कमलेश सारडा, NEEMUCH. नीमच में द सूत्र की खबर का असर देखने को मिला है। 40 फीट चौड़ा रास्ता बनाने के लिए निजी जमीन के मालिक की खड़ी फसल को उजाड़ने के मामले में नगर परिषद को मालिक से समझौता करना पड़ा। वहीं राम जानकी मंदिर की जमीन और एमपीआरडीसी के डिवाइडर तोड़ने के मामले में नगर परिषद कटघरे में खड़ी है।
45 की जगह 20 फीट चौड़ा बनेगा रास्ता
जावद नगर परिषद ने 13 जनवरी को बिना सूचना के वे बिना किसी की परमिशन के जेसीबी चलाकर दशहरा मैदान के लिए जाने आने के रास्ते के लिए अवैध रूप से की गई कार्रवाई के विरोध में जब परिवार की मनोरमा रामानुज राठी ने कार्रवाई को गलत बताया। दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ और समझौते में ये तय किया गया कि जो 45 फीट का रास्ता बना दिया गया था उसे 20 फीट चौड़ा बनाने पर सहमति हुई।
जावद नगर परिषद को करना पड़ा समझौता
नगर परिषद और राठी परिवार के बीच रविवार को बैठकर समझौता किया गया जिसमें ये फैसला लिया गया कि राठी परिवार की जो जमीन है उसमें से 20 फीट राठी परिवार नगर परिषद सार्वजनिक हित के लिए दे देगा। वहीं अभी तय किया गया कि मार्ग का नाम राठी परिवार की सहमति से रखा जाएगा।
राम जानकी मंदिर की जमीन और डिवाइडर का मामला पेंडिंग
राम जानकी मंदिर की जमीन पर नगर परिषद द्वारा की गई कार्रवाई के विरुद्ध जिला कलेक्टर क्या कार्यवाही करते हैं इसी प्रकार एमपीआरडीसी का जो डिवाइडर तोड़ा गया है उसमें विभाग क्या कार्यवाही करता है। ये दोनों मामले पेंडिंग है।
क्या था मामला ?
आपको बता दें कि नीमच रोड महात्मा गांधी महाविद्यालय के पास शुक्रवार को दोपहर मे नगर परिषद का अमला जेसीबी लेकर किसान के खेत पर पंहुचा और फसल नष्ट करते हुऐ जेसीबी चलाई गई। लगभग 45 फीट का रास्ता बनाया गया जो दशहरा मैदान तक जेसीबी चलाई गई। इस कार्रवाई के दौरान जमीन को लेकर किसान परिवार दबी जुबान विरोध करते नजर आए।
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किसान ने क्या कहा था ?
किसान राधेश्यामदास बैरागी का कहना है कि ये जमीन मंदिर की है और मैं पिछले 50 सालों से देखता आ रहा हूं। यहां पर कोई रास्ता नहीं है और ना ही ये नगर परिषद की जमीन है। ये राम जानकी मंदिर रामद्वारा की जमीन है। नगर परिषद द्वारा जबरन सरसों और गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट किया गया। मेरी लगभग 1 बीघा फसल नष्ट हो गई। सरसों की फसल लगभग 15 दिनों मे पकने वाली थी और गेहूं की फसल खड़ी थी। मेरा लगभग 30 हजार का नुकसान हुआ है।