BHOPAL.नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से मध्यप्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में लाए गए चीते अब भारतीय नामों से पहचाने जाएंगे। चीतों के नामकरण के बाद अब नामीबिया से लाई मादा चीता अशा को आशा, सवाना को नाभा, ओबान को पवन, सियाया को ज्वाला, तिब्लिस का धात्री, एल्टन का गौरव और फ्रेडी का नाम शौर्य रखा गया है। इसी तरह अफ्रीका के फिंडा गेम रिजर्व से लाई गई वयस्क मादा का नाम दक्षा, वयस्क नर में से एक का वायु व दूसरे का अग्नि नाम रखा है। मापे रिजर्व से लाई गई मादा को नीर्वा नाम दिया गया है।
मन की बात में पीएम ने मांगे थे नाम
चीतों को लोकप्रिय बनाने और आम लोगों के बीच इनके प्रति संवेदनशीलता की भावना पैदा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर 2022 को मन की बात कार्यक्रम के दौरान इनके नामकरण के लिए लोगों से सुझाव देने के लिए कहा था। चीतों को नाम देने के लिए कॉम्प्टीशन रखा गया था, जिसके जरिए लोगों ने चीतों के लिए ऑनलाइन नाम भेजे थे। लोगों द्वारा सुझाए गए नामों में से कुछ नामों को सिलेक्ट कर अब चीतों का नामकरण किया गया है।
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एक मादा चीता की हो चुकी है मौत
एक मादा चीता साशा की किडनी में इंफेक्शन की वजह से मौत हो गई थी। ये 8 चीते नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाए गए थे। पिछले साल 17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन्हें बाड़े में रिलीज किया था।
29 मार्च को मादा चीता सियाया ने जन्मे थे 4 शावक
कूनो नेशनल पार्क से एक बड़ी खुशखबरी मिली कि मादा चीता सियाया ने 29 मार्च को कूनो नेशनल पार्क में घनी झाड़ियों के बीच चार शावकों को जन्म दिया है, जिसके बाद अब कूनो नेशनल पार्क में 9 मादा चीता, 10 नर चीता व चार शावक हैं।
11,565 लोगों ने लिया था प्रतियोगिता में भाग
केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव ने बताया कि नाम सुझाने के लिए हुई प्रतिस्पर्धा में 11,565 लोगों ने भाग लिया था। चयन समिति ने सुझाए गए नामों में से महत्व और प्रासंगिकता के आधार पर चीतों के लिए नामों का चयन किया।