BHOPAL. केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ट्वीट करके उन्होंने ये जानकारी दी। प्रदेश बीजेपी की कोर कमेटी की महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने भोपाल आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 8 नवंबर को बैठक से पहले ही अचानक दिल्ली लौट गए थे। कोर कमटी की बैठक दोपहर 2 बजे से थी, लेकिन सिंधिया मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से एकांत में चर्चा कर करीब 11.30 बजे ही प्रदेश बीजेपी कार्यालय से निकल गए थे।
मैं आप सभी को सूचित करना चाहता हूं कि डॉक्टरों के परामर्श पर कराई गई कोविड-19 की जाँच में मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। आप सभी से मेरा निवेदन है कि पिछले कुछ दिनों में जो भी मेरे सम्पर्क में आएं हैं, वो सभी निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर अपनी जाँच करवायें।
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) November 8, 2022
सिंधिया को बुखार था इसलिए जल्दी निकल गए
सिंधिया के मीटिंग से अचानक निकल जाने के बाद सत्ता के गलियारों में ये चर्चा गर्म हो गई कि बीजेपी में सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। ग्वालियर-चंबल के सियासी मसलों को लेकर बीजेपी और सिंधिया (बीजेपी) खेमे में मची खींचतान कम होने के बजाय बढ़ती जा रही है। वहीं बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता हितेश वाजपेयी ने सफाई दी थी कि ज्योतिरादित्य सिंधिया को बुखार था इसलिए वे जल्दी चले गए। ज्योतिरादित्य सिंधिया की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद तमाम कयासों पर थोड़ा-बहुत विराम तो लग ही गया है। लेकिन अब खतरा कोरोना का है क्योंकि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीएम शिवराज से बिना मास्क के मुलाकात की थी।
बिना मास्क के सीएम शिवराज से मिले थे सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सिंधिया ने सीएम शिवराज से मुलाकात की थी, उस वक्त उन्होंने मास्क नहीं लगाया था। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी संक्रमण का खतरा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और अन्य बीजेपी नेताओं के संपर्क में आए थे। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने संपर्क में आए लोगों से कोविड टेस्ट कराने की सलाह दी है।
सिंधिया को शाम 4.00 बजे लौटना था दिल्ली दोपहर 1.00 बजे ही चले गए
बताया जा रहा है कि कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने के लिए 7 नवंबर रात दिल्ली से भोपाल आए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक, 8 नवंबर शाम 4.00 बजे की नियमित फ्लाइट से वापस जाना था, लेकिन वे सुबह 11.30 ही प्रदेश बीजेपी कार्यालय से निकलकर दोपहर 1.00 बजे की नियमित फ्लाइट से दिल्ली लौट गए। पार्टी कार्यालय से निकलते समय वहां मौजूद मीडिया से चर्चा में जल्दी जाने की वजह वायरल इन्फेक्शन से पीड़ित होना बताया गया और अब ने कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं।
1 घंटे चली बैठक में सीएम शिवराज भी थे मौजूद
सूत्रों के मुताबिक, सिंधिया मंगलवार (8 नवंबर को) सुबह भोपाल में अपने श्यामला हिल्स स्थित सरकारी निवास से निकलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात के लिए करीब 9.30 बजे सीएम हाउस पहुंचे। यहां सीएम से चर्चा करने के बाद वे करीब 10.15 बजे प्रदेश बीजेपी कार्यालय पहुंचे। यहां उनकी पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों से चर्चा हुई। इस बैठक में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रभारी महासिचव मुरलीधर राव शामिल थे। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी इस बैठक में शामिल थे। ये बैठक करीब एक घंटा चली और इसके बाद सिंधिया बाहर निकलकर अपने निवास के लिए रवाना हो गए। वहां कुछ देर ठहरने के बाद वे एयरपोर्ट पहुंचे और 1.00 बजे की फ्लाइट से दिल्ली चले गए।
सिंधिया के बैठक से निकलने के बाद लगाए जा रहे थे तमाम कयास
सिंधिया के कोर कमेटी की औपचारिक बैठक में शामिल होने से पहले ही अचानक दिल्ली लौटने के घटनाक्रम को लेकर सियासी गलियारों में सवालों और कयासों का दौर शुरू हो गया था। ये सवाल उठाया जा रहा है कि यदि सिंधिया हकीकत में ज्यादा बीमार थे और उनकी हालत कोर कमेटी की बैठक खत्म होने तक रुकने लायक नहीं थी तो वे आए ही क्यों? जानकारों के मुताबिक उन्हें पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कोर कमेटी की बैठक में शामिल होने के बाद शाम 4.00 बजे दिल्ली लौटना था। लेकिन वे औपचारिक बैठक शुरू होने से पहले ही अचानक 11.30 बजे बीजेपी ऑफिस से बाहर निकले। वहां से सीधे श्यामला हिल्स स्थित अपने निवास होते हुए दोपहर 1.00 बजे की फ्लाइट पकड़ने के लिए एयरपोर्ट रवाना हो गए।
सिंधिया को रास नहीं आ रही है ग्वालियर में चौधरी की नियुक्ति
बीजेपी की अंदरूनी राजनीति के जानकारों के मुताबिक ग्वालियर में पार्टी के जिला अध्यक्ष के पद पर नरेंद्र सिंह तोमर समर्थक अभय चौधरी की नियुक्ति के बाद से ही बीजेपी और सिंधिया (बीजेपी) खेमे में खींचतान बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले जिला अध्यक्ष की कुर्सी पर अंचल के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री तोमर के खास माने जाने वाले चौधरी को बैठाया जाना सिंधिया और उनके समर्थकों को रास नहीं आ रहा है। इस पद पर जब से वयोवृद्ध और पूर्व में चार बार जिला अध्यक्ष रह चुके चौधरी की ताजपोशी हुई है तभी से ग्वालियर में तोमर समर्थक खेमे की गतिविधियां बढ़ गईं हैं। साथ पार्टी और शहर में होने वाले प्रमुख आयोजनों में तोमर की मौजूदगी भी बढ़ गई है। ये सब सिंधिया (बीजेपी) खेमे को रास नहीं आ रहा है। इसकी वजह सिंधिया की अगला लोकसभा चुनाव ग्वालियर से लड़ने की ख्वाहिश है। इस कारण वे नहीं चाहते कि ग्वालियर में उनके अलावा पार्टी के किसी और नेता का दखल और असर बढ़े। बताया जा रहै है कि तोमर भी अगला लोकसभा चुनाव मुरैना की बजाय ग्वालियर से लड़ना चाहते हैं।
सिंधिया की अपेक्षा पूरी नहीं कर पा रहे चौधरी
सूत्रों के अनुसार अभय चौधरी, सिंधिया की मंशानुसार उनके ग्वालियर प्रवास के दौरान उनके हर कार्यक्रम में हाजिर नहीं होते हैं। जबकि वे चाहते हैं कि पार्टी का जिला अध्यक्ष उनके ग्वालियर पहुंचने से लेकर वापस लौटने तक उनके साथ मौजूद रहे लेकिन चौधरी उनकी इस अपेक्षा पर खरे साबित नहीं हो पा रहे हैं। बताया जाता है कि सिंधिया ने पिछले हफ्ते ही इस मुद्दे पर चौधरी को व्यक्तिगत रूप से टोका भी है। उनके पहले जिला अध्यक्ष रहे कमल माखीजानी सिंधिया के ग्वालियर प्रवास के दौरान उनके हर कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे।
सिंधिया समर्थक मंत्रियों के पीएस बदले जाना भी नाराजगी की वजह
राज्य सरकार में हाल ही में किए गए प्रशासनिक फेरबदल में सिंधिया खेमे के दो खास मंत्रियों के विभागों के प्रमुख सचिव बदले जाने और मनचाहे अफसरों की पोस्टिंग नहीं होने को भी सिंधिया की नाराजगी से जोड़कर देखा जा रहा है। बता दें कि सिंधिया समर्थक मंत्रियों में महेंद्र सिंह सिसोदिया और गोविंद सिंह राजपूत के विभाग के प्रमुख सचिव बदले गए हैं। परिवहन, पंचायत और राजस्व विभाग के पीएस बदलने और उनके स्थान पर सिंधिया की पसंद के अफसरों को नियुक्त नहीं किए जाने से भी सिंधिया नाराज बताए जा रहे हैं।