मध्यप्रदेश में बंदर से शुरू हुई बात छिपकली तक पहुंची और बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित हो गए जीतू पटवारी 

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Arun Dixit
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मध्यप्रदेश में बंदर से शुरू हुई बात छिपकली तक पहुंची और बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित हो गए जीतू पटवारी 

BHOPAL. कांग्रेस के तेजतर्रार विधायक जीतू पटवारी को बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। जीतू पटवारी राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में हिस्सा ले रहे थे। जीतू ने अपने भाषण में ऐसी बातें कह दी, जो सत्तापक्ष को नागवार गुजरी और उनके निलंबन की बात मांग पर अड़ गए। जिसके बाद उन्हें बजट सत्र के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया है। जीतू के निलंबन पर कांग्रेस एकजुट होकर विरोध कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के बंगले पर हुई विधायक दल की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला लिया गया है। कमलनाथ ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष पर भरोसा नहीं रहा, उनसे न्याय की उम्मीद नहीं है। संख्या बल पर कमलनाथ ने कहा कि पता हैं कि कांग्रेस विधायकों की संख्या कम है, लेकिन इस डर से क्या विरोध न करें। कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी सत्र को खत्म कराना चाहती है, ताकि सरकार के खिलाफ सवाल न उठे।   



यहां से शुरू हुआ मामला



मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर तंज कसते हुए जीतू पटवारी ने बंदर की कहानी सुनानी शुरु की तो मंत्री विश्ववास सारंग ने आपत्ति ले ली। उन्होंने कहा कि सदन कोई कहानी सुनाने की जगह नहीं है। दोनों तरफ से हंगामा बढ़ा तो सभापति हिना कांवरे को 5 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित करनी पड़ी। लेकिन फिर भी मामला शांत नहीं हुआ, सत्तापक्ष कार्यवाही से बंदर की कहानी वाले हिस्से को विलोपित किए जाने की मांग पर अड़ गया। बाद में सभापति ने बात मान ली और कहानी को विलोपित करवा दिया। 



जीतू ने वीडियो वायरल करने का कहा तो सदन में हंगामा शुरू हो गया 



जिसके बाद जीतू पटवारी ने किसानों की आय दोगुनी किए जाने के मामले पर बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा कि गेहूं का समर्थन मूल्य 3000 हजार रुपए किया जाना चाहिए। जीतू ने प्रस्ताव के तौर पर इस मांग को उठाते हुए विधानसभा में ही वोटिंग करा दी। जिस पर कांग्रेस विधायकों ने समर्थन कर दिया। जीतू ने सत्तापक्ष के विधायकों से कहा कि वे भी इस मांग का समर्थन कर दें, नहीं तो इस वीडियो को वायरल कर दिया जाएगा। जिसके बाद एक बार फिर सदन में हंगामा शुरू हो गया। 



ग्वालियर में सेना खड़ी करने का बोला तो भदौरिया ने आपत्ति ली



कानून व्यवस्था पर बात करते हुए जीतू पटवारी ने गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री ने ग्वालियर चंबल में 7500 बंदूक के लाइसेंस दिए हैं, क्या वे ग्वालियर में कोई सेना खड़ी कर रहे हैं ? इस मामले में मंत्री अरविंद भदौरिया ने आपत्ति ली। उन्होंने कहा कि ये ग्वालियर चंबल के लोगों का अपमान है। वहां के लोगों के लिए बंदूक का लाइसेंस रोजगार दिलाता है। 



जीतू ने ये भी बोला- शिवराज सरकार कर्ज लेकर ऐश कर रही है



शिवराज सरकार को कर्ज लेने पर घेरते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि प्रदेश की सपत्ति नीलाम हो रही है। प्रदेश सरकार ने 3 हजार करोड़ का कर्ज लिया था। नहीं चुकाया तो आरबीआई ने 10 हजार करोड़ रुपए की सपत्ति नीलाम कर दी। शिवराज सरकार कर्ज लेकर ऐश कर रही है। 39 करोड़ रुपए तो सिर्फ हेलीकॉप्टर और प्लेन के किराए पर खर्च किए गए है। यहीं से मामला एक बार फिर बीजेपी कार्यालय में बीजेपी कार्यकर्ताओं को खाना खिलाने का उठा। जीतू पटवारी ने कहा कि पिछले सत्र में उनके बयान को सत्तापक्ष ने झूठा बताया था। लेकिन आजतक तथ्य प्रस्तुत नहीं किए। जीतू ने एक बार फिर कहा कि उनके आरोप सही थे। यहीं वजह हैं कि बीजेपी नेताओं ने सिर्फ प्रेस कॉन्फ्रेंस की, लेकिन दस्तावेज नहीं दिए।



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रिलायंस कंपनी के जू को टाईगर व तेंदुए दिए, बदले में छिपकली व चिड़िया मिले 



वन मंत्री को घेरते हुए जीतू ने कहा कि अंबानी की रिलायंस कंपनी के जू को वन विभाग और इंदौर जू प्रबंधन ने टाईगर, तेंदुए, लोमड़ी और कई वन्यजीव दे दिए और बदले में प्रदेश को छिपकली, चिड़िया और तोते मिले हैं। जीतू ने कहा कि वे पटल पर जानकारी रख सकते हैं। क्योंकि सरकार ने ही अपने जवाब में ये जानकारी दी है। इसके बाद सत्तापक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि जीतू पटवारी झूठ बोलते हैं। नरोत्तम की मांग पर जीतू पटवारी सदन के पटल पर जानकारी रखने को तैयार हो गए। आसंदी ने उन्हें जवाब पेश करने के लिए पांच मिनट का समय दिया। 



संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव पढ़ा



विधानसभा अध्यक्ष ने रिकॉर्डिंग निकलवाकर जीतू पटवारी का बयान पढ़कर सुनाया, लेकिन उन्होंने विधानसभा के ही जवाब की जो कॉपी पटल पर रखी थी। उसे विधानसभा अध्यक्ष ने नहीं पढ़ा। लिहाजा विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया और हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने 10 मिनट के लिए विधानसभा स्थगित कर दी। करीब 25 मिनट बाद कार्यवाही शुरू होते ही संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने जीतू पटवारी के निलंबन का प्रस्ताव पढ़ा, जिसे पास कर दिया गया और बजट सत्र के लिए जीतू पटवारी को निलंबित कर दिया गया।



शुक्रवार को हो सकता है सत्रावसान



कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। जीतू पटवारी के निलंबन के बाद कांग्रेस आक्रामक मुद्रा में हैं और उसका यही रूप शुक्रवार को विधानसभा में नजर आ सकता है। कांग्रेस के इसी तल्ख तेवर के चलते विधानसभा का सारा कामकाज शुक्रवार को ही निपट सकता है। हंगामें के बीच बजट और विधेयक पारित करवाए जा सकते हैं। शुक्रवार के बाद विधानसभा में 10 दिन की होली की छुट्टी होने वाली थी और कयास यही लगाए जा रहे हैं कि सरकारी कामकाज निपटाकर सत्रावसान किया जा सकता है।


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