एमपीपीएससी के 87-13 फीसदी रिजल्ट फार्मूले को हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी, 87 फीसदी पदों पर अंतिम भर्ती पर अब कोई रोक नहीं

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एमपीपीएससी के 87-13 फीसदी रिजल्ट फार्मूले को हाईकोर्ट ने दी हरी झंडी, 87 फीसदी पदों पर अंतिम भर्ती पर अब कोई रोक नहीं

संजय गुप्ता, INDORE. मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) की विविध परीक्षाओं में 87 फीसदी पदों पर अंतिम भर्ती को लेकर अब कोई रोक नहीं रहेगी। मप्र हाईकोर्ट जबलपुर ने 87-13 फीसदी के तहत जारी हो रहे रिजल्ट फार्मूले को हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में लगी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद रिजर्व रखे गए आर्डर को हाईकोर्ट की डबल बैंच ने जारी कर दिया है, जिसमें इस फार्मूले को लेकर लगी आपत्तियों को खारिज कर दिया गया है। यानि कि इसका अर्थ है कि जितने भी पद पीएससी द्वारा अलग-अलग भर्ती परीक्षाओं में निकाले गए हैं, उनके कम से कम 87 फीसदी पदों पर अंतिम चयन प्रक्रिया में कोई रूकावट नहीं आएगी। हालांकि 13 फीसदी पद ओबीसी आरक्षण को लेकर अंतिम फैसले पर ही तय होंगे। 



क्या है 87-13 फीसदी फार्मूला



पीएससी से होने वाली भर्ती में ओबीसी को 14 फीसदी आरक्षण रहेगा या 27 फीसदी, इसे लेकर कोर्ट में कानूनी लड़ाई चल रही है। इसके चलते हो रही देरी से निपटने के लिए 29 सितंबर 2022 को मप्र सामान्य प्रशासन विभाग ने यह फार्मूला सुझाया था। जिसके तहत 87 फीसदी पर भर्ती सामान्य होगी, जिसमें 16 फीसदी पद एससी के लिए, 20 फीसदी एसटी के लिए, 14 फीसदी ओबीसी के लिए और बाकी 37 फीसदी अनारक्षित वर्ग के लिए रहेंगे। शेष 13 फीसदी पदों पर इतने ही अनारक्षित कैटेगरी के औऱ् इतने ही ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवार चुने जाएंगे और इन्हें चयन प्रक्रिया में आगे बढाया जाएगा। लेकिन अंतिम भर्ती रिजल्ट इन 13 फीसदी पदों के लिए बंद लिफाफे में रहेंगे, यदि आरक्षण 27 फीसदी ओबीसी का होता है तो यह पद ओबीसी कैटेगरी में जएंगे नहीं तो 13 फीसदी अनारक्षित कैटेगरी में जाएंगे। 



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इसी आधार पर निकल रही हर रिजल्ट की दो कैटेगरी



इसी आधार पर अक्टूबर 2022 से पीएससी दो कैटेगरी में रिजल्ट निकाल रहा है, जिसमें एक कैटेगरी मूल रिजल्ट की 87 फीसदी पदों की है तो वहीं 13 फीसदी पदों के लिए प्रोवीजनल रिजल्ट जारी हो रहा है, जिसमें अनारक्षित और ओबीसी कैटेगरी के उम्मीदवार है। 



प्री केवल शार्टलिस्ट परीक्षा, यहां रोस्टर नहीं बनता



वहीं हाईकोर्ट ने अपने आर्डर बिंदु 5.3 पर एक बार फिर पुरानी याचिका 8750/2022 जिसमें दो जनवरी को ही आदेश जारी किया है, का जिक्र करते हुए कहा का प्रारंभिक परीक्षा केवल उम्मीदवारों को मैन्स के लिए शार्टलिस्ट करने की परीक्षा है, इसमें मेरिट के आधार पर माइग्रेशन का आधार नहीं बनता, यानि कि यहां रोस्टर नहीं लगेगा, इसका मतलब है कि यदि एसटी उम्मीदवार के अधिक अंक प्री में आए हैं तो वह जनरल कैटेगरी में नहीं जाएगा, वह अपनी ही कैटेगरी में रहेगा। मैन्स के रिजल्ट के अंकों के आधार पर ही रोस्टर लगेगा।

 


जबलपुर हाईकोर्ट से आदेश जारी हाईकोर्ट से मिली रहात लोक सेवा आयोग की परीक्षा की रुकावट खत्म order issued Jabalpur High Court relief from High Court Public Service Commission examination obstruction over MPPSC एमपीपीएससी