GWALIOR. मशहूर संगीतकार उस्ताद जाकिर हुसैन ग्वालियर में आईटीएम यूनिवर्सिटी में संगीत रसिकों और विद्यार्थियों से संवाद करेंगे। कार्यक्रम 8 दिसंबर को शाम पौने 6 बजे से शुरू होगा। उस्ताद अलाउद्दीन खान सभागार में ये कार्यक्रम होगा। जाकिर हुसैन ने 12 साल की उम्र से ही दुनिया में अपने तबले की ताल बिखेरना शुरू कर दिया था।
जाकिर का पहला एलबम लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड
1973 में जाकिर हुसैन का पहला एलबम आया जिसका नाम था लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड। इसके बाद जाकिर ने अपने तबले की आवाज को दुनिया में बिखेरने की ठान ली। 1973 से 2007 तक वे कई इंटरनेशनल समारोह और एलबम में तबला बजाते रहे। जाकिर हुसैन भारत के साथ-साथ विदेशों में भी फेमस हो गए।
37 साल की उम्र में मिला पद्मश्री पुरस्कार
जाकिर हुसैन को 1988 में पद्मश्री पुरस्कार मिला। उस वक्त उनकी उम्र सिर्फ 37 साल थी। वे पद्मश्री पुरस्कार पाने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति थे। 2002 में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार से नवाजा गया। 1992 और 2009 में उन्हें संगीत का सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार ग्रैमी अवॉर्ड मिला।
जाकिर हुसैन को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने बुलाया था
जाकिर हुसैन पहले भारतीय संगीतकार थे जिन्हें ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था।
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जाकिर हुसैन ने एक्टिंग में भी आजमाया हाथ
जाकिर हुसैन बेहतरीन तबला वादक तो थे ही उन्हें एक्टिंग का भी शौक था। 1983 में जाकिर हुसैन ने फिल्म 'हीट एंड डस्ट' से एक्टिंग में डेब्यू किया था। इसके बाद वे 1988 में 'द परफेक्ट मर्डर', 1992 में 'मिस बैटीज चिल्डर्स' और 1998 में 'साज' फिल्म में भी नजर आए थे। 1978 में जाकिर हुसैन ने कथक नृत्यांगना एंटोनिया मिनीकोला से शादी की थी। वे इटैलियन थीं और जाकिर हुसैन की मैनेजर थीं।