संजय गुप्ता, INDORE. मप्र लोक सेवा आयोग (पीएससी) ने हाईकोर्ट से विविध याचिकाओं में आए अलग-अलग फैसलों के बाद राज्य सेवा परीक्षा नियम-2015 को दोबारा लागू करते हुए राज्य सेवा परीक्षा 2019 का संशोधित रिजल्ट जारी करते हुए विशेष मैन्स के लए क्वालीफाइ होने वाले 2721 अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी है। इसमें 858 मूल रिजल्ट में है और 1863 प्रोवीजनल रिजल्ट कैटेगरी में शामिल है। वहीं आयोग ने जारी नोटिफिकेशन में 31 दिसंबर 2021 का रिजल्ट भी रद्द कर दिया है, जिसके आधार पर 1918 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ घोषित किया गया था। यानि अब पुराने रिजल्ट का अस्तित्व खत्म हो गाय है। जानकारों के अनुसार अब आयोग विशेष मैन्स और पूर्व में हो चुकी मैन्स दोनों में शामिल हुए उम्मीदवारों के अंकों को देखने के बाद दोबारा इंटरव्यू के लिए चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी करेगा। यह सूची 571 पदों के तीन गुना होगी।
पुराने भर्ती नियम से 34 अभी अयोग्य घोषित, परीक्षा अप्रैल में
पुराने भर्ती नियम के बाद जारी पूर्व में इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ घोषित हुए 1918 में से 34 को तो अभी ही अयोग्य घोषित कर दिया गया है। बाकी 1884 का फैसला विशेष मैन्स के बाद घोषित रिजल्ट में होगा। वहीं पदों को 87 व 13 फीसदी फार्मूले के आधार पर बांटते हुए कुल 2721 को 15 से 20 अप्रैल 2023 तक होने वाली विशेष मैन्स के लिए क्वालीफाइ घोषित कर दिया है। केवल यही अभ्यर्थी विशेष मैन्स दे सकेंगे। इन अभ्यर्थियों के रोल नंबर आयोग ने साइट पर डाल दिए हैं। यह सभी ऑनलाइन आवेदन 23 जनवरी से 22 फरवरी तक कर सकेंगे।
हाईकोर्ट के रोस्टर नियम रद्द करने के बाद लागू हुए पुराने भर्ती नियम
हाईकोर्ट जबलपुर में रोस्टर नियम को लेकर आपत्ति लगी थी और इसे लेकर 542 नंबर की याचिका लगी, जिस पर सात अप्रैल 2022 को फैसला आया और नए रोस्टर नियम को खारिज कर दिया गया। इसके बाद आयोग ने राज्य सेवा परीक्षा 2019 के पूर्व के सभी प्री व मैन्स के रिजल्ट रद्द कर दिए और दस अक्टूबर 2022 को नए सिरे से सामान्य प्रशासन विभाग के 87-13 फीसदी फार्मूले के तहत मैन्स का नए सिरे से रिजल्ट जारी किया और सभी की दोबारा मैन्स कराने की बात कही। इसे लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका लगी, जिस पर फैसला हुआ कि जो मैन्स में सफल हो चुके हैं, उनकी दोबारा परीक्षा कराने की जरूरत नहीं, लेकिन नए फार्मूले से जो सफल घोषित हो रहे हैं, उनकी जरूरत विशेष मैन्स कराकर आगे की चयन प्रक्रिया की जाए। इसके बाद आयोग ने विशेष मैन्स के लिए यह प्रक्रिया की है। साथ राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 भी लागू किया है, जिसके बाद पूर्व घोषित प्री रिजल्ट में 308 अभ्यर्थी और इसमें से इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ हो गए 34 अभ्यर्थी को अयोग्य पाते हुए बाहर कर दिया।
2721 में से केवल 858 ही मूल रिजल्ट का हिस्सा
नए 87-13 फार्मूले से बने रिजल्ट के तहत 87 फीसदी मूल रिजल्ट के हिस्से में नए अभ्यर्थी 858 आए हैं, वहीं 1863 अभ्यर्थी रिजल्ट के बी भाग यानि प्रोवीजनल कैटेगरी में पास घोषित हुए हैं। मूल रिजल्ट कैटेगरी में आए 858 अभ्यर्थियों में से एससी कैटेगरी के 287, एसटी के 190, ओबीसी के 39 और ईडब्ल्यूएस के 342 उम्मीदवार शामिल है)। इनके लिए आगे चयन प्रक्रिया बिना शर्त के जारी रहेगी लेकिन प्रोवीजनल रिजल्ट (इसमें अनारक्षित से कोई नहीं और ओबीसी कैटेगरी के 1863 शामिल है) वालों के लिए जब तक ओबीसी आरक्षण का अंतिम फैसला नहीं आता, तब तक अंतिम चयन सशर्त ही होगा। बाकी के 13 फीसदी पद ओबीसी को जाएंगे या अनारक्षित को यह हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर लगी 5901/2019 याचिका के अंतिम फैसले के आधार पर ही तय होगा।
विशेष मैन्स के बाद तैयार होगी इंटरव्यू के पात्रों की सूची
उधर पुराने राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 लागू होने के बाद अब इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ उम्मीदवारों की सूची 87-13 फीसदी के आधार पर दोबारा तैयार होगी। यानि जो अभी तक इंटरव्यू के लिए पात्र घोषित 1918 उम्मीदवार है, इसमें से भी कुछ सूची से बाहर हो सकते हैं और पुराने 31 दिसंबर 2021 के रिजल्ट में फेल हो चुके भी अंदर आ सकते हैं। विशेष मैन्स होने के बाद पीएससी राज्य सेवा परीक्षा 2019 की दोनों मैन्स दे चुके अभ्यर्थियों के अंकों के आधार पर दोबारा पदों व कैटेगरी और भर्ती नियमों के आधार पर इंटरव्यू के लिए क्वालीफाइ उम्मीदवारों की सूची जारी करेगा। इसमें से क्लीयर पात्र उम्मीदवार 87 फीसदी मूल रिजल्ट की सूची में जाएंगे और 13 फीसदी प्रोवीजनल रिजल्ट की सूची में जाएंगे।
लिफाफे में बंद होंगे 13 फीसदी उम्मीदवारों की अंतिम चयन सूची
आयोग दवारा जारी सूचना पत्र में बताया गया है कि अंतिम चयन यानि इंटरव्यू होने के बाद जब आयोग अंतिम रजिल्ट जारी करेगा, तब 87 फीसदी पदों के लिए चयनित उम्मीदवारों की सूची तो जारी हो जाएगी, लेकिन 13 फीसदी पदों के लिए इतने ही अनारक्षित वर्ग के चयनित उम्मीदवार और इतने ही ओबीसी वर्ग के पात्र उम्मीदवारों के नाम घोषित नहीं होंगे। दोनों के अलग-अलग लिफाफे में अंतिम चयन सूची बंद कर दी जाएगी और हाईकोर्ट के ओबीसी आरक्षण को आने वाले अंतिम फैसले के आधार पर ही यह सूची जारी होगी।
13 फीसदी पदों और प्रोवीजनल रिजल्ट का क्या है इश्यू
ओबीसी का आरक्षण 14 फीसदी हो या 27 फीसदी, इसे ही सुलझाने का अंतरिम तरीका है। पदों को फिलहाल 14 फीसदी ओबीसी आरक्षण के साथ मान्य किया गया है और बाकी 13 फीसदी पद ओबीसी और अनारक्षित दोनों के लिए रख दिए गए। प्री, मैन्स और इंटरव्यू सभी में मूल व प्रोवीजनल दो कैटेगरी में रिजल्ट तैयार हो रहे हैं। जिसमें 87 फीसदी मूल आरक्षण नीति के तहत जिसमें कोई चैलेंज नहीं हैं, क्लीयर है उसका मूल रिजल्ट बन रहा है और 13 फीसदी जो ओबीसी में जाएंगे या अनारक्षित में क्लीयर नहीं तो, इन पर दोनों को अलग-अलग चयनति किया जा रहा है, जो प्रोवीजनल रिजल्ट में जा रहे हैं। हाईकोर्ट से जिसके पक्ष में फैसला आएगा, वह 13 फीसदी उम्मीदवार को मूल रिजल्ट में ले लिया जाएगा और इस तरह 100 फीसदी पदों का रिजल्ट हो जाएगा, बाकी 13 फीसदी अन्य वर्ग के बाहर हो जाएंगे। इन्हें इस रिजल्ट को चैलेंज करने का भी अधिकार नहीं होगा और ना ही यह अंतिम चयन तक अपनी कैटेगरी से बाहर आकर मूल में आने का क्लेम कर सकते हैं। इसका भी वचनपत्र आयोग द्वारा आवेदन के साथ लिया जा रहा है।