ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तोड़फोड़ मामले में MP-MLA कोर्ट से बरी, जब कांग्रेस से विधायक थे तब हुआ था केस

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Rahul Garhwal
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ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर तोड़फोड़ मामले में MP-MLA कोर्ट से बरी, जब कांग्रेस से विधायक थे तब हुआ था केस

देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को एमपी-एमएलए कोर्ट ने तोड़फोड़ मामले में बरी कर दिया है। प्रद्युम्न सिंह तोमर जब कांग्रेस विधायक थे तब उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह  तोमर को बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें और अन्य सभी 54 आरोपियों को 13 साल बाद सभी आरोपों से बरी कर दिया।



ये था पूरा मामला



ग्वालियर नगर निगम द्वारा आनंद नगर में 11 नवंबर 2011 को सड़क निर्माण के कार्य का भूमिपूजन कार्यक्रम आयोजित किया था। तत्कालीन कांग्रेस विधायक प्रद्युम्न सिंह तोमर (वर्तमान ऊर्जा मंत्री) ने अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था। उन पर आरोप था कि उन्होंने अपने साथियों के साथ वहां पहुंचकर हंगामा किया, माइक फेंके, कुर्सियां तोड़ीं और शासकीय कार्य को प्रभावित करने की कोशिश की। ये शिकायत नगर निगम अधिकारियों की ओर से बहोड़ापुर थाने में की गई थी। पुलिस ने इसके आधार पर तोमर सहित 54 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का केस दर्ज किया था।



ये प्रमुख नेता भी थे आरोपी



इस मामले में नगर निगम के तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और ऊर्जा मंत्री के भाई देवेंद्र सिंह तोमर, शम्मी शर्मा, तत्कालीन पार्षद सुषमा चौहान को भी आरोपी बनाया गया था। 54 आरोपियों में से दो लोगों की ट्रायल के दौरान मौत हो गई। 52 लोगों के खिलाफ न्यायालय में ट्रायल हुई। तोमर के विधायक होने की वजह से केस विशेष न्यायिक की कोर्ट में आ गया। पुराना केस होने की वजह से ट्रायल तेजी से खत्म की गई।



ये बात बनी बरी होने का आधार



इस मामले में तोमर सहित सभी आरोपियों की पैरवी एडवोकेट भूपेंद्र सिंह चौहान, जितेंद्र त्रिपाठी और महेंद्र कुशवाह ने की। उन्होंने न्यायालय को बताया कि आरोपियों की इस कृत्य में संलिप्तता नहीं थी और पुलिस द्वारा जुटाए गए अभियोजन साक्ष्य भी घटना के कथानक का समर्थन नहीं करते हैं। इसी के आधार पर न्यायालय ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।



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इन 2 आरोपियों की हो चुकी है मौत



इस बहुचर्चित मामले में पुलिस ने जो 54 आरोपी नामजद किए थे, उनमें तत्कालीन जिला कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. दर्शन सिंह और एक अन्य आरोपी जितेंद्र की मौत हो चुकी है।



तोमर के खिलाफ अब कोई केस लंबित नहीं



इस फैसले के बाद अब ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के खिलाफ न्यायालय में कोई केस विचाराधीन नहीं रहा। आंदोलन से जुड़े एक मामले में वे पिछले महीने भी अदालत से बरी हो चुके हैं।


ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर Minister Pradyuman Singh Tomar in Gwalior Pradyuman Singh Tomar acquitted from MP-LA court case of sabotage ग्वालियर में मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर एमपी-एलए कोर्ट से बरी तोड़फोड़ का मामला