Jabalpur. मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी की कमियां लगातार उजागर हो रही हैं। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से चली आंसरशीट के बंडल को तो मेडिकल यूनिवर्सिटी ने खोज निकाला और डाक विभाग पर गलती का ठीकरा फोड़ दिया, लेकिन नियमों के विरूद्ध ग्वालियर के निजी कॉलेज को परीक्षा केंद्र बनाने की चूक यहां उजागर हो गई। ग्वालियर में बीएससी नर्सिंग की परीक्षा का केंद्र एक निजी कॉलेज में बनाया गया था, जहां से परीक्षा की आंसरशीट भी एक माह बाद यूनिवर्सिटी को मिल पाई। यूनिवर्सिटी से जुड़े सूत्रों को कहना है कि इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी निजी कॉलेज को परीक्षा केंद्र बना दिया गया हो।
एक दिन में मिल गया खोया हुआ बंडल
इधर भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से चला आंसरशीट का बंडल हल्ला मचने के बाद अगले दिन ही यूनिवर्सिटी पहुंच गया। जिसके बाद कुलसचिव डॉ पुष्पराज पटेल सामने आए और इस चूक के लिए पूरी तरह से डाक विभाग को जिम्मेदार ठहरा दिया। लेकिन ग्वालियर में निजी कॉलेज को परीक्षा केंद्र किस नियम के तहत बना दिया गया इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन अभी तक चुप है।
सीएम से ध्यान देने की अपील
आंसरशीट का बंडल गायब होने की जानकारी उजागर करने वाले छात्र नेता अभिषेक पांडे ने कहा है कि पहले टाइपिंग मिस्टेक, फिर आंसरशीट का भीगना, उसके बाद आंसरशीट का बंडल गायब होना और अब निजी कॉलेज में परीक्षा केंद्र यह सब खामियां सिलसिलेवार ढंग से सामने आ रही हैं। अभिषेक पांडे ने विश्वविद्यालय के विखंडन और भ्रष्टाचार के लिए रीजनल सेंटर में वैल्युएशन की कोशिश के भी आरोप जड़ दिए हैं। उधर नर्सिंग छात्र संगठन के गोपाल पाराशर ने तो सीएम शिवराज सिंह चौहान तक से अपील की है कि वे मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी की गतिविधियों की तरफ ध्यान दें। साथ ही संगठन राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग करने की बात कह रहा है।