गणेश चतुर्थी के दिन देश भर में गणेश पर्व मनाया जा रहा है। इसमें मध्यप्रदेश के इंदौर में 4000 गणेश प्रतिमाओं की झांकी लगाई गई हैं। इसके अलावा सीहोर गका चिंतामण सिद्ध गणेश मंदिर, इंदौर का खजराना गणेश मंदिर और जबलपुर के मनोकामना वाले गणेश जी काफी प्रसिद्ध हैं। आइए जानते हैं इन मंदिरों के बारे में....
इंदौर के 4000 गणेश प्रतिमाएं
राजकुमार शाह ने गणेश जी की गहरी श्रद्धा के चलते उन्होंने कई गणेश मुर्तियां जमा की है। उन्होंने 4 हजार से ज्यादा गणेश प्रतिमाओं का कलेक्शन बनाया है। इनमें मेटल से लेकर सिरेमिक (चीनी मिट्टी), मिट्टी से लेकर वुड और दूसरे माध्यमों में बनाई गई मूर्तियां शामिल हैं। पीपल के पत्ते पर बने सोने के गणेश के अलावा अमेरिकन डायमंड के सुंदर रूप में भी गणेश कलाकृति को राजकुमार शाह ने संजो कर रखा है।
सीहोर के चिंतामण सिद्ध गणेश
सीहोर की यह प्रतिमा विक्रमादित्य के शासनकाल में ही स्थापित हो गई थी। यह गणेश मंदिर श्रीयंत्र के कोणों पर स्थित है। कहा जाता है विक्रमादित्य अपने देखे गए स्वप्न के आधार पर पार्वती नदी से प्राप्त कमल पुष्प को रथ पर लेकर जा रहे थे। रास्ते में रथ का पहिया जमीन में धंस गया और उस कमल से गणेश की यह प्रतिमा प्रकट होने लगी। विक्रमादित्य उसे निकालने का प्रयास कर रहे थे, पर वह जमीन में धंसने लगी। इसके बाद उन्होंने प्रतिमा यही स्थापित कर दी।
इंदौर के खजराना गणेश
खजराना मंदिर इंदौर के लोगो की आस्था का एक बड़ा केन्द्र है। मंदिर का जीर्णोद्धार 1735 में शुरू हुआ। तत्कालीन होलकर घराने की इच्छा थी कि प्रतिमा को राजबाड़ा लेकर आएं और यहां मंदिर बनाकर स्थापित करें। इसके लिए कई कोशिशें की गईं लेकिन गणेश प्रतिमा टस से मस नहीं हुई।
आखिरकार इसे भगवान की इच्छा मानकर वहीं मंदिर बनाने का फैसला किया गया हुआ। मंदिर में हर महीने करीब 40 लाख रुपए चढ़ावा आता है। यहां के अन्न क्षेत्र में हर दिन 1800 लोग नि:शुल्क भोजन करते हैं।
जबलपुर के मनेकामना वाले गणेश जी
जबलपुर का गणेश मंदिर मनोकामनाओं के लिए जाना जाता है। इस मंदिर से जुड़ी आस्था है कि जब इसके निर्माण की तैयारी चल रही थी तब मंदिर को भूमि तल से 5-6 फीट ऊपर उठाकर बनाने का फैसला किया गया था। उससे जुड़ी किवदंतियां सुनी होगी, लेकिन संस्कारधानी में एक अर्जी वो गणेशजी का मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है।
नर्मदा नदी के तट पर बने इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना पूरी करने की लिए अर्जी एक नारियल के साथ लगाते हैं। अब तक 1.80 लाख अर्जियां लगाई जा चुकी हैं। मंदिर प्रबंधन का दावा है कि इसमें से 60 हजार की मनोकामना पूरी हो चुकी है। हर अर्जी का यहां ब्यौरा नाम, पता व मोबाइल नंबर के साथ रजिस्टर में दर्ज किया जाता है।