनियर और जूनियर अफसरों में बड़े साहब की गैर मौजूदगी चर्चा में र​ही। कइ अफसर जो बड़े साहब को अपना चेहरा दिखाना चाहते थे निराश हुए तो कई अफसर इसलिए खुश हुए कि वे उन्हें अपना चेहरा ही नहीं दिखाना चाहते थे। सो उनकी बिन मांगे मुराद पूरी हो गई। 





कंसलटेंट युवती का जलवा





मंत्रालय के एक विभाग में कंसलटेंट युवती का जलवा देखते बनता है। पीएस इतने मेहरबान है कि युवती के लिए अपने सेक्शन ऑफिसर का कैबिन खाली करवा दिया। अब बेचारा सेक्शन आफिसर अपने लिए ​दूसरा कैबिन तलाश रहा है। युवती ने संघ और बड़े नेताओं से अपने संबंधों का बखान कर पीएस को अपने प्रभाव में ले रखा है। अब हालात ये है कि विभाग के अधिकारी जुगाड़ वाले काम के लिए पीएस की जगह सीधे कंसल्टेंट युवती से संपर्क कर रहे हैं। पीएस को दिया काम एक बार भले ही न हो, लेकिन मैडम को काम दिया हो तो उसकी गारंटी है। 



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