BHOPAL. मध्य प्रदेश में इस बार नवंबर महीना 22 साल में सबसे ज्यादा ठंडा रहा। जबलपुर में तो पहली बार रात का पारा 7 डिग्री पर आ गया। भोपाल में साल 2009 के बाद पहली बार मिनिमम टेम्परेचर 10 डिग्री से नीचे आ गया। बड़ी बात ये कि सबसे ठंडा रहने वाले ग्वालियर में सर्दी के तेवर अभी तक सख्त नहीं हुए हैं। इंदौर बीते सालों की तुलना में ज्यादा ठंडा नहीं हो सका है। यहां हवाएं उत्तर की ओर से आने के कारण पारा ज्यादा नीचे नहीं उतर पा रहा। मध्य प्रदेश में गर्मी और बारिश के बाद अब ठंड का पैटर्न भी बदलने लगा है। मौसम वैज्ञानिक इसे क्लाइमेट चेंज मान रहे हैं।
ग्वालियर में पड़ती है कड़ाके की सर्दी
मध्य प्रदेश के चारों बड़े शहर (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर) की बात करें तो ग्वालियर सबसे ठंडा रहता है। यहां रात का पारा 8 डिग्री सेल्सियस के नीचे आ जाता ह। ग्वालियर में 2 नवंबर 2001 को दिन का टेम्परेचर 37.3 डिग्री सेल्सियस तो रात का पारा सबसे कम 29 नवंबर 1970 में 3 डिग्री तक आ गया था। 1927 में सबसे ज्यादा बारिश 88.1 मिमी और 4 नवंबर 1927 को चौबीस घंटों के दौरान सबसे ज्यादा बारिश 65.5 मिमी हुई थी। बीते 22 साल की बात की जाए तो 5 बार पारा 8 या उससे नीचे रहा।
इस बार स्ट्रॉन्ग सिस्टम नहीं, पर ठंड पड़ रही
इस बार अक्टूबर के दूसरे हफ्ते में मॉनसून विदा हो गया। 10 साल में तीसरी बार सबसे लेट मॉनसून विदा हुआ। मॉनसून के जाते ही मौसम शुष्क हो गया। हिमालय में बर्फबारी और पाकिस्तान से एक के बाद एक वेस्टर्न डिस्टर्बेंस आने के कारण अक्टूबर में ठंडक महसूस हुई, लेकिन उसके बाद तापमान बढ़ने से लोगों को गर्मी भी महसूस हुई। नवंबर के पहले और दूसरे हफ्ते में मिनिमम टेम्परेचर 15 से 20 डिग्री के बीच अटक गया था। तीसरे हफ्ते भी ठंड के तेवर ज्यादा कड़े नहीं हुए, लेकिन अंतिम हफ्ते में ठंड ने असर दिखाना शुरू कर दिया।
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भोपाल में ज्यादा ठंडक
आमतौर पर राजधानी भोपाल में ठंड का मौसम खुशनुमा माना जाता है। इस दौरान रात का पारा 10 से 12 डिग्री तक रहता है। भोपाल में 30 नवंबर 1941 को मिनिमम टेम्परेचर सबसे कम 6.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। बीते 22 साल की बात की जाए तो 5 बार पारा 8 डिग्री या उससे नीचे रहा। 2009 में पारा 9.6 डिग्री सेल्सियस सबसे कम रहा था।
दिल्ली में ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग के मुताबिक, दिल्ली में 28 नवंबर को मिनिमम टेम्परेचर 8 डिग्री सेल्सियस और मैक्सिमम टेम्परेचर 27 डिग्री सेल्सियस बना रह सकता है। अगले दो दिन में सुबह के वक्त आसमान में धुंध बढ़ सकती है, जबकि पूरे दिन आसमान साफ रहेगा। पॉल्यूशन की बात की जाए तो दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर बेहद खराब कैटेगरी में है। 27 नवंबर को एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 328 रहा था, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है।