BHOPAL. हवाओं का रुख बदलने से एमपी के मौसम में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। पिछले दिनों उत्तर की ओर से आ रही ठंडी हवाओं के असर के चलते तापमान में गिरावट शुरू हो गयी थी। लेकिन फिलहाल हवाओं की दिशा पूर्वी हो गई है। इसके कारण तापमान में गिरावट का सिलसिला थम गया है और दिन-रात के तापमान में अंतर बढ़ गया है। मौसम विभाग के अनुसार, राज्य में इस बार अच्छी बारिश हुए है जिस कारण से कड़ाके की ठंड होगी। इस बार करीब 4 महीने तक ठंड पड़ सकती है।
बर्फवारी से एमपी में बढ़ेगी ठंड
मौसम केन्द्र के अनुमान के मुताबिक फिलहाल तापमान थोड़ा बढ़ा रहेगा लेकिन 31 अक्टूबर को वेस्टर्न डिस्टरबेंस भारत के उत्तरी साइड से आएगा, जिसके कारण बर्फबारी के आसार हैं। इसके बाद ठंड बढ़ना शुरू हो जाएंगी। मौसम विभाग के मुताबिक 6 नवंबर के बाद ठंड तेजी से बढ़ सकती है। बता दें कि पिछले 24 घंटों में सबसे कम न्यूनतम तापमान 11 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि बाकी संभागों के जिलों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ। लेकिन आने वाले दिनों में अचानक से ठंड बढ़ने के आसार है।
धीरे-धीरे होगी तापमान में गिरावट
एमपी मौसम विभाग के अनुसार, उत्तर पश्चिमी हवाएं चल रही हैं। पश्चिमी विक्षोभ जम्मू कश्मीर पर बना हुआ है। जिस कारण से बंगाल की खाड़ी में बना सितरंग तूफान पूर्वी बांग्लादेश की तरफ शिफ्ट हो गया है। आने वाले दिनों में मौसम शुष्क रहेगा और धीरे-धीरे में दिन में रात के तापमान में गिरावट होगी। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अभी रात के तापमान में गिरावट आना मुश्किल है, क्योंकि तीन नवंबर तक दो पश्चिमी विक्षोभ आएंगे। इनके चलते रात के तापमान में थोड़ी वृद्धि होगी। दिन के वक्त बादल भी छा सकते हैं।
जल्द ही दस्तक देगा पूर्वोत्तर मानसून, इन राज्यों में होगी बारिश
बंगाल की खाड़ी से उत्तर-पूर्वी हवाओं के साथ दक्षिणी प्रायद्वीप की तरफ नमी आनी शुरू हो गई है। दक्षिणी राज्यों में 29 अक्तूबर को उत्तर-पूर्वी मानसून के दस्तक देने की संभावना है। इस मानसून का पूर्वोत्तर राज्यों से भी लेना-देना नहीं है। यह मध्यम दर्जे की बारिश के साथ तमिलनाडु, तटीय आंध्र और केरल में आएगा और दिसंबर तक सक्रिय रहेगा।
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, पूर्वोत्तर मानसून के लिए आवश्यक मौसम पैरामीटर पहले ही पूरे हो चुके हैं। बंगाल की खाड़ी के ऊपर उत्तर-पूर्वी हवाएं तेज हो गई हैं और जल्द ही पूर्वोत्तर मानसून की शुरुआत हो जाएगी। एक नवंबर से आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों और तमिलनाडु के कई हिस्सों में बारिश की गतिविधियां धीरे-धीरे बढ़ेंगी। आंध्र प्रदेश के दक्षिणी तट और रायलसीमा में अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। नेल्लोर, कवाली, तिरुपति और चित्तूर जैसे स्थानों पर कुछ तेज बारिश हो सकती है।
श्रीलंका के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की संभावना है। और एक ट्रफ रेखा इस चक्रवाती परिसंचरण से तटीय आंध्र प्रदेश तक फैलेगी। 2 से 4 नवंबर के बीच तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के साथ-साथ केरल में बारिश की गतिविधियों में धीरे-धीरे वृद्धि होगी। तमिलनाडु में अक्तूबर से दिसंबर के बीच पूर्वोत्तर मानसून के दौरान सबसे ज्यादा बारिश होती है।