भोपाल में कथावाचक देवकी नंदन ने कहा- देश में नौ राज्य हिंदू अल्पसंख्यक हो गए, ऐसे में बेहद जरूरी है हिंदू ज्यादा बच्चे पैदा करें

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BP Shrivastava
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भोपाल में कथावाचक देवकी नंदन ने कहा- देश में नौ राज्य हिंदू अल्पसंख्यक हो गए, ऐसे में बेहद जरूरी है हिंदू ज्यादा बच्चे पैदा करें

BHOPAL. प्रसिद्ध कथावाचक देवकी नंदन ठाकुर रविवार, 2 अप्रैल से भोपाल के टीटी नगर दशहरा मैदान पर भागवत कथा सुनाएंगे। एक दिन पहले, शनिवार को कथावाचक यहां पहुंचे  और मीडिया से बातचीत की। उन्होंने एक बार फिर हिंदुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने की अपील की। कथावचक ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण कानून जब तक नहीं बनता, तब तक हिंदुओं को एक-दो नहीं, इससे ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए। उन्होंने कहा, देश के नौ राज्य हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। ऐसे में बेहद जरूरी हो गया है कि हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए, ताकी संतुलन बना रहे।





... तो हिंदुओं को 5-6 बच्चे पैदा करने में क्या बुराई





अपनी बेबाकी के लिए मशहूर कथावाचक देवकी नंदन ने कहा कि अल्पसंख्यक चार पत्नियों से 40 बच्चे पैदा कर सकते हैं तो हिंदुओं को भी जागना होगा। हम दो हमारे दो और 40 बच्चों का अंतर नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि जब हिंदू महिलाएं एक या दो बच्चे पैदा कर सती हैं तो फिर 5-6 में क्या बुराई है। हम अपने देश में ही अल्पसंख्यक हो रहे हैं। यह स्थिति आगे जाकर और खतरनाक हो सकती है। इसके लिए हिंदुओं को जाग जाना चाहिए।





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भारत हिंदू राष्ट्र नहीं रहेगा तो धर्मनिरपेक्षता की कल्पना कैसे करें





 कथावाचक देवकी नंदन ने धर्मनिरपेक्षता के सवाल पर कहा कि जब भारत हिंदू राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो धर्मनिरपेक्ष देश की कल्पना कैसे कर सकते हैं।  उन्होंने कहा ,देश में देखते-देखते ही नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं और यह सिलसिला अनवरन जारी है। इसकी किसी को चिंता नहीं है और ना कोई सामने आ रहा है। हिंदू बहन-बेटियों की स्थिति पर सब मौन हैं। राजनेता, मीडिया और सरकारें चुप हैं। इसलिए कहा कि हिंदू राष्ट्र ही नहीं रहेगा तो धर्मनिरपेक्षता कहां होगी।





इंटरकास्ट मैरिज एक्ट बनाने पर दिया जोर





उन्होंने इंटर कास्ट मैरिज एक्ट बनाने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि लव जिहादलव जिहाद सुनियोजित तरीके से देश के अंदर चल रहा है। युवती की फ्रिज में रखी लाश को लव कहेंगे ? ये तो सोची समझी रणनीति है। दूसरा अंतर-धर्म विवाह यानी कि सनातनी बच्चियों की शादी दूसरे धर्म में नहीं होना चाहिए। इस पर एक कानून बने। ताकि हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित रह सकें।





सनातनी बोर्ड की स्थापना होनी चाहिए





कथावाचक ने कहा कि समान नागरिक संहिता आखिरकार मुसलमान पर क्यों नहीं लागू होती। हम जिस देश में रहते हैं तो हमें वहां के कानून का पालन करना पड़ेगा। जैसे वक्फ बोर्ड की स्थापना हुई है, वैसे ही सनातनी बोर्ड की स्थापना होनी चाहिए। धर्माचार्य ही वहां पर पदाधिकारी हों। मुझे कोई ये बताए कि सरकार ने आजादी के बाद कोई मस्जिद, चर्च को अपने कब्जे में क्यों नहीं लिया?





ईश निंदा के कानून बनना चाहिए





कथावाचक देवकी नंदन ने कहा कि देश में रामायण जलाई जा रही है, कोई राम के ऊपर संदेह कर रहा है। शिवलिंग पर अभद्र टिप्पणी की जा रही है। यदि ईशनिंदा पर कानून बनेगा तो कोई भी व्यक्ति हमारे देवी-देवताओं और धार्मिक ग्रंथों पर ऊंगली नहीं उठा सकेगा।





देवकी नंदन ने यह भी कहा





कथावाचक ने कहा कि विश्व के 600 इस्कॉन मंदिरों में भगवान कृष्ण को मानने वाले भी तो दूसरी संस्कृति के हैं। जो युवतियां छोटे कपड़े को स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति मानती हैं वहीं,अपनी शादी में सात फेरे क्यों लेती हैं? क्यों दुल्हन का जोड़ा पहनती है? इससे समझा जा सकता है कि कहीं न कही संस्कृति का बीज अभी भी जीवित है जो पल्लवित होगा। मैं अपनी कथा के माध्यम से युवतियों से कहता हूं कि दूसरे धर्म में शादी न करें, नहीं तो उनके 35 टुकड़े कर दिए जाएंगे। लैंड जिहाद पहले समझ में नहीं आता था। सोशल मीडिया में अब इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं केवल मुद्दा उठा सकता हूं। जो में कर रहा हूं।



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