मामा के पत्ते वो ही खोलें वो ही बांचें, वीडी को ऐतबार भी इंतजार भी, फिर छिड़ी मुरली की तान, मोहन की बाबा भक्ति

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Harish Divekar
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मामा के पत्ते वो ही खोलें वो ही बांचें, वीडी को ऐतबार भी इंतजार भी, फिर छिड़ी मुरली की तान, मोहन की बाबा भक्ति

BHOPAL. ठंड है कि मानती नहीं। सुबह उठो तो लगता है कि गजब सर्दी है। दोपहर होते-होते गर्मी, शाम होते-होते फिर ठंड। समझ नहीं आ रहा कि ये चक्कर क्या है। वसंत में घुली ठंडक। ठीक है, ठंड का मजे लिए जाओ, मौसम के गुण गाए जाओ। पिछले हफ्ते केंद्रीय बजट आ गया। वित्त मंत्री ने टैक्स में मिलने वाली छूट में बढ़ोतरी का ऐलान किया। लोग पता नहीं कितना समझे, पर खुश हो लिए। सरकार ने हमेशा की तरह अपनी पीठ थपथपा ली और विपक्ष ने बजट को दो कौड़ी का बताने में कसर नहीं छोड़ी। दक्षिण से उत्तर नापने वाले एक नेता ने बजट को मित्र बजट करार दे दिया। इधर, मध्य प्रदेश में अलग ही बयार चल रही है। बीजेपी की एक पूर्व मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर अपना ही राग अलाप रही हैं। उन्हें नई शराब नीति का इंतजार है। अब शिवराज कौन सा तुरुप का पत्ता खेलेंगे कि बाजी उन्हीं के हाथ रहे, ये तो समय ही बताएगा। मौजूदा मुख्यमंत्री और कांग्रेसी पूर्व मुख्यमंत्री सवाल-जवाब खेल रहे हैं। तू डाल-डाल, मैं पात-पात वाला नजारा देखने को मिल रहा है। ये सब भी कितना कारगर होगा, ये तो दिसंबर में पता लग ही जाने वाला है। खैर...आप तो सीधे अंदर उतर आइए, बहुत मसाला बिखरा पड़ा है...



 



पहले चमकाया दिया, अब दुलार रहे





मामा तो मामा हैं, उन्हें अच्छे से पता है कि कब कहां क्या करना है। अब देखिए ना पहले तो जिलों में जा जाकर मंच से कलेक्टर-एसपी को जमकर चमकाया, जनता से ताली भी बजवा ली। जब अफसरों में अंसतोष फैलने की खबर लगी तो लगे हाथ राजधानी बुलाकर प्यार से खाना खिलाया और ओपन हाउस में उन्हें खुलकर अपने मन की बात कहने का मौका देकर दुलार भी दिया। नए नवेले अफसर मामा का दुलार पाकर प्रफुल्लित नजर आए। वहीं, पके चावल वाले अफसर आपस में खुसफुसाते रहे कि अब चुनाव में 8 महीने बचे हैं। 6 महीने बाद हमारी ही चलेगी, इसलिए मामले को सेटल किया जा रहा है।





इंतेहां हो गई इंतजार की....





आजकल भाईसाहब शराबी फिल्म का गाना गुनगुनाते नजर आ रहे हैं, इंतेहां हो गई, इंतज़ार की, आई न कुछ खबर......। दिल्ली वाले साहब का कार्यकाल बढ़ने के बाद से भाईसाहब को भी अपने कार्यकाल बढ़ने की औपचारिक घोषणा का बेसब्री से इंतजार है। काउंटडाउन शुरू हो चुका है, बस 10 दिन शेष हैं। हालांकि भाईसाहब फुल कॉन्फिडेंस में हैं, अगली पारी में भी वे ही कप्तान होंगे। दूसरी ओर उनके धूर विरोधी गुट के लोग इस बात से आश्वास्त हैं कि हाईकमान अब दूसरे चेहरे पर दावं लगाएगा। किसका आत्मविश्वास भारी पड़ेगा जल्द पता चल जाएगा, सिर्फ 10 दिन की बात है। 





मुरली की तान से गिरे नेताओं के भाव 





प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव जब भी कुछ बोलते हैं तो वे ऐसा जाते हैं, जिससे नेताओं को करंट लग जाता है। कई बार उनके बयानों पर बीजेपी के नेताओं को ही कवर करना होता है। प्रदेश कार्यसमिति में मुरली पदाधिकारियों से बोल बैठे कि मैदान में सक्रिय नहीं हो तो पद क्या भिंडी बनाने के लिए लिया है। कुछ नेताओं ने इस पर दबी जुबान में आपत्ति दर्ज की। कुछ वरिष्ठ नेताओं ने समझाया कि मुरली साउथ के हैं उनकी हिन्दी अच्छी नहीं है इसलिए आप लोग भाषा पर ध्यान न दें, उनके भावों को समझें। इस पर दुखी नेताओं ने कहा कि मुरली जी के भाव भले ही गलत ना हो, लेकिन उनके बयान मीडिया में आने से हम लोगों के तो भाव गिर जाते हैं।





बागेश्वर भक्त मंत्री, भूले अपना कर्म





उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव बाबा भक्ति को लेकर खासे चर्चा में हैं। दरअसल, वे छतरपुर गए तो थे विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल होने, लेकिन बीच रास्ते से उन्होंने अपना काफिला बागेश्वर धाम के बाबा धीरेंद्र शास्त्री के दरबार की ओर मुड़वा दिया। उधर, उच्च शिक्षा मंत्री की गैर मौजूदगी में विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह हुआ। इस अवसर पर  मंगु भाई पटेल, सांसद एवं प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा स्थानीय नेता मौजूद रहे। सोशल मीडिया पर मंत्री के गायब होने की खबर वायरल होने पर मंत्री दौड़ते भागते विश्वविद्यालय पहुंचे, लेकिन तब तक कार्यक्रम हो चुका था। हालांकि विश्वविद्यालय के नए भवन के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने का उन्हें मौका मिल गया। कार्यक्रम के बाद बीजेपी नेता एक दूसरे से कहते नजर आए बागेश्वर भक्त मंत्री धर्म के फेर में अपना कर्म भूल गए।    





ये अविनाश कौन है भाई...





मैडम की बड़े विभाग में आमद क्या हुई। मंत्रालय में ​अविनाश नाम के शख्स की सक्रियता बढ़ गई। अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार मैडम जहां-जहां रही हैं, ये अविनाश बाबू की उन गलियारों में सक्रियता रही है। वैसे आपको बता दें कि नई उम्र का ये नौजवान मैडम के विभाग में काम करने वाली बड़ी कंपनियों और ठेकेदारों से संपर्क कर मामला जमाता है। ना तो अविनाश कभी किसी कागजों में आता है, ना ही मैडम कभी किसी से मुलाकात करती हैं, सारा मामला एक दूसरे के इशारों में होता है। इसके पहले दो बड़ी संस्थाओं में मैडम के साथ अविनाश ने अच्छा धन कूटा है। 





दामाद को बना दो भोपाल का कप्तान





रिटायर्ड सीनियर आईएएस अफसर अपने दामाद को भोपाल का कप्तान बनाने के लिए जोर लगा रहे हैं। पहले तो अफसरों ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब रिटायर्ड सीनियर आईएएस ने अपने संबंधों का हवाला देते हुए कहा कि उनकी आईपीएस बेटी भोपाल में पदस्थ है, ऐसे में दामाद यहां आ जाएगा तो उनकी बेटी का पारिवारिक जीवन सुखी रहेगा। इमोशनली घेराबंदी होने पर बड़े साहब पिघले, लेकिन दामाद को भोपाल कप्तान बनाने की कुछ बात बनती कि इससे पहले ही पीएचक्यू के अफसरों ने पंगा फंसा दिया। अंदरखाने से आई खबरें बताती हैं कि पीएचक्यू ने धीरे से बता दिया है दामाद को भोपाल का कप्तान बनाते हैं तो ससुर-दामाद की रियल स्टेट कंपनी शुरू हो जाएगी। दोनों का जमीन प्रेम जग जाहिर है। आपको बता दें साहब की बेटी भी आईपीएस हैं, वर्तमान में वो भोपाल में पोस्टेड है।



बोल हरि बोल MP Assembly Election 2023 Murlidhar Rao MP BJP Chief VD Sharma मप्र बीजेपी चीफ वीडी शर्मा एमपी विधानससभा चुनाव 2023 MP CM Shivraj Singh Chouhan Strategy MP BJP Incharge एमपी सीएम शिवराज सिंह चौहान रणनीति एमपी बीजेपी इन्चार्ज मुरलीधर राव