BHOPAL. मध्य प्रदेश के इंदौर बावड़ी हादसे के 7 दिन बाद 7 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान किया। शिवराज ने कहा कि इंदौर की घटना के बाद बावड़ी को भर दिया गया है। मंदिर प्राचीन था, इसलिए सद्भाव के साथ फिर से मंदिर स्थापित किया जाएगा।
विगत दिनों इंदौर में हृदय विदारक दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हुई थी। जिसके बाद हमने पूरे प्रदेश में कुएं-बावड़ियों को चिन्हिंत करने के निर्देश दिए थे।
कुएं-बाबड़ियों को भरना उपाय नहीं है। हमारा प्रयास है कि इनका जीर्णोद्धार कर जल स्त्रोतों के रूप में उपयोग किया जाए: CM pic.twitter.com/eWlLDqYn0t
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) April 7, 2023
रामनवमीं की पूजा चल रही थी, तभी हो गया था हादसा
इंदौर के स्नेह नगर (पटेल नगर) में स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में 30 मार्च को रामनवमीं को मौके पर हवन चल रहा था। इस मंदिर में बावड़ी थी, जिसे लोहे के गर्डर रखकर छत बना दी गई और ऊपर से टाइल्स लगा दिए गए थे। पूजा के दौरान इस छत पर काफी लोग खड़े थे। छत इतनी पक्की नहीं थी कि काफी लोगों का बोझ सह पाए और वह धंस गई। इसके चलते 54 लोग बावड़ी में गिर गए। इसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी। रेस्क्यू ऑपरेशन में भी काफी खामियां सामने आई थीं। 30 मार्च यानी हादसे वाले दिन रात को आर्मी ने मोर्चा संभाला था।
बावड़ी हादसे के पहले सेल्फी, फिर वीडियो भी आया था
2 अप्रैल को बेलेश्वर महादेव मंदिर की एक फोटो सामने आई थी। यह एक सेल्फी थी, जो हादसे से कुछ देर पहले ली गई थी। इसके बाद 3 अप्रैल को द सूत्र को हादसे से पहले हवन करते लोगों का 45 सेकंड का वीडियो सामने आया था। इसमें करीब 35-40 लोग बैठे हुए दिख रहे थे। इस वीडियो में ट्रस्ट सचिव मुरली सबनानी के साथ करीब 14 लोग हवन वेदी के पास बैठे दिखे थे।
6 अप्रैल को मंदिर बनवाने को लेकर पूजा की, 7 अप्रैल को कलेक्ट्रेट पहुंच गए
6 अप्रैल को रहवासियों ने बेलेश्वर महादेव मंदिर समिति का गठन किया और फिर से मंदिर बनवाने की मांग की। समिति के सदस्यों ने हनुमान जयंती के मौके पर यहां पूजा भी की थी। 7 अप्रैल को स्नेह नगर के रहवासी और व्यवसायी इकट्ठा होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और उसी जगह मंदिर बनाने की मांग की। लोगों ने कहा कि हम 7 दिन इंतजार करेंगे। अगर मंदिर नहीं बनवाया गया तो खुद बनवाने में जुट जाएंगे। इसको लेकर सिंधी मार्केट बंद रखा गया था। 3 अप्रैल को स्नेह नगर में जहां बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर बना था, उसे बुलडोजर से गिरा दिया गया था।