देव श्रीमाली, GWALIOR. कानूनी जंग में ग्वालियर नगर निगम को एक बड़ी कामयाबी मिली जब हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने हुरावली इलाके में प्राइम लोकेशन की करोड़ों की अतिक्रमित भूमि का स्वामी मानते हुए अतिक्रमणकर्ता के वाद को निरस्त कर दिया। नगर निगम ने आनन-फानन में आज अपना पूरा अमला लगाकर इस पर तत्काल अपना कब्जा भी ले लिया।
2005 से चल रहा था केस
मुरार इलाके में हुरावली के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर से सटी हुई 23 बीघा 8 बिस्वा भूमि नगर निगम की थी जिस पर कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा था और खेती कर रहे थे। इसको लेकर उन्होंने निचली अदालत में वाद भी दायर किया था लेकिन वो खारिज हो गया। इसके बाद अतिक्रमणकर्ताओं ने जमीन को अपनी बताते हुई हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में वाद दायर किया। वहां से स्टे हो गया। तब से वे लोग कब्जा करके खेती कर रहे थे और नगर निगम कानूनी लड़ाई लड़ रहा था। लंबी लड़ाई के बाद कल कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया और नगर निगम की भूमि मानते हुए अपने स्टे को भी खत्म कर दिया।
रात में ही की कब्जे की औपचारिकता पूरी
दूसरा पक्ष सुप्रीम कोर्ट जाकर फिर अड़चन पैदा न कर दे, इससे वाकिफ नगर निगम अफसर पूरी रात जमीन पर कब्जे की तैयारी में जुटे रहे। रात में ही सभी कानूनी औपचारिकताएं पूरी की गई और सुबह होते ही निगम का पूरा अमला कब्जा लेने पहुंच गया। वहां पुलिस का भी पर्याप्त बंदोबस्त किया गया था। कब्जा लेने के साथ ही इसमें खड़ी फसल आदि नष्ट कर इसका लेबल किया गया। इस दौरान आयुक्त किशोर कान्याल स्वयं भी वहां मौजूद रहे। उन्होंने फटाफट इसमें मदाखलत का दफ्तर शिफ्ट करने की व्यवस्था भी कर दी।
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करोड़ों की है ये जमीन
2005 में जब इस जमीन को लेकर विवाद हुआ था तब यहां ज्यादा बसाहट नहीं लेकिन अब ये इलाका पॉश इलाका बनता जा रहा है। आयुक्त कान्याल का कहना है कि ये प्राइम लोकेशन की भूमि है जिसकी वर्तमान वैल्यू कम से कम 100 करोड़ के आसपास है। उन्होंने कहा कि ये नगर निगम के लिए ऐतिहासिक पल है। उन्होंने कहा कि इनकी बाउंड्री भी बनाएंगे ताकि लोग अब इस पर अपनी कुदृष्टि न डाल सकें।