बालाघाट में जादूटोने के शक में हत्या, बेटी और पत्नी की मौत का जिम्मेदार मानता था आरोपी, कुल्हाड़ी से की थी हत्या

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Rajeev Upadhyay
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बालाघाट में जादूटोने के शक में हत्या, बेटी और पत्नी की मौत का जिम्मेदार मानता था आरोपी, कुल्हाड़ी से की थी हत्या

Balaghat, Sunil Kore. बालाघाट में  लांजी पुलिस ने थाना अंतर्गत डाबरी चौकी में सूरजलाल टेकाम की हत्या धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने गांव के ही एक शख्स को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने बताया कि आरोपी प्रतापसिंह उईके ने जादूटोने के शक में सूरजलाल टेकाम की हत्या की थी। जिसके शव को 10 फरवरी को पुलिस ने बरामद किया था। चूंकि शव बरामदगी के बाद पंचनामा कार्यवाही के दौरान मृतक के गले में किसी धारदार हथियार से काटने के निशान होने पर पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर विवेचना में लिया था। 



एसपी समीर सौरभ ने बताया कि आरोपी प्रतापसिंह उइके की दो बेटियों और पत्नी की आकस्मिक मौत हो गई थी। जिससे आरोपी को शक था कि सूरजलाल टेकाम ने उसकी बेटी और पत्नी पर जादूटोना किया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसी बात पर आरोपी ने 9 फरवरी को सूरजलाल टेकाम के लातरी से वापस होते समय उसकी कुल्हाड़ी मारकर हत्या कर दी थी। चूंकि मामला अंधे हत्याकांड से जुड़ा होने के कारण जब पुलिस ने मामले की विवेचना की तो पता चला कि दो वर्ष पूर्व प्रतापसिंह का सूरजलाल टेकाम से विवाद हो हुआ था और जो घटना के बाद से नजर नहीं आया था।




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    पुलिस ने आरोपी को तुम्मा के जंगली क्षेत्र से पकड़कर उससे पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि दो बेटियों और पत्नी की आकस्मिक मौत से वह सूरजलाल टेकाम पर जादूटोने का शक करता था और गत 9 फरवरी को सूरजलाल टेकाम, जब लातरी निवासी दशरथ तिलगाम के घर से बारसा कार्यक्रम के बाद शामिल होकर वापस लौट रहा था। इस दौरान ने उसकी कुल्हाड़ी से हत्या कर दी थी। पुलिस ने आरोपी के पास से हत्या में प्रयुक्त की गई कुल्हाड़ी को जब्त कर लिया हैं। 



    पुलिस अधीक्षक समीर सौरभ ने स्वीकार किया कि क्षेत्र के आदिवासी अंचल में जादूटोने का अंधविश्वास गहरा है। जिसके प्रति कम्युनिटी पुलिसिंग के तहत हम जागरूक करने का प्रयास कर रहे है, जिसमें मीडिया भी इसमें अहम भूमिका निभाते हुए लोगों को ऐसे अंधविश्वास से जागरूक करने का काम करे। उन्होंने कहा कि आरोपी से पूछताछ में पता चला कि बेटियों और पत्नी के बीमार होने पर प्रतापसिंह उईके ने कभी उन्हें शासकीय अस्पताल में नहीं दिखवाया बल्कि उनका झाड़फूंक से ईलाज कराने में जुटा रहा। जिसके कारण सही उपचार नहीं मिलने पर उनकी मौत हो गई। जिसे प्रतापसिंह उईके , बेटियों और पत्नी की मौत के लिए सूरलाल टेकाम पर जादूटोना का शक करता था। 

        


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