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VIDISHA. मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में बोरवैल में गिरे 7 साल के बच्चे को बचाया नहीं जा सका। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम ने करीब 24 घंटे के रेस्क्यू के बाद उसे बाहर निकाला। टीम बच्चे को लेकर लटेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंची और उसे आईसीयू में ले जाया गया, यहां डॉक्टरों की टीम ने उसे मृत घोषित कर दिया। कलेक्टर उमाशंकर भार्गव ने बच्चे की मौत की पुष्टि की है। दिनेश अहिरवार का बेटा लोकेश 14 मार्च सुबह 11 बजे खेत में बने बोरवैल में गिर गया था।
विदिशा में बोरवैल में 7 साल का बच्चे 14 मार्च को बोरवैल में गिर गया था। बोरवैल 60 फीट गहरा है, बच्चा 43 फीट पर फंसा था। पुलिस और एनडीआरएफ की टीम कल सुबह 11.30 बजे से रेस्क्यू में जुटी थी। बोर के पास पैरलल 50 फीट गड्ढा खोदा गया और टनल बनाई गई। 4 जेसीबी और 3 पोकलेन मशीन रात भर खुदाई करती रहीं। बच्चे तक पाइप के जरिए ऑक्सीजन पहुंचाई गई। सीसीटीवी से भी निगरानी की गई। सुबह 5 बजे तक उसका मूवमेंट मिलता रहा।
कलेक्टर बोले- बंदरों के पीछे भाग रहा था लोकेश
कलेक्टर उमाशंकर भार्गव के मुताबिक, घटना 14 मार्च सुबह 11 बजे की है। लोकेश बंदरों के पीछे भाग रहा था। इसी दौरान वह खेत में खुले हुए बोरवैल में गिर गया। सूचना के बाद करीब साढ़े 11 बजे बचाव कार्य शुरू किया गया। सबसे पहले बच्चे को ऑक्सीजन सप्लाई शुरू की गई। सीसीटीवी की मदद से बच्चे के मूवमेंट पर नजर रखी जा रही है। बोर बिना केसिंग का है और करीब 60 फीट गहरा है।
लोकेश की दादी उषा बाई ने कहा कि हम मजदूरी करने आए थे। नाती भी साथ आया था। हम खेत में फसल काट रहे थे। तभी बंदर आ गए। उन्हें भगाने के लिए वह दौड़ के आया। उसे नहीं पता था कि फसलों के बीच खेत में बोरवैल भी है। वह उसमें गिर गया।
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