योगेश राठौर, INDORE. एक बार फिर द सूत्र की खबर का बड़ा असर हुआ है। द सूत्र ने 24 मार्च को खबर दिखाई थी कि प्रदेश के दबंग मंत्रियो में से एक माने जाने वाले वन मंत्री कुंवर विजय शाह को नगर निगम ने 19.51 लाख रुपए का संपत्ति कर बकाया का नोटिस भेजा है, लेकिन ये नोटिस गलत है, क्योंकि संपत्ति व्यावसायिक तौर पर दर्ज है। ये नोटिस कायदे से 40 लाख के करीब होना चाहिए। अब नगर निगम ने इस गलती को सुधारते हुए वन मंत्री की संपत्ति को व्यावसायिक तौर पर रजिस्टर्ड कर लिया है और नए सिरे से नोटिस जारी कर दिया है, जो 34 लाख 21 हजार रुपए का है।
मंत्री विजय शाह ने एक भी रुपया नहीं भरा
निगम पर तो असर हो गया है और गलती सुधार ली है, लेकिन मंत्री जी उसी अंदाज में हैं और उन्होंने नोटिस के बाद भी एक रुपए का संपत्ति कर नहीं भरा है और निगम भी इस मामले में चुप्पी साधे बैठा है। जहां दूसरों के यहां वसूली के लिए बोर्ड, नोटिस चस्पा किए, कुर्की की धमकी दी, लेकिन वहीं मंत्री जी के मामले में चुपचाप उनके पीए को नोटिस की कॉपी थमाकर चलते बने।
द सूत्र ने किया था खुलासा, वहां होटल बनाना चाहते हैं मंत्री जी
द सूत्र ने बताया था कि कनाडिया क्षेत्र की सर्वे नंबर 416/1 जो 51 हजार वर्ग फीट है उसे आवासीय माना हुआ है और निगम की सीमा में 2014 से आने के बाद से ही इस पर टैक्स नहीं भरा गया है। निगम ने 2014 से वित्तीय साल 2022-23 तक का कुल 19.51 लाख भरने का नोटिस भेजा है। वहीं ये जमीन 2011 में मंत्री शाह ने खरीदी थी, मौके पर जमीन खाली है और कच्चा निर्माण है। जमीन खेती की थी, जिसे बाद मंत्री ने 2012 में व्यावसायिक उपयोग के लिए कन्वर्ट कर लिया, यानी लैंडयूज बदलवा लिया। लैंडयूज भी होटल के लिए किया गया है।
इस तरह बना है नई दर से टैक्स
नगर निगम द्वारा आवासीय मामले में 12 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से संपत्ति कर लिया जाता है। इसमें जलकर, कचरा शुल्क, सरचार्ज भी जुड़ता है। वहीं व्यवासायिक मामले में ये 21 रुपए प्रति वर्ग फीट होता है। इस हिसाब से टैक्स और ब्याज जोड़कर जो राशि अभी आवासीय दर से 19.51 लाख रुपए हो रही है, वो अब 34 लाख 21 हजार की हो गई है।
शपथ पत्र में मंत्री ने बताया उन पर कुछ बकाया नहीं
विधानसभा चुनाव के दौरान हरसूद (खंडवा) से चुनाव लड़ने वाले शाह ने अपने शपथ पत्र में बताया है कि उन पर किसी भी तरह का टैक्स बकाया नहीं है। नगर निगम, नगर पालिक टैक्स बकाया राशि में ये जीरो बताया है। वहीं चुनावी साल 2018-19 की बात करें तो नगर निगम इंदौर का उन पर 2 लाख 57 हजार 411 रुपए बकाया (नई दर से यह 17.22 लाख रुपए आता है) था। यानी शपथ पत्र में सही जानकारी नहीं दी गई।
शपथ पत्र के हिसाब से मंत्री की हर साल कमाई 75 लाख
मंत्री द्वारा 2018 में दिए गए शपथ पत्र के अनुसार 2018-19 के दौरान उनकी सालाना आय 75 लाख रुपए से ज्यादा है। वहीं उनकी चल संपत्ति 3.37 करोड़ की तो अचल संपत्ति का मूल्य 6.85 करोड़ रुपए था। यानी वो 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक हैं। उनके पास लंबी-चौड़ी जमीन है तो कई तरह के वाहन हैं, खेती और गैस एजेंसी से कमाई है, लेकिन इसके बाद भी संपत्ति कर नहीं भर रहे हैं।