मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने शुरू की 7,500 पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती, राजधानी में 9 मई को 51 हजार पदों के लिए जुटेंगे युवा

author-image
Neha Thakur
एडिट
New Update
मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने शुरू की 7,500 पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती, राजधानी में 9 मई को 51 हजार पदों के लिए जुटेंगे युवा

अजय छाबरिया, Bhopal. कहा जाता है कि... एक योग्य शिक्षक, मजबूत समाज को खड़ा करता है। अच्छी एजुकेशन की पहली सीढ़ी प्राथमिक शिक्षा होती है, पर मध्यप्रदेश में हो रही प्राथमिक शिक्षक भर्ती विवादों में घिरी है। पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हजारों अभ्यार्थी अक्टूबर 2022 से सोशल मीडिया पर 51 हजार पदों पर भर्ती की मुहीम छेड़े हुए है। रैलियां भी निकाली जा रही है, प्रदर्शन भी हो रहे हैं। पर सरकार ने 51 हजार पदों पर भर्ती को लेकर अब तक अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है। हालांकि युवाओं द्वारा लगातार किए जा रहे प्रदर्शन के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने 7,500 नए पदों पर भर्ती शुरू कर दी है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अपनी गलती को सुधारते हुए वित्त विभाग से अनुमति ले ली है। इधर युवा 9 मई को 51 हजार पदों पर भर्ती की मांग को लेकर भोपाल में जुट रहे हैं।



कहां फंसा था पेंच



मध्यप्रदेश में साल 2019 से सीधी भर्ती पर रोक थी। 14 अगस्त 2021 को सरकार ने इस पर लगी रोक हटा दी। नए आदेश के अनुसार विभाग अपने स्तर पर रिक्त पदों में से 5 प्रतिशत पर खुद भर्ती कर सकेंगे, इसमें पदोन्नति के पद भी शामिल है। वहीं, इस संख्या से ज्यादा पद भरने के लिए उन्हें वित्त विभाग से अनुमति लेनी होगी। प्राथमिक शिक्षकों के प्रदेश में करीब सवा लाख पद खाली है। वहीं, जनजाति एवं अनुसूचित जाति विभाग के अंतर्गत 49,567 पद रिक्त है। इसके बावजूद ट्राइबल विभाग में नवंबर में 11 हजार और स्कूल शिक्षा विभाग में महज 7,500 पदों पर भर्ती हुई। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ट्राइबल विभाग ने समय रहते वित्त विभाग से अनुमति ली और स्कूल शिक्षा विभाग सोता रहा गया। जो प्रयास किए वह काफी नहीं थे। द सूत्र ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था, जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग के अफसर जागे और वित्त से अनुमति लेने के गंभीर प्रयास शुरू हुए।



युवा 51 हजार पदों पर भर्ती की कर रहे मांग



​प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी मंगल सिंह ने बताया कि वर्ग-3 यानी प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति इससे पहले वर्ष 2011 में हुई थी। उस समय 49 हजार पदों में से भर्ती सिर्फ 25 हजार पदों पर हुई। यानी 2011 से ही 24 हजार पद खाली है। वहीं, इन 10-11 सालों में भी पद रिक्त हैं। इसलिए शासन को चाहिए कि वह कम से कम 51 हजार पदों पर भर्ती करे।



ये भी पढ़ें...



पेपर लीक कांड से MP बोर्ड ने लिया सबक, पेपरआउट कराने वालों को होगी 10 साल की सजा, NSA भी लगेगा, बोर्ड की बैठक में हुआ निर्णय



बैकलॉग पदों को भी किया शामिल



प्रथम काउंसलिंग में स्कूल शिक्षा विभाग और ट्राइबल विभाग ने कुल 18 हजार पदों पर प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की। प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी मंगल सिंह ने बताया कि ट्राइबल विभाग के अधिक पद होने से एसटी वर्ग के लिए 8 हजार 93 पद आरक्षित थे। वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग में एसटी वर्ग के लिए 1,989 पद आरक्षित थे। ऐसे में प्रथम काउंसलिंग में अकेले एसटी वर्ग के लिए 18 हजार में से 10 हजार पद आरक्षित रहे। हालांकि, इनमें बैकलॉग के पदों को भी एडजस्ट किया गया है। मंगल सिंह का कहना है कि प्रथम काउंसलिंग में नाम मात्र के पद ही अन्य कैटेगिरी के अभ्यर्थियों को मिले, इसलिए 51 हजार पदों पर भर्ती होना चाहिए।



7,500 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू



स्कूल शिक्षा विभाग ने द्वितीय काउंसलिंग के अंतर्गत 7,500 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें वर्ग-3 की परीक्षा में उत्तीर्ण हुए अभ्यर्थी ही शामिल होंगे। जिसके अंतर्गत अतिथि श्रेणी के अंतर्गत आने वाले अभ्यर्थी 8 मई तक रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे। मई में दस्तावेज सत्यापन किया जाएगा। जून में दस्तावेज अपलोड किया जाएगा। जुलाई में चयनित अभ्यर्थियों की सूची मेरिट के आधार पर प्रकाशित होगी।


MP News एमपी न्यूज Bhopal News भोपाल न्यूज मप्र स्कूल शिक्षा विभाग MP School Education Department Primary Teacher Recruitment 2023 Education Department Vacancy प्राथमिक शिक्षक भर्ती 2023 शिक्षा विभाग रिक्त पद