सुखोई-30 और मिराज-2000 फाइटर प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, ग्वालियर एयरबेस से उड़े थे दोनों, एक मुरैना में तो दूसरा भरतपुर में गिरा

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Atul Tiwari
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सुखोई-30 और मिराज-2000 फाइटर प्लेन दुर्घटनाग्रस्त, ग्वालियर एयरबेस से उड़े थे दोनों, एक मुरैना में तो दूसरा भरतपुर में गिरा

BHOPAL. देश में 28 जनवरी को बड़ा विमान हादसा हो गया। इंडियन एयरफोर्स के सुखोई-30 और मिराज 2000 फाइटर प्लेन क्रैश हो गए। दोनों एयरक्राफ्ट्स ने ग्वालियर एयरबेस से उड़ान भरी थी। दोनों में से एक विमान मध्य प्रदेश के मुरैना जिले और दूसरा राजस्थान के भरतपुर जिले में जा गिरा।मुरैना के पहाड़गढ़ में सुखोई क्रैश हुआ, जिसके चोटिल पायलटों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि भरतपुर के पींगोरा गांव में गिरे मिराज के पायलटों की मौत हो गई है। वायुसेना और जिला प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंच गए हैं। लोगों ने फाइटर प्लेन के जलते टुकड़े देखे तो हड़कंप मच गया। पुलिस, प्रशासन और एयरफोर्स की टीम ने पूरे इलाके को घेर लिया। 



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वायुसेना और जिला प्रशासन के अफसर मौके पर पहुंचे



घटना की सूचना मिलते मुरैना के कलेक्टर और एसपी मौके पर पहुंचे और बड़ी संख्या में डॉक्टर,पुलिस के दल भी वहां पहुंच गए है। घटना के बाद ग्वालियर के महाराजपुरा एयरबेस सेंटर से आधा दर्जन से ज्यादा हेलीकॉप्टर रवाना हुए। इसमें रेस्क्यू दल के सदस्य थे। दिल्ली और इलाहबाद से भी वायुसेना के वरिष्ठ अफसर मौके के लिए रवाना हो गए हैं।



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ग्वालियर एयरबेस से भरी थी उड़ान



मुरैना जिले में शनिवार सुबह वायसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमान क्रैश होने की खबर से हड़कंप मच गया पता चला कि इन दोनों विमानों ने ग्वालियर एयरबेस से करीब सुबह 9:15 उड़ान भरी थी। 50 किमी तय करते ही विमान हवा में ही जल उठे और मुरैना के पहाड़गढ़ स्थित जंगल में गिर गए गए। इस हादसे के पायलट खुद को बचाने में कामयाब रहे। मुरैना कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि एक विमान के दोनों पायलटों को बचा लिया गया है। दोनों को चोटिल अवस्था में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। फिलहाल इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। हादसे के बाद एयरफोर्स ने जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी बैठा दी है। इसमें जांच की जाएगी कि क्या दोनों विमान आपस में टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं या फिर किसी और कारण से। जानकारी के मुताबिक, दुर्घटना के दौरान सुखोई-30 में 2 पायलट थे, जबकि मिराज-2000 में एक पायलट था। बताया जा रहा है कि 2 पायलट सुरक्षित हैं, जबकि एयरफोर्स का एक हेलिकॉप्टर तीसरे पायलट की लोकेशन पर पहुंच रहा है।



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3 में से एक पायलट की मौत



वहीं, मुरैना एसपी आशुतोष बागरी ने बताया, एयरफोर्स से मिली सूचना के मुताबिक एक विमान में 2 पायलट और दूसरे में एक ही पायलट सवार था। दो पायलट तो सही सलामत मिल गए हैं जबकि दूसरे विमान के एक पायलट के बॉडी पार्ट्स मिले हैं। साथ ही एक विमान के कुछ हिस्से राजस्थान के भरतपुर में भी गिरे हैं। 



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वायुसेना का बयान



IAF ने अपने बयान में कहा, ''भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान आज सुबह ग्वालियर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गए। विमान नियमित प्रशिक्षण मिशन पर थे। इसमें शामिल 3 पायलटों में से एक की जान चली गई है। हादसे के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए गए हैं।'' 



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एक विमान भरतपुर में गिरा



उधर, राजस्थान के भरतपुर जिले स्थित उच्चैन थाना इलाके के पींगोरा गांव के पास दूसरा लड़ाकू विमान आग का गोला बनता हुआ जमीन पर आ गिरा. जिला कलेक्टर आलोक रंजन ने बताया कि ग्वालियर यूनिट का इंडियन एयरफोर्स का एयरक्राफ्ट है। फिलहाल जानकारी के मुताबिक पायलट इजेक्ट कर गए थे। उनकी लोकेशन का पता लगाया जा रहा.।



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रक्षा मंत्री से लेकर CM शिवराज तक एक्टिव



वहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से लेकर मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान हादसे पर नजर बनाए हुए हैं। सीएम शिवराज ने मुरैना कलेक्टर को बचाव और राहत कार्य के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं।



CM शिवराज ने ट्वीट में लिखा



''मुरैना में वायुसेना के सुखोई-30 और मिराज-2000 विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर अत्यंत दुखद है। मैंने स्थानीय प्रशासन को त्वरित बचाव और राहत कार्य में वायुसेना के सहयोग के निर्देश दिए हैं। विमानों के पायलट के सुरक्षित होने की ईश्वर से कामना करता हूं।''



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भरतपुर के डीएसपी बोले- सुबह 10 से सवा 10 बजे जानकारी मिली थी



राजस्थान में भरतपुर के डीएसपी अजय शर्मा के मुताबिक 10 बजे के करीब प्लेन क्रैश होने की सूचना मिली थी। मौके पर आने पर पता चला कि यह एयर फोर्स का फाइटर जेट है। हालांकि, मलबे को देखकर अभी यह पता नहीं चल पाया है कि यह कौन सा फाइटर प्लेन है। अभी तक इसके पायलट के बारे में भी जानकारी नहीं मिल पाई है।’



पहाड़गढ़ में हादसे की जगह से एक पायलट का एक हाथ मिला



मुरैना में गिरे सुखोई में सवार दोनों पायलट घायल हैं। उन्हें ग्वालियर में भर्ती कराया गया है। मुरैना के पहाड़गढ़ में हादसे की जगह से एक पायलट का एक हाथ भी मिला है। आशंका है कि यह हाथ भरतपुर में गिरे मिराज एयरक्रॉफ्ट के पायलट का हो सकता है। मुरैना एसपी आशुतोष बागरी ने भास्कर को बताया कि- ‘ह्यूमन बॉडी का यह पार्ट किसका है, इस बारे में अभी कुछ नहीं कह सकता।’



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इलाके में मचा हड़कंप



पहाड़गढ़ इलाके में ग्रामीणों ने आसमान में एक विमान जलते हुए देखा और फिर उसके टुकड़े जमीन में गिरते हुए देखे। इसके बाद आसपास हड़कंप मच गया। लोगों ने उस तरफ दौड़ लगाई जिस तरफ विमान के टुकड़े जलकर गिर रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि ईश्वर महादेव मंदिर के पास दुर्घटना ग्रस्त हो गया। 



पायलट ने अपनी जान देकर पूरे कस्बे को बचाया



लोगों का कहना है कि इन विमानों में जब आग लगी तब वे मुरैना जिले के कैलारस कस्बे के ऊपर से गुजर रहे थे। तभी लोगों ने हवा में उन्हें आग से जलते देखा तो हड़कम्प मच गया कि अगर इसका मलबा नीचे गिरा तो पूरा कस्बा तबाह हो सकता है। लेकिन मलवा काफी दूर जंगल में गिरा। माना जा रहा है कि पायलट ने अपनी जान की बाजी लगाकर कस्बे को जलने से बचाया।


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