BHOPAL. आज राष्ट्रीय मतदाता दिवस है। हर साल 25 फरवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है। साल 2011 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य लोगों में मतदान के प्रति जागरुकता लाना है।
25 जनवरी ही क्यों ?
भारत की आजादी के 3 साल बाद जब देश में 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया तो उससे ठीक एक दिन पहले चुनाव आयोग की स्थापना की गई थी। 25 जनवरी को चुनाव आयोग की स्थापना के दिन ही राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने का फैसला किया गया।
मतदाता दिवस कैसे मनाया जाता है ?
मतदाता दिवस के दिन मतदाताओं की पहचान की जाती है। ऐसे युवा को 18 साल की आयु पार कर चुके होते हैं उनकी पहचान करके उनका नाम मतदाता सूची में जोड़ा जाता है। उनका वोटर आईडी कार्ड बनाया जाता है। मतदाता दिवस पर मतदाताओं को मतदान करने की शपथ दिलाई जाती है।
स्थानिक मतदाता पंजीकरण की पात्रता
कोई भी नागरिक जिसकी उम्र 18 वर्ष या इससे ज्यादा हो, मतदान करने के लिए अपना पंजीकरण करवा सकते हैं।
नामांकन प्रक्रिया
कोई भी व्यक्ति एक ही जगह पर अपना नामांकन करवा सकता है। नामांकन करने के लिए आपको फॉर्म-6 भरना होगा एवं इसे संबद्ध निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचन पंजीयन अधिकारी के पास जमा करना होगा। फॉर्म-6 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है कई तरीकों से भरे जा सकते हैं। आप अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी भी तरीके से फॉर्म-6 भर कर भेज सकते हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया
आप अपना मतदाता पंजीकरण फॉर्म (फॉर्म-6 - पीडीएफ फाइल जो नई विंडों में खुलती है) ऑनलाइन भर सकते हैं।
डाक के द्वारा
आप फॉर्म-6 डाउनलोड करके उसे भरकर डाक के जरिए मतदाता पंजीकरण केंद्र में भेज सकते हैं।
सीधे कार्यालय में जमा करें
आप अपना पंजीकरण फॉर्म सीधे मतदाता पंजीकरण केंद्र में जमा कर सकते हैं।
मतदाता पंजीकरण के फॉर्म-6 के लिए क्लिक करें.. eci.gov.in
Candidate लैटिन भाषा के एक शब्द से आया
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 25 जनवरी को मनाया जाता है। 'Candidate' शब्द लैटिन भाषा के 'Candidatus' से आया है। आपको बता दें कि 1950 के दशक में मतपत्र के बजाय हर उम्मीदवार के लिए अलग मतपेटी का इस्तेमाल किया गया था। अलग-अलग रंग की मतपेटी, अलग-अलग पार्टी से संबंधित थी।
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एक ऐसा पोलिंग बूथ जहां सिर्फ 1 वोटर
गुजरात के गिर सोमनाथ में एक ऐसा पोलिंग बूथ बनता है जहां पर सिर्फ एक वोटर मतदान करता है। इस वोटर का नाम संत हरिदास बापू है। संत हरिदास बापू बाणेज आश्रम के महंत हैं। उनके एक वोट के लिए 15 सदस्यीय चुनाव कर्मचारी विधिवत एक बूथ का निर्माण करते हैं। हरिदास बापू बाणेज के जंगल में आने वाले मतदान कर्मचारियों के लिए खुद ही रहने और खाने की व्यवस्था करते हैं। यहां पर 100 प्रतिशत मतदान होता है।